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घटना. एक साथ फट गये सौ हाइड्रोजन गैस भरे गुब्बारे मधुबनी : नीतीश चंद्र ठाकुर के घर उत्सवी माहौल था. हर ओर खुशी और उमंग में लोग डूबे हुए थे. कोई एक साल की बच्ची शिवांशी को तैयार करने में जुटा था. पर इन लोगों को क्या पता था कि यह खुशी कुछ देर बाद […]

घटना. एक साथ फट गये सौ हाइड्रोजन गैस भरे गुब्बारे

मधुबनी : नीतीश चंद्र ठाकुर के घर उत्सवी माहौल था. हर ओर खुशी और उमंग में लोग डूबे हुए थे. कोई एक साल की बच्ची शिवांशी को तैयार करने में जुटा था. पर इन लोगों को क्या पता था कि यह खुशी कुछ देर बाद गम में बदल जायेगी. नीतीश चंद्र ठाकुर की एक साल की नतिनी शिवांशी की पहली वर्षगांठ थी. पूरा परिवार जुटा हुआ था. सब कुछ ठीक ठाक चल रहा था. घर के लोगों ने वर्षगांठ उत्सव को यादगार बनाने की हर कोशिश की थी.
बाजार से एक सौ से अधिक हाइड्रोजन गैस वाला बैलून भी खरीद कर लाये थे. पर यही बैलून उनके घर की खुशी में खलल डाल दिया. जैसे ही शिवांशी के जन्म दिन के लिए मंगाये गये केक काटने से पहले माचिस जलायी गयी अचानक ही एक साथ सभी गुब्बारे में आग पकड़ लिया और तेज आवाज के साथ आग की लपटें निकली. जिसमें नन्हीं शिवांशी के साथ साथ घर में आस पास से आये अन्य बच्चे व परिवार के कई सदस्य भी बुरी तरह झुलस गये.
पूरे घर में टंगे थे गुब्बारे
दरअसल घर में अलग अलग जगहों पर करीब एक सौ से अधिक हाइड्रोजन गैस भरा बैलून टांग दिया गया था. जिसमें माचिस जलाते ही एक साथ आग पकड़ लिया और एक ही बार में आग की लपटें निकली. जिस बैलून की जद में जो आया वह घायल हो गया. सबसे गंभीर रूप में वे लोग झुलसे जो केक के चारों ओर खड़े थे. नीतीश चंद्र ठाकुर बताते हैं कि किसी के समझ में कुछ नहीं आया कि ये अचानक आग की लपटें कहां से आयी. परिवार के सभी सदस्य तो केक काटने के बाद ताली बजाने के लिए तैयार थे. तेज धमाका हुआ तो लगा कि कहीं बम फट गया है. जब तक मौजूद लोग कुछ समझ पाते तब तक आस पास के कई बच्चे झुलस चुके थे.
हादसे में घायल
शिवांशी (एक साल ), शिवांशी की मां, नीतीश ठाकुर की पत्नी, शिवांशी की मौसी, यशराज (छह साल ), गौरव (13 साल ) सहित अन्य बच्चे शामिल हैं.
कानून की जानकारी नहीं
प्रशासनिक अधिकारी को यह पता नहीं है कि हाइड्रोजन गैस भरा बैलून की खुलेआम बिक्री कानून का उल्लंघन है या नहीं . एसडीओ मो. शाहिद परवेज से जब इस बात की जानकारी ली गयी तो उन्होंने बताया कि अक्सर लोग हाइड्रोजन भरा बैलून उड़ाने के लिए खरीदते है. पर कोई अपने घर में एक साथ इतनी अधिक बैलून लेकर आग जलाता है तो यह सतर्कता तो खुद लोगों को ही बरतना चाहिए. वैसे यह जानकारी ली जा रही है कि हाइड्रोजन गैस भरा बैलून बेचने के लिए लाइसेंस जरूरी है या नहीं.
नहीं मन सका शिवांशी का जन्मदिन
चीखने-िचल्लाने लगे बच्चे
हादसा इस प्रकार अप्रत्याशित रूप से घटा कि किसी के समझ में कुछ नहीं आया. बच्चों की चीख पुकार सुनकर व भागते बच्चे को देख परिवार के सभी होश खो बैठे. घर में मौजूद प्राय: हर कोई आग की जद में आ चुका था. किसी का चेहरा झुलसा था तो किसी का हाथ.
तेजी से प्रतिक्रिया करती है हाइड्रोजन गैस
इतिहास के प्राध्यापक सी एम झा बताते हैं कि हाइड्रोजन गैस आग से बहुत तेजी से प्रतिक्रिया करता है. यह बहुत ही अधिक ज्वलनशील गैस है. दूसरा है हवा से हल्का होना. जिस प्रकार पेट्रोल के समीप आग ले जाने पर आग पकड़ लेता है उसी प्रकार हाइड्रोजन गैस भी आग के संपर्क में आते ही तेजी से प्रतिक्रिया करता है.
जैसे ही केक काटने के दौरान मोमबत्ती जलाने के लिए माचिस जलायी गयी समीप के गुच्छे में 32 बैलून जो मोमबत्ती के पास ही केक के चारों ओर लगा दिया गया था, उसमें आग पकड़ लिया. आग का एक गोला सा निकला और केक के चारो ओर खड़े बच्चे व अन्य परिजन इसके चपेट में आ गये. इसके साथ ही कमरे में लगे अन्य बैलून से भी आग की लपटें निकली जिससे आठ बच्चे सहित करीब एक दर्जन लोग घायल हो गये.

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