लाखों की लूट के साथ हुई थी एक हत्या भी
Advertisement
एक बार फिर दहशत में दतुआर के लोग
लाखों की लूट के साथ हुई थी एक हत्या भी अपराधियों ने फिर फोड़े बम पुलिस की कार्यशैली पर सवालिया निशान खजौली : थाना क्षेत्र के दतुआर गांव के लोगों के चेहरे पर एक बार फिर खौफ है. हर ओर एक अंजाना भय व्याप्त है. जिस खौफ व दहशत से कुछ हद तक लोगों ने […]
अपराधियों ने फिर फोड़े बम
पुलिस की कार्यशैली पर सवालिया निशान
खजौली : थाना क्षेत्र के दतुआर गांव के लोगों के चेहरे पर एक बार फिर खौफ है. हर ओर एक अंजाना भय व्याप्त है. जिस खौफ व दहशत से कुछ हद तक लोगों ने निजात पायी थी. रविवार की रात की घटना ने 13 माह पहले की घटना की याद को न सिर्फ ताजा कर दिया. बल्कि एक बार फिर सभी को खौफजदा कर दिया.
इस बार फिर वही डकैती की घटना, वहीं गोली व बम चलने की आवाज एवं वही पुलिस की नाकामी. अपराधियों ने तेरह माह पहले भी एक डकैती की घटना में जमकर बम फोड़े थे. घटना में एक व्यक्ति की हत्या भी कर दी थी. इस बार भी अपराधियों ने जानलेवा हमला किया है. भगवान करे कि गृह स्वामी व उनके बेटे की जान बच जाये. पर अपराधियों ने तो अपनी ओर से इन्हें मारने में कोई कोर कसर नहीं छोड़ी थी.
दिसंबर 2014 हुई थी दतुआर में डकैती
करीब 13 माह पहले 20 दिसंबर 2014 की रात दतुआर गांव के विनय कुमार सिंह, उदय कुमार सिंह के घर पर हथियारों से लैश अपराधियों ने धावा बोल कर लूट पाट किया था. इस दौरान विनय कुमार सिंह की डकैतों ने गोली मार कर हत्या कर दी थी.
इस तेरह माह में पुलिस घटना के खुलासा करने में अब तक नाकाम रही हैं.
13 माह बाद एक बार फिर रविवार की रात डकैतों ने जिस तरह बेखौफ होकर घटना को अंजाम दिया है. उससे ऐसा लग रहा है, मानों अपराधियों को या तो पुलिस का भय ही नहीं है या फिर अपराधी या पुलिस के बीच कुछ और ही संबंध है. रविवार की रात करीब एक बजे 20 से 25 की संख्या में आये नकाबपोश अपराधियों ने पैदल ही आकर करीब आधे घंटा तक उत्पात मचाया. बम फोड़े, फायरिंग किया. फिर पैदल ही निकल भागे और महज एक किलोमीटर की दूरी पर स्थित खजौली की थाना पुलिस न सिर्फ मूक दर्शक बनी रही बल्कि घटना घट जाने के करीब आधे घंटे बाद घटना स्थल
पर पहुंची.
घेरने में लगी रही पुलिस
पुलिस की कार्यशैली दतुआर डाकाकांड संदेह के घेरेे में आती जा रही है. इस प्रकार से अपराधियों ने घटना को अंजाम दिया व इस दौरान पुलिस ने अपना कार्य किया वह तो कम से कम यही इशारा कर रहा है कि पुलिस की मंशा यदि साफ होती तो अपराधियों को दबोचा जा सकता था. गृह स्वामी की बेटी पूनम की मानें तो जिस दौरान डकैत उनके घर में प्रवेश किया उसी दौरान उनके भाई व आस पास के लोगों ने खजौली थाना पुलिस व एसपी को इस घटना की सूचना दे दी थी.
इस बात को खुद थाना प्रभारी ब्रजेश कुमार सिंह व एसपी अख्तर हुसैन भी स्वीकार करते हैं कि रात करीब 1:15 से 1:20 तक हर पुलिस अधिकारी को इस घटना की जानकारी हो गयी थी. इस दौरान अपराधी घटना स्थल पर ही मौजूद थे और बम फोड़ रहे थे. दूसरी बात यह कि अपराधी पैदल ही आये थे. घटना स्थल से महज एक किलोमीटर की दूरी पर मुख्य खजौली जयनगर मुख्य सड़क किनारे घटना स्थल थी. पुलिस महज पांच से सात मिनट में वहां पहुंच सकती थी.
पर ऐसा करने के बजाय पुलिस करीब दो किलोमीटर दूर जाकर रेलवे ट्रैक को पार कर अपराधियो को घेरने की जुगत कर रही थी. आम तौर पर पुलिस पहले घटना स्थल पर पहुंचती है. ताकि घटना को रोका जा सके या फिर अपराधियों के भागने की जानकारी गृह स्वामी या आस पास के लोगों से लेकर उसे घेरने या पक ड़ा जा सके.
पर इस घटना में यह बात नहीं हुई. पुलिस की कार्यशैली यह बता रही है जैसे पुलिस को यह मालूम हो कि अपराधी किस दिशा से भागने वाले थे. यदि पुलिस घटना स्थल पर आती तो अपराधियों के दबोचे जाने की संभावना अधिक होती. थाना प्रभारी बताते हैं कि घटना स्थल पर जाने के बजाय वे अपराधियों को घेरना
बेहतर समझा.
आधे घंटे बाद पहुंची पुलिस
घटना हो जाने के करीब आधे घंटे बाद पुलिस घटना स्थल पर पहुंची. ग्रामीण व गृह स्वामी की बेटी पूनम बताती है कि जब घटना को अंजाम देकर अपराधी भाग गये उसके करीब 15 मिनट बाद गांव का चौकीदार शत्रुघ्न पासवान घटना स्थल पर आये. उन्होंने थाना प्रभारी से पूनम की बात करायी उसके करीब 15 मिनट बाद पुलिस की टीम घटना स्थल पर पहुंची. हालांकि पुलिस इन बातों को नकारती है.
थाना प्रभारी ब्रजेश कुमार सिंह बताते हैं कि जब उन्हें सूचना मिली तो वे अपराधियों को घेरने के लिये भागे जबकि इंसपेक्टर तत्काल घटना स्थल पर पहुंचे. इधर घटना से लोगों में आक्रोश व्याप्त है.
कोई अपना ही दे रहा अपराधी को जानकारी !
दतुआर गांव में रविवार की रात हुई डकैती की घटना ने लोगों के साथ साथ पुलिस को भी यह सोचने पर मजबूर कर दिया है कि कोई अपना ही है जो गांव के लोगों के घरों की जानकारी अपराधियों तक पहुंचाता है फिर अपराधी मानों इस प्रकार घर में आकर धावा बोलते हेैं जैसे उन्हें हर कोने कोने की जानकारी हो.
विगत 13 माह पहले भी इस प्रकार की अंदेशा सामने आयी थी और एक बार फिर रविवार की घटना से भी यह बात संदेह उत्पन्न कर रहा है. गृह स्वामी सुरेंद्र नारायण सिंह का घर बगीचे के बगल में है.
इनके घर के बाद दूर दूर तक ना तो लोगों की आवाजाही और ना ही पक्की सड़क. अपराधी इससे वाकिफ थे तभी तो पैदल ही इस बगीचे की ओर से आये और अपने साथ लाये कुल्हारी से घर का दरवाजा तोड़ दिया. उसके बाद परिवार के सदस्यांे से चाबी मांगी. चाबी लेकर केवल उसी घर का दरवाजा खोला जिस घर में जेवरात व नकदी वाला
आलमारी था.
अपराधी लूट पाट कर फिर उसी बगीचे के रास्ते पैदल ही चला गया. इसका संदेह गांव वालों को भी और पुलिस को भी है. गांव के गणेश सिंह उदय सिंह सहित अन्य ने बताया कि कोई अपना ही है जो अपराधी के साथ मिल कर गांव के लोगों के घरों की पूरी जानकारी अपराधी तक पहुंचाता है. फिर रणनीति तय करने के बाद घटना को बेखौफ हो अंजाम दिया जाता है.
Prabhat Khabar App :
देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए
Advertisement