मधुबनीः भले ही दीपावली गुजर गयी हो पर सकरी चीनी मिल में काम करने वाले मजदूरों व कर्मियों को सरकार की ओर से राहत देने वाली खबर है. दरअसल सरकार अब इस मसले पर राजी हो गयी है कि आगामी वर्ष 2014 के जनवरी माह में मिल कर्मियों व मजदूरों के चिर लंबित वेतन आदि भुगतान की जायेगी.
बीते एक नवंबर को इस आशय का फैसला हुआ. हिंद मजदूर सभा के प्रांतीय महामंत्री अरुण यादव ने जानकारी देते हुए बताया है कि बीते एक नवंबर को श्रम विभाग के प्रधान सचिव के कक्ष में एक बैठक हुई थी. इसमें मजदूर संगठन के अलावे गन्ना विभाग के प्रधान सचिव की मौजूदगी में यह तय हुआ कि सकरी चीनी मिल मजदूरों के बकाये वेतनादि का भुगतान हर हाल में जनवरी 2014 तक कर दिया जायेगा.
इसके लिये सभी आवश्यक प्रक्रिया को समय पर पूरी कर दी जायेगी. सबसे अहम फैसला हुआ कि मजदूरों को भुगतान के लिये अब न तो पटना स्थित चीनी निगम के दफ्तर का चक्कर लगाना पड़ेगा और ना ही डीएम साहेब की आस में जूते घिसने पड़ेगें. दरअसल सरकार ने यह फैसला किया है कि मजदूरों के बकाये वेतनादि मद के पैसा को सीधे उनके खाते में भेजा जायेगा. जिससे मजदूरों व कर्मियों को फजीहत न ङोलना पड़े. संभव है सरकार के इस फैसले से मायूस हो चुके चीनी निगम के कर्मियों व मजदूरों को राहत जरूर मिलेगी.
बतातें चलें कि सरकार ने उक्त वेतनादि मद में करीब 13 करोड़ 62 लाख रुपये निगम को मुहैया कराया है. हालांकि इस राशि के भुगतान में निगम के स्तर पेच बरकरार है. दरअसल निगम चाहती है कि जब मील निवेशक को हस्तगत करा दिये जाय. तब इस राशि का भुगतान हो. जबकि मजदूर संगठन की ओर से इस पर आपत्ति है. बिहार चीनी उद्योग बचाव समिति के प्रदेश संयोजक अघनू यादव का मानना है कि विभागीय अधिकारी जान बूझ कर भुगतान के मामले को लटका दिये है. जबकि सरकार के कैबिनेट का पूर्व में फैसला था कि निवेशक को मील हस्तगत कराने से पूर्व मजदूरों के बकाये का भुगतान कर दिया जायेगा. इसी तर्ज पर राज्य सरकार ने मार्च 2013 को निगम को 13.62 करोड़ रुपये सकरी चीनी मिल कर्मियों व मजदूरों के बकाये मद में दे दिया. पर अब तक यह राशि निगम में यथावत है. यह बताते चलें कि वर्ष 1997 में सकरी चीनी मिल में उत्पादन बंद हुआ था. श्री यादव निगम के कथित उदासीनता पर अधिकारियों के नियत पर सवाल खड़ा कर रहे हैं.
ग्रेच्युटी की अवधि बढ़ी
श्री यादव ने बताया है कि जिन मिलों में कर्मियों व मजदूरों को पैसा मिल रहा है अथवा जहां इसकी प्रक्रिया शुरू हो रही है उन कर्मियों को लाभ मिलेगा. वैसे मिल कर्मचारी जो सेवानिवृत्त हो चुके हैं अथवा हो रहे हैं उनके अजिर्त अवकाश अवधि के भुगतान के दायरा को बढ़ाया गया है. पहले निगम की ओर से मात्र बीस दिन के अजिर्त अवकाश का भुगतान किया जाता था. पर अब यह 240 दिनों का होगा. ऐसे में अनुमान है कि करीब 8 माह का वेतन दिया जायेगा. वहीं अंतरिम राहत को भी वेतन का अंग मान लिया है. जबकि ग्रेच्युटी की अवधि को बढ़ा दी गयी है.
पीएफ का जमा हुआ पैसा
चीनी मिलों में काम करने वाले कर्मी जो सेवानिवृत्त हो रहे हैं. उनके लिये भी पेंशन भुगतान का रास्ता निकाला जा रहा है. श्री यादव ने बताया है कि संगठन व सरकार ने इस मसले पर समन्वय स्थापित किया है. इसी का नतीजा है कि चीनी निगम ने कर्मियों व मजदूरों के भविष्य निधि खाते में 24 करोड़ रुपये जमा करवाया है. इसमें करीब 3 करोड़ के लोहा चीनी मिल का है. इसके बाद सेवानिवृत्त हो चुके अथवा होने वाले कर्मियों के पेंशन भुगतान का रास्ता पुख्ता होता नजर आ रहा है.