मधुबनी : आस्था व श्रद्धा का महान पर्व छठ को हर्षोल्लास के साथ मनाये जाने की तैयारी में लोग जुटे हुए हैं. सोमवार को श्रद्धालुओं ने खरना कर भगवान की पूजा-अर्चना की व अपने परिवार के सुख शांति की कामना की. खरना को लेकर सुबह से ही बाजारों में खरीदारी शुरू हो गयी थी. बाजार भी अहले सुबह ही सज गया था.
हर चौक चौराहा पर केला, नारियल, गन्ना, फल, बांस से बने सामान, गूड़, मिट्टी के बने सामानों की दुकान सज गयी थी. चभच्चा चौक, शंकर चौक, महंथी लाल चौक, नारियल बाजार, बाटा चौक, गिलेशन बाजार सहित हर चौक चौराहा पर छठ पर्व को लेकर दुकान सजी रही और श्रद्धालु खरीदारी करने में जुटे रहे.
दूध-गुड़ की खूब हुई बिक्री
खरना के लिए सोमवार को दूध व गुड़ की जमकर बिक्री हुई. सुबह से ही हर दूध की दुकान पर ग्राहकों की लंबी कतार देखी गयी. लोग खरना के लिए दूध खरीदने को अहले सुबह ही बाजार आ गये थे. बाजार में पर्व में उपयोग आने वाले सामान, अरघौती, फल, अगरबत्ती, सब्जी व अन्य सामान की भी लोगों ने दिन भर खरीदारी की. साहरघाट प्रतिनिधि के अनुसार, मिथिला का सर्वाधिक लोक आस्था का त्योहार छठ महापर्व को लेकर मधवापुर प्रखंड क्षेत्रों में सोमवार को खरना को ले फल व सब्जियों के भाव में अचानक उछाल आ गया.
खरना संपन्न
छठ पर्व को लेकर सोमवार की शाम खरना आस्था व श्रद्धा के साथ संपन्न हुआ. इसी के साथ व्रती का उपवास भी शुरू हो गया. दिन भर खरना की तैयारी में महिलाएं जुटी रहीं. कहीं खीर बनाया जा रहा था तो कही पूरी व अन्य सामान बनाये जा रहे थे. शाम में व्रतियों ने खरना किया. इस दौरान परिवार के हर सदस्यों ने भगवान को प्रणाम किया व अपने परिवार के लिए सुख शांति की कामना की. खरना के दौरान ही महिलाओं ने विभिन्न प्रकार की मन्नतें भी मांगी.
बाहर से आ रहे लोग
इधर, पर्व को लेकर बाहर से आने वालों का सिलसिला जारी है. बस स्टैंड व स्टेशन पर यात्रियों की भारी भीड़ देखी जा रही है. लोग अपने घर तक जाने के लिए विभिन्न वाहनों को भाड़े पर लेते देखे गये. कई लोग अपने निजी वाहन से भी अपने अपने घर गये.
सफाई अंतिम चरण में
विभिन्न घाटों की साफ-सफाई का काम अंतिम चरण में है. जिला मुख्यालय सहित विभिन्न क्षेत्रों में नदी व तालाबों को साफ कर घाटों का निर्माण व साफ सफाई जोर शोर से चल रहा है. कहीं चौकी लगाकर घाट का निर्माण किया जा रहा है तो कहीं मिट्टी डालकर घाट को ठीक किया जा रहा है. घाट पर सजावट के लिये भी तैयारी की जा रही है. घाटों पर बांस बल्ला लगाकर टेंट व रोशनी की व्यवस्था में लोग जुटे हुए हैं.
बच्चे खरीद रहे पटाखे
शहर मुख्यालय से लेकर ग्रामीण क्षेत्रों में पटाखे की दुकान सज गयी है. जहां लोगों द्वारा पटाखे की जमकर खरीदारी की जा रही है. हालांकि इसमें गैर लाइसेंसी दुकानों की संख्या अधिक है, लेकिन इस ओर न तो ग्राहकों का ही ध्यान है और न ही प्रशासन ही इस ओर ध्यान दे रही है. इस कारण गैर लाइसेंसी पटाखा दुकानदारों की पौ बारह है.
हर पटाखा व अनार पर मनमर्जी तरीके से कीमत वसूला जा रहा है. पटाखा दुकानाें पर ग्राहकों की लंबी भीड़ है. गिलेशन बाजा, शंकर चौक, बाटा चौक, महिला कॉलेज रोड, स्टेशन चौक, कोतवाली चौक सहित अन्य प्रमुख चौक चौराहों पर खुलेआम अवैध तरीके से पटाखा बेचा जा रहा है.
बाजार में पीतल के कोनिया की बढ़ी मांग
कल तक लोग बांस से बने कोनिया व अन्य सामान की खरीदारी करते थे, लेकिन समय के साथ साथ इसमेें भी आधुनिकता आयी है. अब लोग बांस से बने कोनिया, मिट्टी के ढकनी की जगह पीतल व तांबे व चांदी का कोनिया, ढकनी की अधिक खरीदारी कर रहे हैं. इस कारण इसके कीमतों में भी काफी उछाल आ गया है. हालांकि, ग्रामीण क्षेत्रों में अभी भी मिट्टी व बांस से बने सामान की ही अधिक
प्रचलन है. कुम्हार व बांस से बने सामानों को बनाने में दिन रात पूरा परिवार जुटे हुए हैं. सुबह होते ही अपने-अपने सिर पर सामान से लदी टोकरी लादे गांव की गलियों में घूमते देखे जा रहे हैं.
पंडौल. छठ महापर्व की धूम पंडौल, सकरी, सरिसवपाही, भगवतीपुर, नाहर के बाजारों में देखने को मिल रही है. इन दिनों सड़क पर कई प्रकार के पूजा सामग्री बेची और खरीदी जा रही है तो पूजा के लिए हरे और ताजे फलों की खोज करने को लोग कई दुकानों के चक्कर लगा रहे थे.
बाजारों में भीड़ और भारी मांग के कारण दुकानदारों ने अपने सामान की कीमत भी बढ़ा रखी है जबकि लोकी, डाब नींबू, संतरे, कच्चे सिंगरा, गन्ना और केला की मांग खूब हो रही है. क्षेत्र का महत्वपूर्ण बाजार सकरी और पंडौल में जिला प्रशासन की ओर से कड़ी निगाह रखी जा रही है जबकि सादे लिवास में पुलिस के कई लोग घाटों पर मुस्तैद रहेंगे उक्त जानकारी पंडौल के अंचलाधिकारी राजीव रंजन,सकरी थाना अध्यक्ष धीरज कुमार ने दी है. क्षेत्र में सभी धर्मों के लोग हर्षोल्लास के साथ पूजा में शरीक होते हैंं. वहीं, सकरी बाजार, महावीर चौक ,यादव टोला , भवानीपुर , शाहपुर ,सरहद सहित विभिन्न क्षेत्रों में युवकों ने एकजुटता से खुद मेहनत कर घाटों की सफाई की है .