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एंबुलेंस के अभाव में महिला ने दम तोड़ा

समस्या . डेढ़ घंटे तक भटकते रहे परिजन, नहीं मिला सरकारी एंबुलेंस गंभीर हालत को देखते हुए इमरजेंसी के चिकित्सकों ने किया था डीएमसीएच रेफर निजी एंबुलेस संचालकों ने मांगी अधिक राशि राशि नहीं रहने के कारण निजी एंबुलेंस लेने में परिजनों को परेशानी मधुबनी : सदर अस्पताल में शनिवार को इलाज को आयी एक […]

समस्या . डेढ़ घंटे तक भटकते रहे परिजन, नहीं मिला सरकारी एंबुलेंस

गंभीर हालत को देखते हुए इमरजेंसी के चिकित्सकों ने किया था डीएमसीएच रेफर
निजी एंबुलेस संचालकों ने मांगी अधिक राशि
राशि नहीं रहने के कारण निजी एंबुलेंस लेने में परिजनों को परेशानी
मधुबनी : सदर अस्पताल में शनिवार को इलाज को आयी एक महिला की मौत एंबुलेंस नहीं मिलने के कारण हो गयी. जबकि एक महिला की हालत गंभीर देखते हुए उसे निजी एंबुलेंस से दरभंगा भेजा गया. मृतक महिला की पहचान कलुआही डीह टोल निवासी 62 वर्षीय शंकरा देवी के रूप में की गयी है. घटना के बाबत मृतका की बेटी काला देवी ने बताया है कि उसकी मां को पेशाव व लैट्रिन की परेशानी थी. परिवार में किसी भी पुरुष सदस्य के नहीं रहने के कारण महिला की दो बहु व बेटी ने उसे इलाज के लिये दिन में करीब 1 बजे सदर अस्पताल के इमरजेंसी वार्ड में भर्ती कराया.
उस वक्त इमरजेंसी में तैनात डॉक्टर ने मरीज को देख कर दवाएं दी एवं उसे तत्काल ही दरभंगा रेफर कर दिया. इसके बाद परिजनों ने एंबुलेंस की खोज की तो पता चला कि सरकारी 102 एंबुलेंस चालक व कर्मी हड़ताल पर हैं. जबकि एक मात्र 1099 एंबुलेंस किसी अन्य मरीज को लेकर बाहर निकला था. परिजन अस्पताल के डॉक्टर व कर्मी से एंबुलेंस उपलब्ध कराने की गुहार लगाते रहे.
पर एंबुलेंस उपलब्ध नहीं हो सका. मृतका की बेटी का कहना था कि जब वे निजी एंबुलेंस की खोज किया तो एंबुलेंस मालिकों ने दरभंगा जाने का किराया 2500 से तीन हजार रुपये तक की मांग की. इतनी राशि इनके पास नहीं थी. परिजन एंबुलेंस की खोज में करीब दो घंटे तक भटकते रहे. इसी बीच करीब दो बजकर 30 मिनट पर महिला ने दम तोड़ दिया. इमरजेंसी में तैनात चिकित्सक डा. पी मिश्रा ने बताया है कि जब वे मरीज को देखने आये थे तो मरीज की सांसें फूल रही थी. मरीज को बेहतर इलाज के लिये दरभंगा रेफर कर दिया गया था. रेफर के करीब दो घंटे बाद मरीज की मौत हो गयी.
परिजनों ने नहीं किया संपर्क
सीएस डाॅ अमरनाथ झा ने बताया है कि परिजनों ने एंबुलेंस के लिये उनसे या डीएस से संपर्क नहीं किया. यदि परिजन एंबुलेंस के लिये उनके पास आये होते तो वे आसानी से एंबुलेंस उपलब्ध करा देते. यह परिजनों की लापरवाही कही जा सकती है.
तय किराये से तीन गुणा अधिक वसूल रहे रकम
102 एंबुलेंस चालकों व कर्मियों की हड़ताल होते ही निजी एंबुलेंस चालकों की चांदी कटने लगी है. सदर अस्पताल में मरीज के रेफर करने पर परिजन एंबुलेंस की खोज में भटकने लगते हैं. पर सदर अस्पताल में सरकारी एंबुलेंस नहीं मिलने के कारण लोगों को निजी एंबुलेंस संचालकों के पास जाना मजबूरी हो गया है.
इस मजबूरी का फायदा निजी एंबुलेंस संचालकों ने जमकर उठाया है. इस बात का खुलासा शनिवार को उस समय हुई. जब एक गंभीर हालत में इलाज को आयी महिला के परिजन एंबुलेंस की मांग की. परिजन ने बताया कि डीएमसीएच जाने के लिये निजी एंबुलेंस संचालकों ने परिजन से 2500 रुपये से 4000 रुपये तक की मांग की. वहीं सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार अन्य दिनों में डीएमसीएच जाने का किराया मात्र 1000 से 1200 रुपये है.
सदर अस्पताल में मृत महिला के परिजन व निजी एंबुलेंस से गंभीर हालत में महिला को ले जाते परिजन

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