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कैदी मरीज को नहीं मिल रही सुविधा, परिजनों का हंगामा

रोष. सोनू व उसके परिजनों ने लगाया लापरवाही का आरोप मुंगेर : सदर अस्पताल के कैदी वार्ड में इलाजरत कैदी को मूलभूत सुविधा उपलब्ध नहीं कराये जाने के विरोध में सोमवार को इसके परिजनों ने जमकर हंगामा किया और महिला परिजनों ने अस्पताल उपाधीक्षक को खूब खरी-खोटी सुनायी. परिजनों का आरोप था कि अस्पताल में […]

रोष. सोनू व उसके परिजनों ने लगाया लापरवाही का आरोप

मुंगेर : सदर अस्पताल के कैदी वार्ड में इलाजरत कैदी को मूलभूत सुविधा उपलब्ध नहीं कराये जाने के विरोध में सोमवार को इसके परिजनों ने जमकर हंगामा किया और महिला परिजनों ने अस्पताल उपाधीक्षक को खूब खरी-खोटी सुनायी. परिजनों का आरोप था कि अस्पताल में जहां रोगी का समुचित इलाज नहीं हो पा रहा है.
वहीं उसे हाइयर मेडिकल सेंटर भी नहीं भेजा जा रहा. कैदी रोगियों को घटिया भोजन दिया जाता है और उसे अस्पताल प्रबंधन द्वारा कंबल व मच्छरदानी भी उपलब्ध नहीं कराया जाता. हंगामे की सूचना पर सिविल सर्जन डॉ श्रीनाथ कैदी वार्ड पहुंचे. मामले की तहकीकात की और परिजनों को हर संभव नियमानुकूल सहायता उपलब्ध कराने का भरोसा दिलाया.
14 दिनों से कैदी वार्ड में भरती है मरीज
बरियारपुर थाना क्षेत्र के बहादुरपुर निवासी अनिल कुमार का पुत्र गोविंदा कुमार उर्फ सोनू कुमार आर्म्स एक्ट सहित अन्य मामलों में आरोपित है. वह 28 मार्च 2016 से मुंगेर मंडल कारा में बंद था. पिछले 28 नवंबर को उसकी तबीयत बिगड़ जाने पर जेल के चिकित्सक द्वारा उसे बेहतर इलाज के लिए सदर अस्पताल रेफर किया गया़
जहां चिकित्सकीय प्रक्रिया के उपरांत गोविंदा को कैदी वार्ड में भरती कर दिया गया़ चिकित्सक ने उसे मानसिक रोगी बताते हुए उसका इलाज भी आरंभ कर दिया़ किंतु उसकी तबीयत में कोई सुधार नहीं होने के बावजूद चिकित्सक उसे बेहतर इलाज को हाइयर सेंटर के लिए रेफर नहीं कर रहे हैं. परिजनों का आरोप है कि अस्पताल के उपाधीक्षक एवं इलाज कर रहे चिकित्सक रेफर करने के लिए रिश्वत की मांग करते हैं. जबकि अस्पताल उपाधीक्षक ने परिजन के इस आरोप को पूरी तरह गलत व मनगढ़ंगत बताया.
बाहर से मंगवानी पड़ती है दवा-सूई : कैदी मरीज सोनू के पिता अनिल साह एवं मां शोभा देवी ने आरोप लगाया कि इलाज के लिए उपयोग होने वाले सूई व दवाई बाहर से खरीद कर ही मंगवायी जाती है़ हाल यह है कि सूई के लिए सिरिंज तक बाहर से ही खरीद कर देना पड़ता है़ जब सूई व दवाई मरीज को बाहर से मंगवा कर दिया जा सकता है, तो फिर मरीज को बाहर के भोजन व नाश्ते पर पाबंदी क्यों लगायी जाती है़
मरीज को मिलता है घटिया भोजन
कैदी मरीज गोविंदा कुमार उर्फ सोनू ने बताया कि उसे काफी घटिया भोजन दिया जाता है़ दाल के नाम पर सर्फ हल्दी से रंगा हुआ पानी तथा सब्जी में आलू का कच्चा फांक व फूल गोभी का पत्ता रहता है़ जिसे कोई भी खाने से इंकार करेगा़ चावल व रोटी का मात्रा इतना कम रहती है कि किसी बच्चे का भी पेट भरना मुश्किल होता है़ उसने बताया कि जब भी उसके परिजन घर से कुछ खाना उसके लिए लाते हैं, अस्पताल प्रबंधन उसे नहीं देने देता है़ इस कारण वह दिनों-दिन कमजोर होता जा रहा है़ उसने कहा कि कैदी वार्ड में पानी की भी कोई व्यवस्था नहीं है. प्यास लगने पर घंटों इंतजार करना पड़ता है.
कहते हैं सिविल सर्जन: सिविल सर्जन डॉ श्रीनाथ ने कहा कि मेडिकल बोर्ड द्वारा कैदी मरीज को हाइयर सेंटर रेफर किये जाने की प्रक्रिया पूरी हो चुकी है़ सिर्फ जिलाधिकारी का अनुमति मिलनी बाकी है़ वहीं उन्होंने डीएस व चिकित्सक द्वारा रिश्वत मांगे जाने तथा घटिया भोजन मिलने की बात पर कहा कि मामले की जांच की जा रही है़

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