मधुबनी : जहां सरकार गुणवत्तापूर्ण शिक्षा पर जोर दे रही है, वही दूसरी तरफ छोटे – छोटे बच्चों की जिंदगी से खिलवाड़ कर रही है. विद्यालय भवन जर्जर और परित्यक्त लायक हो और उस भवन में बच्चे पढ़ाई कर रहे हो.
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विद्यालय का भवन जर्जर
मधुबनी : जहां सरकार गुणवत्तापूर्ण शिक्षा पर जोर दे रही है, वही दूसरी तरफ छोटे – छोटे बच्चों की जिंदगी से खिलवाड़ कर रही है. विद्यालय भवन जर्जर और परित्यक्त लायक हो और उस भवन में बच्चे पढ़ाई कर रहे हो. मधुबनी प्रखंड के मधुआ पंचायत अवस्थित प्राथमिक विद्यालय मधुआ की है. जहां नामांकित बच्चे […]
मधुबनी प्रखंड के मधुआ पंचायत अवस्थित प्राथमिक विद्यालय मधुआ की है. जहां नामांकित बच्चे तकरीबन 130 के आसपास है तथा 3 शिक्षक है. इस भवन में मात्र दो कमरे और बरामदे है. दोनों ही कमरे की खिड़की जंगले टूट चूके है. छत से प्लास्टर झड़ चुका है. बच्चों की बैठने की व्यवस्था बरामदे में की गयी है. परंतु बरामदे का भी छत का प्लास्टर टूट – टूट कर गिरता है. इसको देखते हुए बाहर पेड़ के नीचे भी पठन – पाठन का कार्य किया जाता है.
ग्रामीण दिनेश राय, सत्य नारायण कुशवाहा, रामचंद्र कुशवाहा, वीर कुशवाहा, रामज्ञा शर्मा, किशुन वर्मा, प्रभुनाथ राय आदि ने बताया कि यह भवन पूर्णरूप से परित्यक्त हो चुका है. 1990 की दशक में इस विद्यालय भवन का निर्माण हुआ था. 2004 में जब यह भवन जर्जर होने लगा तो पंचायत के निर्वतमान मुखिया जयप्रकाश कुशवाहा के द्वारा इस भवन का पंचायत निधि से जीर्णोंद्धार करवाया गया. लेकिन आज इस विद्यालय भवन की स्थिति काफी बदतर है. ग्रामीणों ने बताया कि इस जर्जर भवन में शिक्षण का कार्य काफी जोखिम भरा है. बच्चों की जिंदगी के साथ खिलवार्ड करने वाला है. वहीं विद्यालय की प्रधानाध्यापिका स्वेता कुमारी ने बताया कि बार – बार बीआरसी एवं जिले को लिखा जा चुका है. परंतु अभी तक किसी प्रकार की सुनवाई नही हो सकी. उन्होंने बताया कि जंगला खिड़की टूट जाने के कारण विद्यालय का समान भी सुरक्षित नही रह पाता है.
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