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एचआइवी मरीज को नहीं मिली एंबुलेंस!

घंटो भटकते रहे परिजन, निजी एंबुलेंस से ले गये डीएमसीएच मधुबनी : सदर अस्पताल में एचआईवी संक्रमित मरीज की हालत को गंभीर देखते हुए चिकित्सकों ने बेहतर ईलाज के लिये डीएमसीएच रेफर कर दिया. पर डीएमसीएच जाने के लिये घंटो परिजन सरकारी एंबुलेंस के लिये बेहाल हुए. लेकिन सरकारी ऐंबुलेंस नहीं मिला. बाद में परिजन […]

घंटो भटकते रहे परिजन, निजी एंबुलेंस से ले गये डीएमसीएच

मधुबनी : सदर अस्पताल में एचआईवी संक्रमित मरीज की हालत को गंभीर देखते हुए चिकित्सकों ने बेहतर ईलाज के लिये डीएमसीएच रेफर कर दिया. पर डीएमसीएच जाने के लिये घंटो परिजन सरकारी एंबुलेंस के लिये बेहाल हुए. लेकिन सरकारी ऐंबुलेंस नहीं मिला. बाद में परिजन को निजी एंबुलेंस की सहायता लेनी पड़ी. मरीज को बेहतर चिकित्सीय सुविधा के लिए दरभंगा रेफर किया गया था.
क्या है मामला : लखनौर प्रखंड के दीप गांव निवासी एचआईवी संक्रमित रोगी को बुखार लगने के कारण परिजनों द्वारा उपचार के लिए बुधवार को सदर अस्पताल लाया गया. जहां इमरजेंसी में ड्युटी कर रहे डा. शैलेंद्र कुमार झा द्वारा मरीज को जांच किया गया. मरीज को कुद दवाएं भी दी गयी. जिसके बाद चिकित्सक ने मरीज को बेहतर उपचार के लिए डीएमसीएच रेफर कर दिया. मरीज के पिता, चाचा द्वारा सरकारी एंबुलेंस की मांग किया गया. पर सरकारी एंबुलेंस उसे उपलब्ध नहीं हो पाया. परिजन घंटों भाग- दौड़ किये. लेकिन सरकारी एंबुलेंस नहीं मिल सका.
एचआइवी संक्रमित है दंपती : लखनौर प्रखंड के दीप गांव निवासी पति पत्नी दोनों एचआईवी संक्रमित है. परिजनों से बताया कि वर्ष 2013 से दोनों एचआईवी संक्रमित है. जिसका उपचार सदर अस्पताल स्थित एआरटी सेंटर से किया जा रहा है.
चार एंबुलेंस है सदर अस्पताल में : सदर अस्पताल में चार एंबुलेंस है. जो आपात कालीन मरीजों की सेवा के लिए है. अस्पताल सूत्रों से मिली जानकारी अनुसार एक एंबुलेंस समाहरणालय में है. दो एंबुलेंस मरीज को लेकर दरभंगा गया था. जबकि एक एंबुलेंस खराब है.
स्वास्थ्य महकमा पर सवालिया निशान : अस्पताल सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार एक एंबुलेंस पर वार्षिक खर्च छह लाख 72 हजार रुपये होता है. ऐसे में लाखों रुपये खर्च के बावजूद भी मरीजों को सरकारी एंबुलेंस की सुविधा नहीं मिलना स्वास्थ्य महकमा पर सवालिया निशान उठाता है.
सदर अस्पताल में रहता है निजी एंबुलेंस : सदर अस्पताल के वरीय पदाधिकारियों की मिली भगत से अस्पताल परिसर में आये दिन निजी एंबुलेंस लगा रहता है. इन
निजी एंबुलेंस वालों के उपर कोई कार्रवाई भी सदर अस्पताल द्वारा नहीं किया जाता है. जिस कारण मरीज को एमरजेंसी में इन निजी एंबुलेंस की सहायता लेनी पड़ती है. और इनके द्वारा मरीजों से मनमाने किराये की मांग की जाती है.
बेहतर सुविधा मुहैया करायी जायेगी
समस्या के निदान के लिए उपाधीक्षक से बात की जायेगी. और मरीजों को बेहतर सुविधा मुहैया करायी जायेगी.
डाॅ. अमर नाथ झा, सिविल सर्जन

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