मुंगेर : बिहार शिक्षा परियोजना द्वारा मुंगेर जिले में समुदाय प्रतिनिधियों का तीन दिवसीय प्रशिक्षण कागज पर ही संचालित हो रहा है. विद्यालय शिक्षा समिति के अध्यक्ष, सचिव व सदस्यों के लिए आयोजित इस प्रशिक्षण की जानकारी भी अधिकांश समिति पदाधिकारियों को नहीं है. जबकि बुधवार को प्रशिक्षण का दूसरा दिन है.
इस प्रशिक्षण मद में आवंटित लाखों रुपये का बारा-न्यारा परियोजना के कर्मी से लेकर प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी तक कर रहे हैं. विद्यालय विकास योजना के तहत जिले के सभी प्राथमिक, मध्य एवं बुनियादी विद्यालय के शिक्षा समिति सदस्यों को तीन दिवसीय प्रशिक्षण दिया जा रहा है. लेकिन बदहाली यह है कि दर्जन भर स्थानों पर भी प्रशिक्षण संचालित नहीं हो रहा. बिहार शिक्षा परियोजना के अधिकारी, कर्मचारी,
उत्प्रेरक एवं प्रखंड स्तर पर शिक्षा पदाधिकारी की मिलीभगत से प्रशिक्षण के नाम पर लूट मची है. प्रशिक्षण के लिए है बजटीय प्रावधान विद्यालय शिक्षा समिति के सदस्यों के त्रि-दिवसीय प्रशिक्षण के लिए बिहार शिक्षा परियोजना ने बजटीय प्रावधान भी किया है. इसके तहत प्रत्येक छह विद्यालय के 42 सदस्यों को एक स्थान पर प्रशिक्षण दिया जाना है. इसके लिए 12,600 रुपये आवंटित है. इन मदों में है आवंटन प्रशिक्षक का मानदेय : 2400 रुपये भोजन मद में : 5280 रुपयेप्रशिक्षण सामग्री : 1050 रुपये मुद्रित सामग्री : 1050 रुपये जेनेरेटर भाड़ा / ईंधन : 800 रुपये प्रशिक्षण व्यवस्था : 600 रुपये अन्यान्य खर्च : 670 रुपये प्रशिक्षण का है उद्देश्य विद्यालय शिक्षा समिति के अध्यक्ष, सचिव एवं सदस्यों के प्रशिक्षण का मुख्य उद्देश्य नि:शुल्क एवं अनिवार्य बाल शिक्षा अधिनियम 2009 के अनुसार विद्यालय शिक्षा समिति द्वारा प्रत्येक वर्ष विद्यालय विकास योजना का निर्माण किया जाना है.
इसके तहत समुदाय, बच्चे व शिक्षकों की भागीदारी को मजबूत बनाने के लिए प्रशिक्षण की व्यवस्था की गयी है. ताकि शिक्षा समिति अपने आवश्यकतानुसार विद्यालय का विकास सुनिश्चित कर सके. शिक्षा समिति को नहीं है जानकारी शिक्षा समिति के अध्यक्ष, सचिव व सदस्यों को दी जा रही प्रशिक्षण की जानकारी समिति के इन पदाधिकारियों को है ही नहीं.
तारापुर प्रखंड के धौनी प्राथमिक विद्यालय शिक्षा समिति के अध्यक्ष राजेश चौधरी, मध्य विद्यालय माहपुर के अध्यक्ष जनार्दन सिंह एवं प्राथमिक विद्यालय देवगांव के अध्यक्ष विवेक रजक को इस प्रशिक्षण की कोई जानकारी नहीं है. इन अध्यक्षों ने कहा कि विद्यालय विकास योजना के किसी प्रशिक्षण की जानकारी उन लोगों को नहीं है और न ही गत वर्ष इस प्रकार का प्रशिक्षण उन लोगों को दिया गया था. केस स्टडीटेटियाबंबर प्रखंड के कलई गांव स्थित सीआरसी में छह विद्यालयों के शिक्षा समिति का प्रशिक्षण दिया जाना था. प्रशिक्षण देने के लिए वहां प्रशिक्षक विजय कुमार व विनय कुमार तो मौजूद थे.
लेकिन प्रशिक्षणार्थी का पता नहीं था. इस संबंध में विद्यालय शिक्षा समिति के सदस्य प्रधानाध्यापक तरूण कुमार सिंह एवं अध्यक्ष हेमा कुमारी से प्रशिक्षण के संदर्भ में पूछा गया तो इन लोगों का कहना था कि उन्हें किसी प्रशिक्षण की कोई जानकारी नहीं मिली है. जबकि प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी शिव प्रसाद सिंह ने कहा कि प्रशिक्षण कार्यक्रम होना था. लेकिन किसी कारण वश नहीं हो पाया. कहते हैं जिला कार्यक्रम पदाधिकारी बिहार शिक्षा परियोजना के सर्वशिक्षा अभियान के जिला कार्यक्रम पदाधिकारी राजकुमार शर्मा ने बताया कि कई स्थानों पर निर्धारित राशि प्राप्त नहीं होने के कारण प्रशिक्षण कार्यक्रम प्रभावित हुआ है. लेकिन इसे री-शिड्यूल किया जायेगा.