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ललित हत्याकांड में दो को आजीवन कारावास
मधुबनी : चर्चित ननौर निवासी ललित हत्याकांड मामले में त्वरित न्यायालय प्रथम के न्यायाधीश विनय कुमार सिंह के न्यायालय में मंगलवार को सजा के विंदु पर सुनवाई हुई. दोनों पक्षों के दलील सुनने के बाद न्यायालय ने दोषी अभियुक्त दिनेश यादव व गणेश यादव को दफा 302 भादवि में आजीवन सश्रम कारावास कि सजा सुनायी […]
मधुबनी : चर्चित ननौर निवासी ललित हत्याकांड मामले में त्वरित न्यायालय प्रथम के न्यायाधीश विनय कुमार सिंह के न्यायालय में मंगलवार को सजा के विंदु पर सुनवाई हुई. दोनों पक्षों के दलील सुनने के बाद न्यायालय ने दोषी अभियुक्त दिनेश यादव व गणेश यादव को दफा 302 भादवि में आजीवन सश्रम कारावास कि सजा सुनायी है. साथ ही प्रत्येक को दस-दस हजार रुपये जुर्माना भी लगाया है.
जुर्माने कि राशि नही देने पर छह माह अतिरिक्त सजा भुगतानी होगी. वही न्यायालय ने आरोपी दिनेश यादव को आर्म्स एक्ट मेंतीन वर्ष सश्रम कारावास व पांच हजार जुर्माना भी लगाया है. दोनों अभियुक्त सहोदर भाई हैं और रूद्रपुर थाना क्षेत्र के ननौर डुमरियाही का रहने वाला है. अभियोजन की ओर लोक अभियोजक राजेंद्र राय व सूचक अधिवक्ता राजेंद्र तिवारी ने बहस करते हुए न्यायालय से कड़ी से कड़ी सजा की मांग की थी. वही बचाव पक्ष से वरीय अधिवक्ता कमल नारायण यादव ने बहस किया. मालूम हो कि इसी कांड के एक अभियुक्त उमेश यादव को न्यायालय ने साक्ष्य के अभाव में रिहा कर दिया था.
क्या था मामला. अभियोजन के अनुसार सूचक रूद्रपुर थाना क्षेत्र के ननौर निवासी श्याम चौधरी का पुत्र मृतक ललित नारायण चौधरी अड़रिया चौक से शाम साढ़े छह बजे अपने घर लौट रहा था.
घोघरडीहा थाना क्षेत्र के सपहा टोल के नजदीक ज्योंहि पहुंचा तो पूर्व से घात लगाकर बैठे अभियुक्त द्वारा ननौर गांव के ही राजेंद्र झा के कहने पर दोषी अभियुक्त दिनेश यादव द्वारा मृतक ललित नारायण चौधरी को गोली मार दिया था. उसी समय पीछे से आ रहे मृतक के पिता सूचक श्याम चौधरी द्वारा हल्ला करने पर आरोपित भाग गया था.
लोगों के मदद से सूचक अपने मृतक पुत्र को अनुमंडलीय अस्पताल झंझारपुर ले गया जहां डाक्टर द्वारा वहां मृत्यु घोषित कर दिया. इस बावत सूचक द्वारा घोघरडीहा थाना कांड सं 29/2010 दर्ज कराया था.
न्यायालय के आदेश पर राजेंद्र झा बना आरोपित. सूचक अधिवक्ता राजेन्द्र तिवारी के अनुसार पुलिस जांच के दौरान प्राथमिकी में गोली मारने के आदेश देने वाला व्यक्ति का नाम छोर कर सिर्फ दोषी अभियुक्त के खिलाफ ही न्यायालय में आरोप पत्र दाखिल किया था.
विचारण के दौरान आरोपी राजेन्द्र झा का नाम आया था. न्यायालय ने सीआरपीसी के धारा 319 के अंतर्गत राजेंद्र झा को भी मुदालह बनाने का आदेश दिया था. राजेन्द्र झा का विचारण न्यायालय में चल रहा है.
ग्रामीण वर्चस्वता में गयी जान.अभियोजन के अनुसार वर्चस्वता को लेकर पहले से विवाद चल रहा था. इसी को लेकर अभियुक्तों द्वारा घटना का अंजाम दिया जाने की बात बतायी जा रही है. अभियुक्त दिनेश यादव 10 अगस्त 2010 से मंडल कारा में बंद है.
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