मुंगेर सदर : गंगा का जल स्तर लगातार बढ़ते ही जा रहा है. जिससे प्रखंड के दर्जनों गांव विनाशकारी बाढ़ के अभिशाप से ग्रसित हो चुके हैं. बीत एक माह से प्रखंडवासियों का जन-जीवन अस्त-व्यस्त हो गया है. केंद्रीय जल आयोग ने शुक्रवार को बताया कि सुबह सात बजे तक गंगा का जल स्तर खतरे के निशान से सेंटीमीटर 38 सेंटीमीटर ऊपर है. हालांकि दोपहर तीन बचे तक गंगा के जल स्तर में मात्र एक सेंटीमीटर की बढ़ोतरी दर्ज की गयी. जिससे कि यह अनुमान जताया गया कि धीरे-धीरे अब जल स्तर स्थिर हो जायेगा.
बहरहाल अभी यह कहना उचित नहीं होगा कि गंगा कब कैसा रूप धारण कर लेगी. बीते एक माह के दौरान दो बार ऐसा देखा गया कि गंगा का जल स्तर स्थिर होकर खतरे के निशान से नीचे आ गया और पुन: खतरे के निशान से ऊपर आकर उफनाने लगा. हालांकि जिलाधिकारी नरेंद्र कुमार सिंह ने गुरुवार को ही संभावित खतरे को देखते हुए सदर प्रखंड के विभिन्न गांवों का दौरा कर लोगों को घर खाली करने के लिए आगाह किया. बावजूद इसके अभी भी सैकड़ों लोग बाढ़ से घिरे क्षेत्रों में भी बेखौफ डटे हुए हैं.
जान से अधिक संपत्ति की चिंता
गंगा के तटवर्ती गांवों के सैकड़ों परिवार खतरे को गले लगाये हुए अपने-अपने घरों में फंसे हुए हैं. उन्हें अपने जान से अधिक अपने संपत्ति की चिंता है. तभी तो जिलाधिकारी के निर्देश के बावजूद भी लोग सुरक्षित स्थान पर जाने को तैयार नहीं है. लोगों को यह चिंता है कि यदि वे लोग घर छोड़ कर अन्य जगहों पर चले जायेंगे तो उसके घरों में रखे सामान सुरक्षित नहीं रह पायेंगे. जिसके कारण परेशानियों का सामना करते हुए लोग अब भी खतरनाक जगहों पर जिंदगी और मौत से लड़ रहे है.
खौफनाक हालात में बच्चे बेखौफ
एक ओर जहां बाढ़ के खौफ से प्रखंड वासी दहशत में जी रहे हैं. वहीं कई जगहों पर बच्चे व युवाओं को बाढ़ के पानी में मौज-मस्ती करते हुए देखा जा रहा है. प्रखंड के सीताकुंड, लोहवा पुल, बोचाही, चड़ौन, गैड़ा पहाड़, चिकदह सहित दर्जनों जगहों पर बच्चे व युवा वर्ग बेखौफ बाढ़ के पानी में छलांग लगा कर मौज-मस्ती करते नजर आ रहे हैं. जिस पर किसी की भी पाबंदी नहीं है.