बासोपट्टी/हरलाखी/मधवापुर: राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी के जनकपुर आगमन को लेकर भारत नेपाल सीमावर्ती क्षेत्रों में उत्साह व्याप्त था. सुबह से ही भारी संख्या में भारतीय क्षेत्र व भारतीय सीमा से सटे नेपाल के लोगों का जनकपुर जाने का सिलसिला शुरू हो गया था. सैकड़ों की संख्या में सीमावर्ती क्षेत्रों के लोग जनकपुर पहुंचे. भारत – नेपाल […]
बासोपट्टी/हरलाखी/मधवापुर: राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी के जनकपुर आगमन को लेकर भारत नेपाल सीमावर्ती क्षेत्रों में उत्साह व्याप्त था. सुबह से ही भारी संख्या में भारतीय क्षेत्र व भारतीय सीमा से सटे नेपाल के लोगों का जनकपुर जाने का सिलसिला शुरू हो गया था. सैकड़ों की संख्या में सीमावर्ती क्षेत्रों के लोग जनकपुर पहुंचे.
भारत – नेपाल के बीच सालों से चले आ रहे बेटी रोटी के संबंध का असर शुक्रवार को भी दिखा. कई लोग गुरूवार की रात ही जनकपुर व उसके आस पास के क्षेत्रों में रहने वाले अपने संबंधियों के यहां चले गये थे. लोग त्रिहुतिया गाछी में जाकर जाकर राष्ट्रपति को नजदीक से देखने व सुनने के लिये आवश्यक प्रवेश पत्र बनाने की जुगाड़ में जुटे रहे.
शुक्रवार की सुबह से ही लोगों के जाने का सिलसिला शुरू हो गया. विभिन्न वाहनों से लोग जनकपुर जाते रहे. राष्ट्रपति के आगमन को लेकर भारत – नेपाल सीमा पर चौकसी बढा दी गयी थी. भारतीय क्षेत्र के एसएसी के जवान आने जाने वालों की सघन तलाशी ले रहे थे तो नेपाल प्रहरी भी अपने स्तर से जांच करने में जुटे थे.
हालांकि लोगों के आने जाने में किसी प्रकार की परेशानी नहीं हो इसकी विशेष तौर पर खयाल रखा जा रहा था. सीमा पर कड़ी चैकसी व पैनी नजर रखी गयी. देर सुबह से एसएसबी व थाना पुलिस की ओर से पुख्त सुरक्षा इंतजाम किया गया. वहीं सीमा पार करने वाले हर व्यक्तियों पर पैनी नजर रखी गयी. एसएसबी एवं पुलिस के द्वारा कई जगहो पर सघन वाहन चेंकिग किया गया. हर व्यक्ति की झोला व बैग की तलाशी लिया गया. कई राहगीरो को सघन वाहन चेंकिंग से परेशानी झेलनी पड़ी. सीमा पर एसएसबी के द्वारा नो मेंस लैण्ड पर पर्याप्त जवानों की तैनाती की गयीं.
राष्ट्रपति के स्वागत में सजा जनकपुर: बासोपट्टी . राष्ट्रपति के आगमन को लेकर जनकपुर को व्यापक तौर पर सजाया गया था. जानकी मंदिर से लेकर पूरे शहर की सड़क व चौक चौराहों पर सजावट की गयी थी. हर ओर लोगों में उत्साह, झांकी ही नजर आ रही थी. रंग विरंगे परिधान में सजे बच्चे, महिलाएं व युवक इस कदर लग रहे थे मानों पूरा रामायण काल ही शुक्रवार को जनकपुर की धरती पर आ गयी हो. मां सीता ,राम, लक्ष्मण की कहीं झांकी निकाली जा रही थी तो कहीं हनुमान व उनके सैना की झांकी निकली थी.
सड़क पर पूरा जनकपुर उतर गया था. लोग उत्साहित थे पर शांत. जगह जगह पर रामायण के दोहे व श्लोक लिखे हुए थे. विशेष विमान से दिन के करीब 10 बजकर 33 मिनट पर राष्ट्रपति नेपाल पहुंचे. जहां से कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के बीच पहले वे जानकी मंदिर आये. राष्ट्रपति के आगमन को देखते हुए जानकी मंदिर में भी विशेष सजावट किया गया था.
जानकी मंदिर के महंथ तपेश्वर दास ने राष्ट्रपति सहित अन्य अतिथियों को मां जानकी की विशेष पूजा अर्चना करायी. तालियों के साथ मंदिर परिसर में मंदिर प्रबंधन के द्वारा उनका स्वागत किया गया व पाग दोपटा से सम्मानित किया. विशेष पूजा अर्चना के दौरान मंदिर के चारों ओर सुरक्षा के व्यापक प्रबंध किये गये थे. चप्पे चप्पे पर नेपाल पुलिस प्रहरी के जवान तैनात थे.
मंदिर से पूजा अर्चना करने के बाद राष्ट्रपति का काफिला त्रिहुतिया गाछी के लिये पहुंचा. जहां पर उनका भव्य स्वागत किया गया.