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दवा मद में मिलता हैं 95 हजार रुपये

बदहाल हाल देसी चिकित्सालय का मधुबनी : सरकार ने देसी चिकित्सा व्यवस्था लागू तो कर दिया. मरीज भी आ रहे हैं . पर यह अस्पताल सुविधाओं से जूझ रहा है. आलम यह है कि 33 साल में अब तक इसे अपना भवन नहीं बन सका है. किराये के मकान में अस्पताल चल रहा है. जिले […]

बदहाल हाल देसी चिकित्सालय का

मधुबनी : सरकार ने देसी चिकित्सा व्यवस्था लागू तो कर दिया. मरीज भी आ रहे हैं . पर यह अस्पताल सुविधाओं से जूझ रहा है. आलम यह है कि 33 साल में अब तक इसे अपना भवन नहीं बन सका है. किराये के मकान में अस्पताल चल रहा है. जिले के अन्य जगहों पर जहां कही भी अस्पताल की शाखाएं हैं वहां चिकित्सक ही नहीं है. ऐसे मे अन्य जगहों पर पदस्थापित चिकित्सक एक दो दिन जाकर मरीजों का ईलाज करते हैं.
1972 में बना औषधालय .साल 1972 में जिले में राजकीय औषधालय खोला गया. उस समय यह अस्पताल सीएस के अधीन रहा करता था. पर साल 1982 में जिला संयुक्त औषधालय बना. इसे 1983 में स्वतंत्र रूप से यह राजकीय औषधालय काम करने लगा और जिला देसी चिकित्सा पदाधिकारी इसके प्रमुख बने.
नहीं बन सका अपना भवन . 1983 में स्वतंत्र रूप से अस्तित्व में आने के बाद से अब तक इस अस्पताल को अपना भवन नहीं मिल सका है. यह किराये के मकान में चल रहा है.
दवा के लिए 95 हजार
राजकीय औषधालय में तीन विधाओं से मरीजों का इलाज किया जाता है. होमियोपैथिक पद्धति, यूनानी चिकित्सा पद्धति एवं आयुर्वेदिक पद्धति.इन दिनों एलोपेथिक पद्धति से इलाज को आने वाले मरीजों की तरह उक्त तीनों पद्धति से भी इलाज को काफी संख्या में मरीज आ रहे है. साल भर में तीनों विभाग को मात्र 95 – 95 हजार रुपये का आवंटन ही दवा खरीद के लिये मिलता है. वर्तमान समय में होमियोपैथिक चिकित्सालय में पिछले माह से दवा नहीं है.
कर्मियों की कमी . होमियो पैथिक, आयुर्वेदिक एवं यूनानी चिकित्सालय में कर्मियों की भी कमी है. जिस कारण भी ईलाज प्रभावित होता है.
दवा खरीद में परेशानी. देसी चिकित्सा पदाधिकारी डाॅ गौड़ी नाथ झा ने बताया है कि विभागीय वरीय अधिकारियों को अवगत कराया गया है. पर अब तक कोई ठोस पहल नहीं हो सकी है.
किराये के मकान में ही अस्पताल चल रहा है. पर्याप्त राशि नहीं मिलने के कारण दवा खरीद में भी परेशानी होती है. हालांकि उपलब्ध संसाधन में मरीजों का बेहतर इलाज किया जा रहा है.
कर्मियों की स्थित इस प्रकार है.
होमियो पैथिक
पद स्वीकृत पद पदस्थापित
चिकित्सक 1 1
कंपाउंडर 1 0
सवेक सह रात्रि प्रहरी 3 0
सहायक 1 0
लिपिक 1 0
आदेशपाल 1 1
आयुर्वेदिक
चिकित्सक 1 1
कंपाउंडर 1 1
स्टेनो 1 1
यूनानी पद्धति
चिकित्सक 1 1
कंपाउंडर 1 0
जिले के अन्य शाखा अस्पताल में चिकित्सकों की कमी
होमियो पैथिक, आयुर्वेदिक व यूनानी पद्धति का अन्य क्षेत्रों में भी अस्पताल है. जहां पर चिकित्सकों की कमी है. ऐसे में अन्य जगह पर प्रतिनियोजित चिकित्सक आकर एक से दो दिन मरीजों का इलाज करते हैं. जानकारी के अनुसार राजकीय आयुर्वेदिक चिकित्सालय कपलेश्वर, मुरलियाचक एवं देवहार में भी है. पर कपिलेश्वर में चिकित्सक नहीं है. जिस कारण मुरलिया चक के चिकित्सक दो दिन कपिलेश्वर में मरीजों का ईलाज करते है.
मरीज की संख्या में हो रही बढोतरी, दवा की हो रही कमी

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