इस धान का क्या होगा और किसानों को किस प्रकार धान का मूल्य मिलेगा यह मामला फंसा हुआ है. खड़गपुर प्रखंड के 13 पैक्स एवं एक व्यापार मंडल द्वारा किसानों से धान की प्राप्ति की गयी. धान अधिप्राप्ति के बाद धान को अनुमंडल के आंबेडकर भवन स्थित गोदाम भेजा गया. धान की बोरियां तो रख ली गयी लेकिन पैक्स या किसान को धान अधिप्राप्ति की कोई रशीद नहीं दी गयी.
अलबत्ता यह एक ओर पूर्व निर्धारित लक्ष्य के अनुसार पैक्स ने किसानों से धान प्राप्त किया और यह मामला फंसा ही हुआ था कि जिला सहकारिता पदाधिकारी ने अपने पत्रंक 246 दिनांक 31 मार्च 2015 के माध्यम से सभी पैक्स को अतिरिक्त लक्ष्य निर्धारित कर दी और धान अधिप्राप्ति को कहा. कई पैक्सों ने अतिरिक्त लक्ष्य के आधार पर धान की खरीद भी की. लेकिन दूसरी ओर बिहार राज्य खाद्य निगम मुंगेर के जिला प्रबंधक ने यह फरमान जारी कर दिया कि 31 मार्च के बाद एसएफसी धान नहीं लेगा. इसी पेंच में यह मामला आजतक फंसा हुआ है. दूसरी ओर किसानों के 30 हजार क्विंटल धान लावारिस अवस्था में है. किसान धान का मूल्य प्राप्त करने के लिए भटक रहे हैं. लेकिन उन्हें मूल्य प्राप्त नहीं हो रहा.