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मधुश्रावणी आज, गूंज रहे बिषहारा के गीत

15 दिन चलता है लोक आस्था का पर्व मधुबनी : जिला मुख्यालय सहित पूरे क्षेत्र में नव विवाहिताओं का 13 दिवसीय लोक सांस्कृतिक पर्व मधुश्रावणी शुक्रवार को मनाया जायेगा. इस दिन नव विवाहिताओं का पुरानी परंपरा के अनुसार टेमी दागने की परंपरा निभायी जायेगी. मान्यता है कि जिसके घुटने पर जितने बड़े फफोले आयेंगे उसके […]

15 दिन चलता है लोक आस्था का पर्व

मधुबनी : जिला मुख्यालय सहित पूरे क्षेत्र में नव विवाहिताओं का 13 दिवसीय लोक सांस्कृतिक पर्व मधुश्रावणी शुक्रवार को मनाया जायेगा. इस दिन नव विवाहिताओं का पुरानी परंपरा के अनुसार टेमी दागने की परंपरा निभायी जायेगी. मान्यता है कि जिसके घुटने पर जितने बड़े फफोले आयेंगे उसके पति की उम्र उतनी ही अधिक होगी. नाग पंचमी के साथ आस्था और श्रद्धा के साथ शुरू हुए इस पर्व का मधुश्रावणी के साथ ही समापन हो जायेगा. इन तेरह दिनों में विवाहिता महिलाओं ने आस्था श्रद्धा के साथ नाग पूजा, गौरी पूजा कर पति के दीर्घायु होने की आशीर्वाद मांगा. तेरह दिनों तक सुबह शाम गांव की गलियों से महिलाओं के गाये गीत की आवाज आ रही थी तो शाम में टोलियों के संग में फूललोढी के लिये निकली महिलाएं संगी साथी संग जाही जूही लोढ़ने में व्यस्त रही.
फूल से होती है पूजा
पंद्रहों रोज बासी फूल चढ़ाने का ही प्रचलन है. यह ऐसी पूजा है जिसमे माता गौरी को बासी फूल व अन्य जाही जूही से पूजा अर्चना किया जाता है. पूरे पर्व में नव विवाहिता अपने ससुराल से आये अन्न ही खाती है एवं ससुराल से आये वस्त्र पहन कर ही फूल लोढी करती है तथा पूजा अर्चना करती है. नाग पंचमी के दौरान ससुराल से आये चना, डाला बांटा गया व कुंवारी कन्याओं को खाना खिलाया गया. वहीं शाम में सहेलियों के संग फूल लोढी के लिये निकली एवं देवस्थल पर जाकर डाला को संजाया. फिर गीत गाते हुए अपने अपने घर लौटी. इस पर्व में पंडित की भूमिका भी महिला ही निभाती है तथा शाम में नाग पूजा की कथा व्रती को सुनाती है. गुरुवार को ही विवाहिताओं के ससुराल से हर सामग्री उनके मायके आया. शुक्रवार को मधुश्रावणी के दिन पुरानी परंपरा टेमी दागने की रश्म अदा की जायेगी.
गौरी पूजन कर मांगी आशीष
मधुश्रावणी पूजन करने में गौरी पूजन का खास महत्व है. महिलाएं सबसे पहले माता गौरी की पूजा कर अपने परिवार व पति के लिए लंबी आयु की कामना करती है. महिलाएं गौरी पूजू गौरी पूजू जानकी से जानकी पूरल कामना, बर भेटल रघुवर पुरल कामना एवं गौरी पूजय लेल सीता बेहाल भेल छै, मांग सिंदूर भरल रंग लाल भेल छै. गीत गाते रही तो विवाहिता ने माता गौरी का पूजन की व परिवार के लिये आशीष मांगी. महिलाएं गीत गा रही थी और नव विवाहिता विभिन्न सामग्रियों के संग विधि विधान से पूजा अर्चना कर रही थी. महिलाएं ससुराल से आये नये वस्त्र व आभूषण पहन सोलहो श्रृंगार कर ससुराल से ही आये सभी प्रकार के प्रसाद भगवान को चढ़ाया.
मधुबनी : सांसद एवं लोकसभा में कृषि संबंधी स्थायी समिति के सभापति हुक्मदेव नारायण यादव ने एनएच 57 पर सकरी में एक तरफ डायवर्सन नहीं बनने से आम अवाम को हो रही असुविधा पर गहरी चिंता जतायी है. सांसद ने बयान जारी कर कहा है कि एनएच 57 के निर्माण के समय आधा दर्जन मंदिर को हटा दिया गया. नये मंदिर के लिए धार्मिक न्यास बोर्ड बिहार के नाम जमीन लेकर मंदिर बनाया गया . मधुबनी शहर में प्रवेश के लिए सकरी में गाड़ियों को घुमाते समय काफी परेशानी होती है. सांसद ने कहा है कि सकरी में एक मसजिद ऐसे जगह बना लिया गया है जो वक्फ बोर्ड की संपत्ति नहीं है. फिर भी मसजिद के मुआवजा का भुगतान हो गया है. उन्होंने मुसलिम समाज के विधायक जनप्रतिनिधि और नेता से आग्रह किया है कि उक्त जगह से मसजिद हटवाने और डायवर्सन बनवाने में सहयोग करें.
सांसद ने कहा है कि आधा दर्जन मंदिर हटाते समय किसी ने विरोध नहीं किया बल्कि सानी पूर्वक हटा लिया गया. देश सभी का है विकास का लाभ सभी को समान रूप से मिलता है. सकरी में कुछ लोग गुप्त रूप से लोगों को उकसा कर मसजिद हटाने का विरोध कराते हैं. सांप्रदायिक भावना को उभार कर विकास में अवरोध पैदा करना राष्ट्रहीत में नहीं है. सांसद ने अवरोध पैदा करने वालों के विरुद्ध सख्ती से कार्रवाई करने के लिए प्रशासन को आगाह किया है. उन्होंने मिथिलांचल के युवा वर्ग, बुद्धिजीवी, जनप्रतिनिधि से आग्रह किया हे कि सहमति बनाकर सत्याग्रह करके सकरी में डायवर्सन बनाने में सहयोग करने की अपील की है.

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