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तीन वर्ष का होगा समिति का कार्यकाल

मधुबनीः नये विद्यालय शिक्षा समिति के गठन का काम शुरू हो गया है. नये विद्यालय शिक्षा समिति का कार्यकाल तीन वर्ष का होगा. अभी पूरे जिले में तदर्थ विद्यालय शिक्षा समिति है. अब तदर्थ विद्यालय शिक्षा समिति की समिति है. अब तदर्थ विद्यालय शिक्षा समिति की जगह नये विद्यालय शिक्षा समिति का गठन किया जा […]

मधुबनीः नये विद्यालय शिक्षा समिति के गठन का काम शुरू हो गया है. नये विद्यालय शिक्षा समिति का कार्यकाल तीन वर्ष का होगा. अभी पूरे जिले में तदर्थ विद्यालय शिक्षा समिति है. अब तदर्थ विद्यालय शिक्षा समिति की समिति है. अब तदर्थ विद्यालय शिक्षा समिति की जगह नये विद्यालय शिक्षा समिति का गठन किया जा रहा है. 29 जनवरी 2014 तक जिले के सभी तदर्थ विद्यालय शिक्षा समिति की जगह नये विद्यालय शिक्षा समिति का गठन कर लिया जायेगा. इस तरह तदर्थ विद्यालय शिक्षा समिति अब जिले के स्कूलों में नहीं रहेंगे.

कैसे होगा चयन

स्कूल के हेडमास्टर द्वारा सीआरसीसी की सहमति से नामांकित बच्चों के माता पिता व अभिभावकों की आम सभा बुलायी जायेगी. इसी बैठक में नये विद्यालय शिक्षा समिति के सदस्यों का चयन होगा. समिति के गठन के विरुद्ध शिकायत के संबंध में डीपीओ सर्वशिक्षा अभियान के पास गठन की तिथि से 15 दिनों के अंदर अपील दायर किया जा सकेगा. अपील का निष्पादन इसके दायर होने के बाद 30 दिनों के भीतर किया जायेगा.

किस पद का होगा चयन

सामान्य जाति से दो पिछड़े वर्ग से दो, अत्यंत पिछड़ा वर्ग से दो, अनुसूचित जाति जनजाति से दो महिलाओं को नये विद्यालय शिक्षा समिति के सदस्य के रूप में आम सभा में चुना जायेगा. इन महिलाओं के बच्चों की उपस्थिति विद्यालय के पूर्ववर्ती कक्षा 50 प्रतिशत होनी चाहिए. एक वैसी भी महिला सदस्य चुनी जायेगी जिसका बच्च या बच्ची विकलांगता से ग्रसित हो. इस तरह आम सभा में सात महिला नये विद्यालय समिति के सदस्य के रूप में चुनी जायेगी. आम सभा के लिये सूचना पंजी के माध्यम से हेडमास्टर सूचना देंगे. जीविका ग्राम संगठन के महिला समूह की अध्यक्षता दो महिलाओं को भी सदस्य चुना जायेगा. इस तरह 9 महिला सदस्य नये विद्यालय शिक्षा समिति में होंगे. समिति के सचिव का चयन सदस्यों के द्वारा अपने से बहुमत से किया जायेगा. विद्यालय के प्रधानाध्यापक, बाल सांसद और मीना मंच के प्रतिनिधि स्कूल के वरीयतम शिक्षक और भूमिदाता या स्कूल में दस लाख रुपये से अधिक राशि देने वाला नामित सदस्य भी नये विद्यालय शिक्षा समिति में रहेंगे.

वार्ड सदस्य विद्यालय शिक्षा समिति के पदेन अध्यक्ष होंगे. सीआसीसी विशेष आमंत्रित सदस्य होंगे.स्कूल के भवन निर्माण, रख रखाव के लिये अंशदान प्राप्त करना, मध्याह्न् भोजन की व्यवस्था के लिये आवश्यक निर्णय लेना, शिक्षकों की उपस्थिति पर नजर रखना, विद्यालय विकास योजना की तैयारी करना. प्रत्येक स्कूल में विद्यालय विकास निधि के नाम से निधि का सृजन होगा. स्कूल के विकास के लिये प्राप्त सभी राशि इस निधि के खाते में जमा की जायेगी. खाता का संचालन नये विद्यालय शिक्षा समिति के अध्यक्ष व स्कूल के हेडमास्टर करेंगे. या नये विद्यालय शिक्षा समिति के सचिव व स्कूल के प्रधान शिक्षक करेंगे. जन अंशदान के माध्यम से प्राप्त राशि भी नये विद्यालय शिक्षा समिति के खाते में जमा की जायेगी. नये विद्यालय शिक्षा समिति को अधिकार होगा कि वह जन भागीदारी से स्कूल विकास के लिये नगद राशि व सामग्री प्राप्त कर सके. एक लाख रुपये तक का व्यय समिति के द्वारा की जा सकेगी. समिति अन्य श्रोतों से प्राप्त राशि का भी उचित उपयोग करेगी.

क्या कहते हैं अधिकारी

सर्वशिक्षा अभियान के विद्यालय शिक्षा समिति संभाग के प्रभारी अमरजीत कुमार का कहना है कि जिले में विद्यालय शिक्षा समिति के गठन का काम शुरू हो गया है. इसे पूर्ण विद्यालय शिक्षा समिति के नाम से जाना जायेगा. उन्होंने कहा कि सभी स्कूलों में शांतिपूर्वक पूर्ण विद्यालय शिक्षा समिति का गठन किया जा रहा है.

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