मधुबनी : सदर अस्पताल में गैरेज के अभाव तथा बाइक रखने का समुचित स्थान नहीं रहने के कारण मरीजों व उनके परिजनों को अस्पताल परिसर में आने जाने में परेशानी हो रही है.
पहले इसमें एक छोटा सा गैरेज था वह भी ध्वस्त हो चुका है. पिछले दस से पंद्रह साल में शहर में आबादी में तेजी से इजाफा हुआ है. वाहनों की संख्या भी पहले की अपेक्षा काफी बढ़ी है.
सदर अस्पताल में मरीजों व डाॅक्टरों की संख्या भी बढ़ी है. अधिकांश डॉक्टर व स्वास्थ्यकर्मी कार व बाइक से सदर अस्पताल ड्यूटी करने आते हैं. जिसे जहां मन होता है वहीं वाहनों को लगा देते हैं. कोई निर्धारित स्थल नहीं है.
केस स्टडी एक
सदर अस्पताल के दो मंजिले आउटडोर के आगे जगह के अभाव में कार पार्किंग समस्या बन गयी है. आउटडोर में ड्यूटी करने वाले अधिकांश डाॅक्टर कार से आते हैं, लेकिन मजबूरी में उन्हें कार
को दूसरी जगह रखना पड़ता है. आउटडोर में आने वाले मरीजों के परिजनों के बाइक से आउटडोर का प्रवेश द्वार भर जाता है. इससे मरीजों को आउटडोर आने जाने में परेशानी हो रही है.
केस स्टडी दो
इमर्जेंसी कक्ष के आगे में वाहनों का तांता लगा रहता है. एंबुलेंस व वाहनों की भीड़ लगी रहती है. कुछ निजी वाहन चालक भी अपने वाहनों को इमर्जेंसी कक्ष के आगे में लगा देते हैं, जिससे अन्य मरीजों को काफी परेशानी होती है. टीकाकरण कक्ष व टेलिमेडिसीन कक्ष के आगे वाहनों को यत्र तत्र लगा देने से भी लोग परेशान हैं. कभी कभी तो मेल वार्ड, सर्जरी वार्ड व हड्डी वार्ड के आगे वाहनों की पार्किंग से लोगों का सिरदर्द बढ़ जाता है.
केस स्टडी तीन
प्रसव कक्ष के आगे में टेंपो, कार, एंबुलेंस व अन्य वाहनों के लगे रहने के कारण काफी परेशानी हो रही है. यहां जिले के विभिन्न पीएचसी से रेफर होकर गर्भवती महिलाएं सिजेरियन प्रसव या जटिल प्रसव कराने आती हैं. पर पार्किंग का जगह निर्धारण नहीं होने के कारण लोगों को वाहन पार्किंग में परेशानी हो रही है.
केस स्टडी चार
सदर अस्पताल का दो प्रवेश द्वार है. लेप्रोसी कार्यालय के समीप जो प्रवेश द्वार है ठीक उसके सामने वाहन हमेशा लगा रहता है, जिससे वाहन चालकों को कठिनाई हो रही है. कैदी वार्ड व एसीएमओ कार्यालय के आगे में वाहनों की पार्किंग भी समस्या बनी हुई है.
केस स्टडी पांच
सिविल सर्जन कार्यालय के आगे भी कार पार्किंग की जगह नहीं होने के कारण खुद सिविल सर्जन डाॅ नरेंद्र भूषण को अपनी सरकारी वाहन को आगे में सड़क पर लगाना पड़ता है. इससे सिविल सर्जन कार्यालय आने जाने वाले विकलांगों को काफी परेशानी हो रही है.
आइसीयू के बगल में जर्जर वाहन
सदर अस्पताल जर्जर व बेकाम के वाहनों का संग्रहालय बन गया है. आइसीयू के बगल में जर्जर वाहनों को रखा गया है. इन वाहनों की नीलामी कर उन्हें यहां से हटाने की मांग मरीजों ने की है.
क्या कहते हैं अधिकारी
सिविल सर्जन डॉ नरेंद्र भूषण का कहना है कि वे अभी नये आये हैं. मामले की जांच कर समस्याओं के निदान की दिशा में कार्रवाई करेंगे, ताकि मरीजों व उनके परिजनों को सुविधा हो सके.