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मुंगेर जेल की तीसरी आंख हुई बंद कैदी व सुरक्षा गार्ड की बल्ले-बल्ले

मुंगेर : कैदियों एवं भ्रष्ट सुरक्षा कर्मियों पर नकेल कसने के लिए मुंगेर मंडल कारा को तीसरी आंख यानी सीसीटीवी कैमरा से लैस किया गया. बुलेट प्रूफ मोशन डिटेक्टर कैमरा भी लगाया गया. लेकिन पिछले 10 दिनों से जेल की निगहबानी में लगे सभी कैमरा खराब है. जिसके कारण एक बार पुन: कैदियों और भ्रष्ट […]

मुंगेर : कैदियों एवं भ्रष्ट सुरक्षा कर्मियों पर नकेल कसने के लिए मुंगेर मंडल कारा को तीसरी आंख यानी सीसीटीवी कैमरा से लैस किया गया. बुलेट प्रूफ मोशन डिटेक्टर कैमरा भी लगाया गया. लेकिन पिछले 10 दिनों से जेल की निगहबानी में लगे सभी कैमरा खराब है.

जिसके कारण एक बार पुन: कैदियों और भ्रष्ट सुरक्षा गार्डों की बल्ले-बल्ले हो गयी है. जबकि जेल की सुरक्षा पर भी बड़ा सवाल खड़ा हो गया है. हद तो यह है कि जेल प्रशासन की शिकायत पर भी कैमरा लगाने वाला एजेंसी उसे ठीक करने की दिशा में कोई दिलचस्पी नहीं दिखा रहा.
जेल की निगरानी में लगे 16 कैमरे बंद : मुंगेर जेल की निगरानी के लिए 16 सीसीटीवी कैमरा लगाया गया है. जेल गेट, जेल के चहारदीवारी एवं प्रमुख स्थानों पर यह कैमरा लगाया गया है. ताकि जेल की सुरक्षा का मॉनीटरिंग आसानी से हो सके. कैमरा लगाने के पीछे न सिर्फ सुरक्षा का जायजा लेना है.
बल्कि कैमरे से कैदियों और वहां कार्यरत सुरक्षा गार्ड की गतिविधियों की मॉनीटरिंग करना भी है. हर दृष्टिकोण से जेल की निगरानी करना मुख्य उद्देश्य है. लेकिन पिछले एक साल से 5 सीसीटीवी कैमरा खराब पड़ा हुआ है. जबकि पिछले 10 दिन पूर्व तकनीकी खराब के कारण शेष बचे 11 कैमरा भी बंद है. जिसके कारण जेल की निगरानी करना मुश्किल हो गया है.
कैदियों व भ्रष्ट सुरक्षा गार्ड की बल्ले-बल्ले : मुंगेर जेल में कुख्यात अपराधियों के साथ ही दुर्दांत अपराधी भी बंद हैं. जो जेल के अंदर से बाहर अपना आपराधिक साम्राज्य बनाये हुए है. जेल में बंद रहते ही पूर्व में कई ऐसे मामले सामने आये. जिसमें अपराधियों ने जेल के बाहर हत्या व रंगदारी जैसे घटनाओं को अंजाम दिलाया. लेकिन जब से सीसीटीवी कैमरा और मोशन कैमरा लगाया गया.
तब से इस तरह के अपराध रुक गया था. कैदियों तक मोबाइल, रुपया, गांजा जैसी वर्जित समान भी पहुंचना बहुत हद तक रुक गया था. क्योंकि कैमरे के डर से भ्रष्ट सुरक्षा गार्ड भी परहेज करने लगा था. लेकिन कैमरा खराब होते ही कैदियों और भ्रष्ट सुरक्षा गार्ड का गठजोड़ काम करने लगा और दोनों की बल्ले-बल्ले हो गयी है.
सूचना के बावजूद कार्य एजेंसी ने नहीं लिया संज्ञान : जेल प्रशासन की माने तो यहां कैमरा का संचालन बैलट्रॉन कंपनी द्वारा किया जा रहा है. एक साल पूर्व ही इस एजेंसी को जेल प्रशासन द्वारा सूचना दिया गया था कि पांच कैमरा खराब पड़ा हुआ है. लेकिन एजेंसी ने इसे ठीक नहीं कराया.
अब सभी कैमरा और मोशन डिटेक्टर कैमरा ने भी काम करना बंद कर दिया है. जिसे दुरुस्त करने के लिए एजेंसी को लिखित सूचना दिया गया. बावजूद इसके अब तक एजेंसी द्वारा कैमरा को ठीक करने के लिए इंजीनियर नहीं भेजा गया. जो जेल की सुरक्षा के साथ खिलवाड़ साबित हो रहा है.
कहते हैं जेल अधीक्षक
जेल अधीक्षक जलज कुमार ने बताया कि एजेंसी को सूचना दे दी गयी है. लेकिन अब तक कंपनी से कोई मैकेनिक नहीं आया. जिसके कारण कैमरा खराब पड़ा हुआ है. जेल की सुरक्षा की निगरानी करने में मुश्किल हो रही है. इसकी सूचना जेल विभाग के वरीय अधिकारियों को भी दे दी गयी है.
बुलेट प्रूफ मोशन डिटेक्टर कैमरा भी पड़ा है खराब
मुंगेर जेल में बुलेट प्रूफ मोशन डिटेक्टर कैमरा लगा हुआ है. जो पिछले 10 दिनों से खराब पड़ा हुआ है. इस मूवेबल कैमरा के माध्यम से कैदिया के हर गतिविधि की मॉनेटरिंग आसानी से की जा रही थी. जबकि सुरक्षा गार्ड और कैदियों के बीच संबंध का भी आकलन किया जाता था. कैदियों के वार्ड में कहां से और कैसे समान सुरक्षा गार्ड द्वारा उपलब्ध कराया जा रहा है. इसकी निगरानी इस कैमरे के माध्यम से हो रही थी.

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