प्रभात खबर की टीम ने मुंगेर लौटे इस परिवार के सदस्यों से बातचीत की. जिनके आंखों में भूकंप की त्रसदी छलक रही थी. कुमारी पूनम ने बताया कि उसके पति इंडकेमी दवा कंपनी के काठमांडू में एरिया सेल्स मैनेजर है. वह अपनी 6 वर्ष की बेटी समृद्धि और 3 वर्ष की श्रेयसी के साथ भेटे बहाल सुंधरा टावर क्षेत्र में रहती है. उसकी मां तारा देवी एवं भाई गौतम भी वहीं आया था. शनिवार को बच्चों का स्कूल बंद था इसलिए सरोज के साथ हम सभी सांगा मंदिर गये थे, जो 156 फीट ऊंची पहाड़ पर स्थित है. पूजा-अर्चना के बाद हमलोग नीचे उतरे.
जैसे ही सड़क पर आये की धरती ऊपर-नीचे होने लगी. सड़क के दोनों किनारे बने मकान व भवन एक-एक कर ढ़हने लगा. दो झटका में ही शहर तबाह हो गया. देखा एक जगह सड़क क्रेक हुआ. लेकिन देखते ही देखते सड़क दो फाड़ हो गया. भूकंप के थमने के बाद हमलोगों ने काठमांडू के लिए बस पकड़ लिया. जब बस भक्तपुर रोड़ पहुंचा तो वहां भी सड़क फटा हुआ था. बस से उतर कर 5-6 किलोमीटर चलने के बाद हमलोग कोटेश्वर पहुंचे. जब भेटे बहाल अपना घर जाने का प्रयास किया तो हमलोगों को रोक दिया गया. हमलोगों को आर्मी कैंप मैदान में रखा गया. शनिवार की रात से मंगलवार तक किसी प्रकार वहां समय काटा.