जुलूस दिलीप बाबू धर्मशाला पुरबसराय से निकाली गयी जो शहर के मुख्य मार्गो से होते हुए राजीव गांधी चौक पहुंचा और सभा में तब्दील हो गया. वक्ताओं ने कहा कि नीतीश कुमार ने जिस परिस्थिति में महादलित समाज को सम्मानित करते हुए जीतन राम मांझी को मुख्यमंत्री पद की जिम्मेदारी विश्वास के साथ सौंपा. लेकिन मांझी भाजपा की हवा देख कर रुख बदल लिये और प्रदेश में अस्थिरता पैदा कर विकास को बाधित कर दिया. नीतीश कुमार स्वच्छ छवि वाले विकास पुरुष नेता के रूप में जाने जाते है.
नेताओं ने कहा कि राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद ने भाजपा की साजिश को विफल करने के लिए जदयू को सामाजिक न्याय एवं धर्मनिरपेक्षता की रक्षा के लिए समर्थन दिया. लेकिन मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी पर भाजपा ने डोरा डाल कर उन्हें सांप्रदायिक ताकतों को मजबूत करने लगे. मशाल जुलूस में जदयू किसान प्रकोष्ठ के जिलाध्यक्ष राजेश कुशवाहा, महासचिव बीडीओ सिंह, राजेश दास, सायरा बानो, मनोरंजन मजुमदार, युवा अध्यक्ष शाहिद अख्तर गुड्डू, रीता राज, अतिपिछड़ा प्रकोष्ठ के जिलाध्यक्ष संतोष सहनी, राजीव नयन, राजद के परवेज चांद, आदर्श कुमार राजा, अरविंद यादव, बबीता भारती, कांग्रेस के मो. नुरुल्लाह, मनोज कुमार अरुण सहित अन्य शामिल थे.