जमालपुरः समेकित बाल विकास परियोजना अंतर्गत जमालपुर के आंगनबाड़ी केंद्रों में पिछले पांच महीने से टीएचआर का वितरण नहीं हो पाया है. कुपोषण के प्रति सरकार की इच्छा शक्ति की ढुलमुल नीति के कारण ऐसी स्थिति बनी है. जिसमें वर्ष 2013 के जनवरी से लेकर अबतक अप्रैल, जून, जुलाई महीने में ही टीएचआर का वितरण हो पाया है.
राज्य खाद्य निगम द्वारा चावल की आपूर्ति नहीं किये जाने के कारण प्रखंड के लगभग 189 आंगनबाड़ी केंद्रों तथा 10 मिनी केंद्रों में टीएचआर बंद है. जानकारों की माने तो मुंगेर जिला में मात्र दो ही परियोजना को केंद्र सरकार के डब्लूबीएनपी के तहत चावल योजना में शामिल किया गया है जिसमें जमालपुर व मुंगेर सदर की शहरी परियोजना शामिल है. जमालपुर में शहरी क्षेत्र में कुल 108 और देहाती क्षेत्र में कुल 100 आंगनबाड़ी केंद्र स्वीकृत हैं जिनमें 189 का संचालन होता है. इसी प्रकार कुल 16 मिनी केंद्रों में से 6 बंद पड़े हैं. यह भी बताया गया है कि बिहार सरकार द्वारा राज्य खाद्य निगम को डब्लूबीएनपी का चावल वितरण नहीं किया गया. जबकि जमालपुर बाल विकास परियोजना द्वारा राशि का भुगतान कर दिया गया है. स्थिति इतनी दयनीय बन चुकी है कि आंगनबाड़ी केंद्रों पर तीन वर्ष तक के बालबाड़ी के बच्चों तक के पोषाहार पर आफत आ गया है. बताया गया है कि इससे प्रत्येक महीना 18,711 लाभार्थी टीएचआर से वंचित रह जाते हैं. जबकि बालबाड़ी पोषाहार से वंचित लाभुकों के संख्या लगभग पौने आठ हजार है और छूटे हुए लाभुकों को टीएचआर नहीं दिया जाता.
सीडीपीओ राजश्री पद्मजा ने बताया कि जनवरी, फरवरी, मार्च, मई और अगस्त महीने में एसएफसी से चावल की आपूर्ति नहीं किये जाने के कारण सभी केंद्रों पर टीएचआर का वितरण नहीं हो पाया है.