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मरीजों के निवाले पर एनजीओ का डाका

धांधली. सदर अस्पताल में मरीजों के नाश्ता व भोजन में हो रहा खेल, प्रबंधन बना अनजान मुंगेर : एक ओर जहां स्वास्थ्य विभाग मरीजों के भोजन पर लाखों रुपये खर्च कर रहा है़ वहीं दूसरी ओर मरीजों के नाश्ता व भोजन में लगातार कटौती हो रही है़ रोगियों के भोजन पर एनजीओ द्वारा इस कदर […]

धांधली. सदर अस्पताल में मरीजों के नाश्ता व भोजन में हो रहा खेल, प्रबंधन बना अनजान

मुंगेर : एक ओर जहां स्वास्थ्य विभाग मरीजों के भोजन पर लाखों रुपये खर्च कर रहा है़ वहीं दूसरी ओर मरीजों के नाश्ता व भोजन में लगातार कटौती हो रही है़ रोगियों के भोजन पर एनजीओ द्वारा इस कदर डाका डाला जा रहा है कि निर्धारित मेनू से लगातार भोजन की मात्रा कम होती जा रही है. हाल यह है कि गुणवत्ता विहीन व कम मात्रा में भोजन मिलने के कारण मरीजों का पेट भरना भी मुश्किल हो गया है़
निर्धारित मात्रा से कम मिल रहा भोजन : स्वास्थ्य विभाग द्वारा दोपहर के भोजन के मेनू में जो मात्रा निर्धारित है, उसमें मरीजों को रोटी या चावल 125 ग्राम, दाल 50 ग्राम, सब्जी 100 ग्राम तथा दही 50 ग्राम देना अनिवार्य है़ पर मरीजों को जो चावल परोसा जाता है, उसकी मात्रा 100 ग्राम से भी काफी कम रहती है़ वहीं दाल तो ऐसा परोसा जाता है कि मानो चावल दाल पर घी का तड़का लगाया जा रहा हो़ इतना ही नहीं सब्जी के नाम पर तो सिर्फ खानापूर्ति की जा रही है़ मालूम हो कि मरीजों को जो भोजन दिया जाता है, वह काफी नपा-तुला हुआ होता है़ पर उसके बाद भी उसमें कटौती कर देना मरीजों के साथ बेईमानी है़
गुणवत्ता से नहीं होगा समझौता : डीएस
अस्पताल उपाधीक्षक डॉ राकेश कुमार सिन्हा ने कहा कि निर्धारित मेनू के अनुसार भोजन के गुणवत्ता व मात्रा से किसी भी सूरत पर समझौता नहीं किया जायेगा़ गड़बड़ी की सूचना मिलने पर एनजीओ का पैसा काटा जायेगा़
सुबह व शाम के नाश्ते में भी होती है कटौती
स्वास्थ्य विभाग द्वारा जारी गाइड लाइन के अनुसार सुबह के नाश्ता में 6 प्रति स्लाइस ब्रेड, 200 मिली लीटर दूध, एक मौसमी फल तथा एक अंडा दिया जाना है, पर मरीजों को प्रतिदिन 6 के जगह 4 प्रति स्लाइस ब्रेड, 100 ग्राम से भी कम दूध, जिसकी गुणवत्ता की कोई गारंटी नहीं होती है, एक छोटा केला तथा अंडा किसी-किसी दिन दिया जाता है़ वहीं शाम में मरीजों को 2 प्रति ग्लूकोज बिस्कुट व एक कप चाय दिया जाना है़ पर एक भी दिन शाम में मरीजों को चाय-बिस्कुट नहीं दिया जाता है़ इतना ही नहीं दिन का बचा हुआ दाल तथा सब्जी ही रात के भोजन में रोटी के साथ परोस दिया जाता है़
नाममात्र की देते हैं सब्जी-दाल
प्रसव केंद्र में भरती शामपुर निवासी मरीज संध्या देवी, मनियारचक निवासी कविता देवी तथा शिवकुंड निवासी नवीता देवी ने कहा कि भोजन का मात्रा काफी कम रहती है़ दाल व सब्जी इतनी कम मात्रा में रहती है कि आधा चावल यूं ही बचा रह जाता है़ दही इतना कम देता है कि मानो चटनी परोस रहा हो़ सुबह में लगभग 100 ग्राम दूध मिलता है, जो पीने में पानी के जैसा लगता है़ शाम में कभी भी चाय-बिस्कुट नहीं मिलता है़

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