फोटो संख्या : 10फोटो कैप्सन : कथा का श्रवण करते श्रद्धालु प्रतिनिधि, बरियारपुर —————-सत्कर्म मानव का सबसे बड़ा धर्म है. इसके अंतर्गत सारे अच्छे कार्य आते हैं. राष्ट्रपिता महात्मा गांधी व उनसे पूर्व के महापुरुषों का भी ऐसा ही कहना है. उक्त बातें ईटहरी शिव मंदिर में आयोजित 11 दिवसीय महारुद्र यज्ञ के दौरान शुक्रवार को शास्त्री जी महाराज श्रद्धालुओं को संबोधित करते हुए कही. उन्होंने कहा कि मानव ज्ञान के अभाव में सत्कर्म भूल जाता है और धर्मच्युत भी हो जाता है. श्रीराम का जन्म अतातायियों के नाश, जगत कल्याण व सद्ज्ञान के लिए हुआ. भगवान श्रीराम दयालुता भक्तांे को सुख देने के लिए थी. उन्होंने मानव को शिक्षा दी कि प्रात:काल उठ कर माता-पिता व गुरु के पैर छू कर आशीर्वाद लेने से आयु, विद्या, यश एवं बल की प्राप्ति होती है. इस दौरान भक्ति जागरण का भी आयोजन किया गया. यज्ञ के अंतिम चरण में श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ पड़ी. मौके पर यज्ञ समिति के सदस्य एवं सैकड़ों श्रद्धालु उपस्थित थे. पेयजल शिविर बरियारपुर : 11 दिवसीय महारुद्र यज्ञ के दौरान भीषण गरमी को देखते हुए श्रद्धालुओं की सेवा के लिए स्काउट एंड गाइड के कैडेटों ने पेयजल शिविर लगाया. जिसका नेतृत्व रविशंकर सुमन ने किया. स्काउट मास्टर राजीव कुमार ने बताया कि शिविर के माध्यम से मीठा पानी के साथ ठंडे पानी की भी व्यवस्था की गयी है. शिविर में दीपा कुमारी, सुमन कुमार, जिया कुमारी, प्रतिभा देवी, माला देवी, मानव, सौरभ ने सक्रिय भूमिका निभायी.
मानव का सत्कर्म ही सबसे बड़ा धर्म : शास्त्री जी
फोटो संख्या : 10फोटो कैप्सन : कथा का श्रवण करते श्रद्धालु प्रतिनिधि, बरियारपुर —————-सत्कर्म मानव का सबसे बड़ा धर्म है. इसके अंतर्गत सारे अच्छे कार्य आते हैं. राष्ट्रपिता महात्मा गांधी व उनसे पूर्व के महापुरुषों का भी ऐसा ही कहना है. उक्त बातें ईटहरी शिव मंदिर में आयोजित 11 दिवसीय महारुद्र यज्ञ के दौरान शुक्रवार […]
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