मधुबनी : राष्ट्रीय कुष्ठ उन्मूलन कार्यक्रम के तहत जिले में सोमवार से विशेष कुष्ठ खोज अभियान चलाया जा रहा है. इसके तहत इस अभियान के सफल संचालन के लिए जिले में 4 हजार 16 टीम बनाया गया है. जिसमें 8 हजार 32 कर्मी शामिल होगें.
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कुष्ठ रोगियों की खोज में लगाये गये 8000 कर्मी अभियान आज से
मधुबनी : राष्ट्रीय कुष्ठ उन्मूलन कार्यक्रम के तहत जिले में सोमवार से विशेष कुष्ठ खोज अभियान चलाया जा रहा है. इसके तहत इस अभियान के सफल संचालन के लिए जिले में 4 हजार 16 टीम बनाया गया है. जिसमें 8 हजार 32 कर्मी शामिल होगें. प्रति 1000 जनसंख्या पर बनायी गयी है दो सदस्यीय टीम […]
प्रति 1000 जनसंख्या पर बनायी गयी है दो सदस्यीय टीम
कुष्ठ खोज अभियान के लिए प्रति 1 हजार जन संख्या पर एक टीम कार्य करेगा. जिसमें दो सदस्य शामिल होगें. टीम में आशा मुख्य रूप से कार्य करेगी. जबकि सहायक के रूप में आशा के पति या फिर अन्य स्वास्थ्य कार्यकर्ता शामिल रहेगे.
जिले में 772 ग्रेड दो विकृत कुष्ठ रोगी. जिले में 772 ग्रेड 2 कुष्ठ रोगी है जो अण्डर ट्रीटमेंट में है. बिहार शताब्दी कुष्ठ कल्याण योजना के तहत ग्रेड 2 विकृत वाले रोगी को प्रतिमाह 1500 रुपये की राशि समाजिक सुरक्षा कोषांग के द्वारा दिया जाता है. जिले में एक अप्रैल 16 से जनवरी 17 तक नये रोगियो की संख्या 830 दर्ज किया गया है. जबकि 729 रोगियो को एकडीटी के दवा द्वारा उपचार जारी है. जबकि माह जनवरी 17 तक 491 कुष्ठ रोगी को रोग मुक्त किया गया है.
ठीक हो सकती है बीमारी
सोमवार से विशेष कुष्ठ अभियान की शुरूआत की गयी है. जो 23 अप्रैल तक चलेगा. अभियान में जुटे कर्मियों द्वारा घर-घर जाकर कुष्ठ रोगियों की पहचान कर उसे उपचार के लिए संबंधित पीएचसी में भेजा जायेगा. उन्होने बताया कि कुष्ठ रोग छुत की बीमारी नही है. एमडीटी दवा के सेवन से 6 से 12 माह में यह रोग पूर्णत: ठीक हो सकता है.
डॉ सीके सिंह, कुष्ठ निवारण नियंत्रण पदाधिकारी
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