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यक्ष्मा के1234 रोगियों में से एक की मौत

मुंगेर: टीवी आज लाइलाज रोग नहीं है लेकिन जरूरी है समय पर इसकी पहचान हो और नियमानुसार इलाज हो सरकार ने डॉट्स के माध्यम से टीवी रोगियों के इलाज की बेहतर व्यवस्था की है और सिर्फ मुंगेर जिले में ही 1234 रोगियों का वर्तमान में इलाज चल रहा है. जिसमें 22 रोगी एमडीआर अर्थात अत्यंत […]

मुंगेर: टीवी आज लाइलाज रोग नहीं है लेकिन जरूरी है समय पर इसकी पहचान हो और नियमानुसार इलाज हो सरकार ने डॉट्स के माध्यम से टीवी रोगियों के इलाज की बेहतर व्यवस्था की है और सिर्फ मुंगेर जिले में ही 1234 रोगियों का वर्तमान में इलाज चल रहा है. जिसमें 22 रोगी एमडीआर अर्थात अत्यंत गंभीर मरीज हैं. प्रखंड से लेकर जिला स्तर तक टीवी के जांच व दवा की व्यवस्था की गयी है.
रोगियों का चल रहा इलाज
जिले में वित्तीय वर्ष 2014-15 में कुल 9,449 लोगों ने टीवी की जांच करवायी. जिसमें टीवी के 1212 मरीज पाये गये. सभी मरीजों का इलाज विभिन्न प्रखंडों में चल रहा है. इसके साथ ही जिले में 22 एमडीआर अर्थात गंभीर रूप से पीड़ित यक्ष्मा रोगियों का इलाज भी चल रहा है.
एक एमडीआर की हो चुकी है मौत
वैसे टीवी के रोगी जिन पर डॉट्स के प्रथम स्तर की दवाएं काम करना बंद कर देती है. उन्हें एमडीआर माना जाता है. उस मरीज का यक्ष्मा केंद्र के कर्मियों द्वारा बलगम का कल्चर जांच जीन एक्सपर्ट के माध्यम से करवाया जाता है. जिसका सारा खर्च सरकार द्वारा दिया जाता है. वर्ष 2012 से मुंगेर में एमडीआर की सुविधा आरंभ की गयी. अबतक कुल 25 एमडीआर मरीज पाये गये. जिनमें से एक की मौत हो गयी, दो इलाज के बाद पूर्ण रूप से स्वस्थ हो चुके हैं एवं 22 रोगियों का इलाज चल रहा है.
टीवी के मरीजों के लिए अस्पताल में दवाओं की कोई कमी नहीं है. उन्होंने बताया कि एक एमडीआर मरीज की मौत इसलिए हो गयी क्योंकि उसका पता अंतिम पड़ाव में चला था. उन्होंने बताया कि निजी क्लिनिकों पर इलाज कराने वाले रोगियों की भी जानकारी प्राप्त की जा रही है.
डॉ बहावउद्दीन, जिला यक्ष्मा पदाधिकारी

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