मधुबनी : नित्यकर्म से निवृत होने के बाद प्रतिदिन 30 मिनट योगाभ्यास करने से स्वास्थ्य की निरंतरता बनी रहती है. नस एवं नाड़ियों में रक्त संचालन सामान्य गति से कार्य करते है. रक्त का विजातीय द्रव्य पिघलकर पसीने के रूप में त्वचा से होकर बाहर निकल जाते है. जोड़ों, मांसपेशियों और आंतरिक अंगों में लचिलापन बना रहता है. ध्यान करने से मन स्थिर रहता है. यम-नियम के अनुपालन से आत्मशुद्धि होता है.
और सामाजिक समरसता और आपसी सामंजस्य बढ़ता है. उक्त बातें नगर परिषद के विवाह भवन में आयुष मंत्रालय केंद्र सरकार के केंद्रीय योग एवं प्राकृतिक चिकित्सा अनुसंधान परिषद के प्रायोजकत्व में आयोजित स्थानीय मिथिला रिसर्च इंस्टीच्यूट ऑफ नेचुरोपेथी द्वारा आयोजित नि:शुल्क योग शिविर के प्रशिक्षक डाॅ कुमारी मालविका ने कही.
डा. कुमारी ने योग शिविर में प्राणायाम, प्रत्याहार और धारणा के लाभों की चर्चा भी योग शिविर में की गयी. योग प्रशिक्षक सुनील कुमार ने सूक्ष्म व्यायाम, सूर्य नमस्कार एवं सामान्य योग अभ्याक्रम के आसानों की व्याख्या की.