मधवापुर : लोकआस्था एवं सूर्योपासना की चार दिवसीय महापर्व छठ प्रखंड क्षेत्र में शांति व सद्भावपूर्ण वातावरण में मंगलवार को अस्तचलगामी एवं बुधवार को सूर्योदय का अर्घ्य दान के साथ संपन्न हो गया.
इस दौरान बाबा नर्मदेश्वर स्थान, नरसिंह स्थान एवं ब्रम्ह्स्थान घाट पर छठी मैया की प्रतिमा भी व्रतियों एवं धर्मावलंबियों के दर्शनार्थ बनाये गये थे, जिसके सामने व्रती के मन्नत का दंड देता रूप आकर्षण का केंद्र बना हुआ था.
घाट पर बनी छठी मैया के दरबार में मत्था टेक धर्मावलंबी पूजा अर्चना कर अपनी मन्नतें रखते हैं और इसी तरह हर्षोल्लास से अगले वर्ष यह पर्व मनाने का आशीषवचन मांगते हैं. इस दौरान कई लोगों ने अपने बच्चों की मन्नत पर नटुआ के माध्यम से पारंपरिक नृत्य भी कराया जिससे वातावरण कुछ क्षण के लिए मनोरंजक बना रहा.
मधवापुर. सीमावर्ती क्षेत्र के मधवापुर, रामपुर, विरीत एवं नेपाल के मटिहानी, तुलसियाही, मुसहरनियां के धर्मावलंबी धौंस नदी किनारे दोनों ओर एक ही घाट पर आमने-सामने रात में रहकर लोक आस्था का महापर्व छठ पर्व मनाते हैं. ठहराव के लिए दोनों किनारे टेंट, बैठने के लिये दरी, कुरसी, रोशनी, पीने के पानी, चाय, नाच गाने आदि की व्यवस्था पूजा समिति द्वारा हर वर्ष आपसी सहयोग से की जाती है.
सूखे नदी में कई दिनों से मेहनत कर जैसे- तैसे लोगों ने अपने बलबूते गड्ढ़े खोदकर हर मुहल्ले घाट के सामने दोनों दिशा में कई छोटी बांधें बांधकर कर किसी तरह एक फुट गहराई में छठ मनाने के लिए पानी इकट्ठा किया था. जिसमें यह पर्व किसी तरह शांति और सद्भाव के साथ श्रद्धापूर्वक मनाया गया. इस मौके पर गुब्बारे से दोनों देश के घाट पर लगे टेंट को सजाया गया था.