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नर्स के भरोसे प्रसव

मुंगेर. सरकार सुरक्षित प्रसव पर करोड़ों खर्च कर रही है और व्यापक स्तर पर संसाधन भी उपलब्ध करा रही है. लेकिन मुंगेर सदर अस्पताल स्थित प्रसव केंद्र में न तो 24 घंटे महिला चिकित्सक मौजूद रहती हैं और न ही यहां दवा, सूई की समुचित व्यवस्था है. रोगियों को उसके साथ आने वाली महिलाओं को […]

मुंगेर. सरकार सुरक्षित प्रसव पर करोड़ों खर्च कर रही है और व्यापक स्तर पर संसाधन भी उपलब्ध करा

रही है. लेकिन मुंगेर सदर अस्पताल स्थित प्रसव केंद्र में न तो 24 घंटे महिला चिकित्सक मौजूद रहती हैं और
न ही यहां दवा, सूई की समुचित व्यवस्था है. रोगियों को उसके साथ आने वाली महिलाओं को शुद्ध पानी तक
भी बाजार से खरीदनी पड़ती है. नर्स के भरोसे प्रसव हो रहा तो गंभीर प्रसव पीड़िता के लिए यह सिर्फ रेफर
सेंटर के रूप में काम कर रहा है
सीजेरियन प्रसव पर उठ रहे सवाल
सरकारी आंकड़ों के अनुसार, वित्तीय वर्ष 2014- 15 में अबतक सदर अस्पताल में
50 सीजेरियन प्रसव कराया गया. लेकिन इस आंकड़े पर भी सवाल खड़े हैं. क्योंकि
90 प्रतिशत सीजेरियन की स्थिति में पीड़िता को भागलपुर रेफर कर दिया जाता है.
हाल ही में एक गरीब महिला प्रसव पीड़ा से परेशान थी और उसे भागलपुर रेफर कर
दिया गया था. किंतु गरीबी का आलम यह था कि भागलपुर तक जाने की आर्थिक
स्थिति नहीं थी. मामला प्रमंडलीय आयुक्त सुनिल कुमार सिंह के पास पहुंचा और
उनके कड़े रुख के बाद यहां ऑपरेशन की व्यवस्था की गयी.
वाटर प्यूरीफायर व पंखा बनी शोभा की वस्तु
प्रसव केंद्र में लगा वाटर प्यूरीफायर व पंखा शोभा की वस्तु बना है. यहां यदि किसी
प्रसूता व उनके सहयोगियों को प्यास लग जाये तो उन्हें बाहर से पानी खरीदना पड़ता
है या किसी चाय के दुकान का सहारा लेना पड़ता है. वहीं प्रसव वार्ड में समुचित पंखे
की भी व्यवस्था नहीं है. हाल यह है कि प्रसव वार्ड-1 में 4 की जगह मात्र 2 ही पंखे
लगे हुए हैं. वहीं प्रसव वार्ड-2 में एक भी पंखा नहीं है. केंद्र के प्रतीक्षालय में लगा
पंखा भी बंद पड़ा है.
खराब पड़ा है एलक्ष्डी टीवी
प्रसूता व उनके सहयोगियों के लिये विभाग द्वारा यहां एक बड़ी एलक्ष्डी टीवी की
व्यवस्था है. किंतु अस्पताल प्रबंधन की लापरवाही के करण वर्तमान में यह टीवी
खराब पड़ा है. जिस पर यहां के वरीय पदाधिकारियों का भी ध्यान नहीं है.
त्नसदर अस्पताल के प्रसव केंद्र में 24
घंटे मौजूद नहीं रहती महिला
चिकित्सक
त्नरोगियों को बाजार से खरीदनी पड़ती
है दवा व सूई
त्नप्रसव केंद्र में शुद्ध पेयजल के लिए
लगा मशीन खराब, पंखे भी हैं बंद
त्नमनोरंजन के लिए लगा एलक्ष्डी टीवी
बना शोभा की वस्तु
रात्रि में नहीं रहती
महिला चिकित्सक
सदर अस्पताल के प्रसव केंद्र में
विभाग द्वारा 24 घंटे महिला
चिकित्सक को तैनात रहने का निर्देश
है. किंतु रात्रि तो दूर की बात यहां दिन
में 2 बजे के बाद महिला चिकित्सक
शायद ही दिखती है. गुरुवार को दिन
के 2 बजे से 4 बजे तक यहां महिला
चिकित्सक मौजूद नहीं थी. मौजूद ए
ग्रेड नर्स से पूछा तो उन्होंने कहा कि
डॉ निर्मला मैडम आयी थीं, फिर चली
गयीं. वहीं 10 बजे रात्रि के बाद रात
भर बिना महिला चिकित्सक के ही
प्रसव होते रहता है. दुर्भाग्य से यदि
कोई गंभीर गर्भवती महिला इस
दौरान पहुंच जाये, जो उसे तत्क्षण
रेफर कर दिया जाता है.
केस स्टडी-1
ाहर से खरीदी स्लाइन व
सूई
मुंगेर. मुंगेर शहर के
रायसर नयाटोला
निवासी प्रसूता रिंकी
देवी ने बताया कि
प्रसव केंद्र द्वारा उन्हें
एक भी सूई व स्लाइन उपलब्ध नहीं
कराया गया. छोटे से पुरजे में लिख कर
ाहर से दवा लाने को कहा गया. उन्होंने
ाताया कि इस वार्ड में एक भी पंखा नहीं
गा हुआ है. गरमी से काफी परेशान हैं.
केस स्टडी-2
ांखा नहीं रहने से घुटता है
दम
मुंगेर. शहर के
नौलखा निवासी
प्रसूता कंचन देवी ने
बताया कि वार्ड में पंखे
की व्यवस्था नहीं रहने
के कारण उसका दम घुटता है. उन्होंने
ाताया कि एक बार पांच बोतल पानी व
ांच सूई बाजार से मंगाना पड़ा. अभी फिर
485 रुपये की दवा बाहर से मंगायी है.
केस स्टडी-3
प्रसव पूर्व नहीं की जांच
मुंगेर. चुरंबा
निवासी निखत
परवीन का कह
कि चार सूई व
सिरिंच बाहर से
खरीदनी पड़ा.
और सूई व दवा
लानी बाकी है.
दिन पूर्व उन्होंने जांच करवाया था, किंतु प्
के पूर्व जांच नहीं कराया गया.
केस स्टडी-4
पहचान का था, इसलिए मिल्
गयी दवा
मुंगेर. संग्रामप्
प्रखंड के जाला
निवासी राणा देवी
बताया कि उन्हें
सूई व दवा की
जरूरत थी, वह
सभी प्रसव केंद्र
ही उपलब्ध हो गया. क्योंकि यहां उनके ज्
पहचान वाले लोग हैं.

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