मधुबनीः मुजफ्फरपुर रेल पुल हादसे की खबर से जिले के लोग भी दहशत में आ गये हैं. जिले में दरभंगा-जयनगर, सकरी-निर्मली व झंझारपुर-लौकही रेल खंड में स्थित आधे दर्जन पुल खतरनाक हालत में है. वहीं जयनगर-जनकपुर रेलखंड में भी चार पुल कभी भी ध्वस्त हो सकता है. झंझारपुर रेल सह सड़क पुल की हालत काफी दयनीय है. जहां की हालत को लेकर रेल प्रशासन व स्थानीय प्रशासन के बीच कई बार ठन चुका है.
वहीं घोघरडीहा में भुतही बलान पर बना रेल पुल खतरनाक हालत में है. झंझारपुर-निर्मली में स्थित दो पुल काफी दयनीय हाल में है. हालांकि इन दोनों रेलखंड में अमान परिवर्तन का कार्य जारी है. वहीं जयनगर जनकपुर भारत-नेपाल रेल मैत्री खंड में भी अमान परिवर्तन का काम जारी है. इस क्षेत्र के विभिन्न रेलखंड में स्थित पुल के संदर्भ में सीनियर डीसीएम सह रेल प्रवक्ता एम ए हूमायू ने बताया कि अमान परिवर्तन का काम जहां हो रहा है. उस खंड में स्थित पुल की क्षमता का निर्धारण कर दिया गया है. तत्काल मरम्मती कर यातायात चालू रखा गया है. इन सभी पुलों की जांच अभियंता के दल द्वारा लगातार किया जाता है एवं इनके मुताबिक काम किये जाते हैं.
रेल पुल के पायों में पड़ी दरार देखने वाला कोई नहीं
फुलपरासः घोघरडीहा-निर्मली रेल पथ सहित पुलों की जजर्रता किसी भी क्षण अनहोनी दुर्घटनाओं का गवाह बन सकता है. विदित हो कि पूर्व मध्य रेलवे समस्तीपुर रेल मंडल के अधीन सकरी-निर्मली मीटरगेज रेल खंड में आठ किलोमीटर की दूरी में घोघरडीहा-निर्मली छोटी रेलवे ट्रैक सड़क से 15 फिट नीचे होकर खेत से गुजर रही है. इस रेलवे ट्रैक में पुलों के पाया में दरार पड़ी हुई है.
जो ट्रेनों के गुजरने के दरम्यान किसी दुर्घटना को आमंत्रित देने जैसा प्रतीत हो रहा है. आजादी से पूर्व ब्रिटिश शासन काल के दौरान दरभंगा से निर्मली होते हुए भपटियाही तक रेलवे पथ के निर्माण के बाद इसके रख रखाव के प्रति रेलवे प्रशासन ने उदासीनता बरत रखी है. फलस्वरूप इस रेलवे खंड की हालत अत्यंत दयनीय बनी हुई है. दरभंगा से सकरी होते हुए जयनगर तक अमान परिवर्तन के बाद अव्यवस्थित हो चुकी सकरी-निर्मली मीटरगेज रेल पथ में ट्रेनों के विलंबित परिचालन बोगियों की संख्या में कमी रहने के कारण यात्री भेड़ बकरी की तरह यात्र करने को विवश है. इसके अलावा बोगियों एवं शौचालय में गंदगी की सफाई करने हेतु दर्जनों नियुक्त सफाई कर्मी अपने कर्तव्य के प्रति लापरवाही बरत रहे हैं.