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जर्जर भवन में चलता है कोर्ट

उदासीनता. टूटकर गिरा था छज्जा, बाल-बाल बचे थे लोग मधुबनी : व्यवहार न्यायालय के एक भवन के छज्जा कुछ रोज पहले टूटकर गिर गया. इसमें भले ही कोई हताहत नहीं हुआ, पर इससे सुरक्षा पर सवालिया निशान खड़ा कर दिया है. नौबत यह है कि कई भवन जर्जर व क्षतिग्रस्त हैं. व्यवहार न्यायालय में काम […]

उदासीनता. टूटकर गिरा था छज्जा, बाल-बाल बचे थे लोग

मधुबनी : व्यवहार न्यायालय के एक भवन के छज्जा कुछ रोज पहले टूटकर गिर गया. इसमें भले ही कोई हताहत नहीं हुआ, पर इससे सुरक्षा पर सवालिया निशान खड़ा कर दिया है. नौबत यह है कि कई भवन जर्जर व क्षतिग्रस्त हैं. व्यवहार न्यायालय में काम करने वाले अधिवक्ता, मुंसिफ सहित जिले से हर रोज आने वाले सैकडों लोगों में दुर्घटना को लेकर भय व्याप्त है.
हादसे से बचे थे न्यायाधीश
भवन जर्जर रहने के कारण एक बार पूर्व के जिला एवं जिला बनने के बाद 1978 से जिला सत्र न्यायाधीश का कोर्ट प्रारंभ हुआ. इसी दौरान जिला एवं सत्र न्यायाधीश का इजलास बना. सन 2008 में तत्कालीन जिला एवं सत्र न्यायाधीश गोविद चंद्रायण इजलास पर किसी मामले की सुनवाई कर रहे थे. इसी दौरान छत से प्लास्टर का बड़ा टुकड़ा न्यायाधीश के बगल में आकर गिरा था. जिसमें न्यायाधीश श्री चंद्रायन बाल बाल बच गये थे. उक्त कार्यालय में बरसात में परेशानी होती है. खास कर किशोर न्याय परिषद का तो यह आलम रहता है कि कर्मी को बैठने तक की जगह नहीं रहती है. ऐसे में अभिलेख को पानी से बचाना कर्मियों के लिये चुनौती बन जाता है.
भवन निर्माण की खानापूरी
जिस न्यायाधीश के द्वारा जिले के लोगों को न्याय मिलता है. हर विभागीय अधिकारी न्यायाधीश के आदेश का सम्मान करते हैं. भवन निर्माण विभाग के अधिकारी इस न्यायालय के भवन निर्माण में भी खानापूरी कर भाग जाते हैं. मिली जानकारी के अनुसार विगत दिनों जिस न्यायालय भवन का छज्जा टूटकर गिरा था उसका निर्माण साल 89-90 में किया गया था. समय समय पर रंग रोगन व मरम्मत का काम भी किया जाता है. मिली जानकारी के अनुसार भवन निर्माण विभाग के द्वारा अक्तूबर 15 में उक्त भवन का मरम्मत कराया गया था. इस दौरान पूरे भवन की मरम्मत करायी गयी थी. पर मरम्मति के सात माह बाद ही भवन के छज्जा का टूटकर गिरना कार्य के गुणवत्ता को सामने ला दिया है.
कई भवन जर्जर, दहशत में काम करते अधिवक्ता व पक्षकार
अंग्रेजों के जमाने का भवन
व्यवहार न्यायालय के भवन की हालत डरावनी भूतहा फिल्म के घरों जैसी है. यह बंगला अंग्रेज जमाने का ही है. जिसमें आज भी न्यायाधीश बैठ कर मामलो की सुनवाई करते है.यह भवन काफी पुराना है. जिस कारण कई जगहों से जर्जर भी हो चुका है. इस बंगला में जिला एवं सत्र न्यायाधीश का कार्यालय , किशोर न्याय परिषद का कार्यालय , विकास झा न्यायिक दंडाधिकारी प्रथम श्रेणी सहित अन्य कार्यालय सहित अन्य कार्यालय है.
हथियारों के बल पर
72 हजार लूटे
लौकही. प्रखंड से निकली निर्मली- कुनौली सड़क पर भूतहा चौक से पीछे अपराध कर्मियों ने पिस्तौल का भय दिखाकर दरभंगा जिला के कमतौल थाना के कहरिया निवासी विमल कांत मिश्र से 72 हजार रुपये लूट लिया. इस संदर्भ में पीड़ित के बयान पर लौकही थाना में शनिवार को तीन अज्ञात अपराधियों पर प्राथमिकी दर्ज की गई है. उन्होंने बताया है कि वे अपने मालिक बद्री प्रसाद महनसारिया के साथ निर्मली से तगादा वसूल कर टेंपो से लौट रहे थे.
भूतहा चौक से पीछे अपराधियों ने उसे टेंपो से उतारकर घटना को अंजाम दिया. पुलिस ने अपराधियों की गिरफ्तारी के लिए छापेमारी शुरू कर दिया है. इस संदर्भ में संपर्क करने पर थानाध्यक्ष रामचंद्र चौपाल ने बताया कि कांड का अनुसंधान जारी है.

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