फुलपरास : ट्रक हादसे ने अंचल प्रशासन व अनुमंडल प्रशासन की महादलित परिवार को बासगीत पर्चा दिये जाने में लापरवाही को सामने ला दिया है. ट्रक हादसे में जिस परिवार के चार लोगों की मौत हुई है वह परिवार पिछले पांच सालों से एनएच किनारे एक झोपड़ी में रह रहा था. ना घर बनाने के लिए जमीन और ना ही ढंग का घर.
गांव के लोग बताते हैं कि सुरेंद्र मल्लिक भी बासगीत पर्चा के लिए अंचल प्रशासन का चक्कर लगा रहा था. पांच साल तक अंचल प्रशासन ने ना तो बासगीत पर्चा दिया और ना ही इस परिवार को इंदिरा आवास ही मिल सका. घटना के बाद अनुमंडल प्रशासन व अंचल प्रशासन इस मसले को टाल रहा है. पूछने पर एसडीओ कमर आलम बताते हैं कि कितने लोगों को बासगीत पर्चा नहीं मिल सका है यह जानकारी नहीं है. आने वाले दिनों में इस पर ध्यान दिया जायेगा. पर बासगीत पर्चा को लेकर प्रशासन की गंभीरता हादसे के बाद सामने आ गयी है.