मधुबनी : सरकार के तमाम दावों को झुठला रही है शहर की जल निकासी की समस्या. महज दो दिनों की बारिश से अधिकांश घरों में शौचालय काम नहीं कर रहा है.
शहरवासियों को शौचालय के लिये दो से तीन किलोमीटर की दूरी पर जाना पड़ रहा है. नागरिक सुविधा के नाम पर टैक्स लेने वाली नगर परिषद बेबस व लाचार बनी हुई है. जलजमाव से जहां लोग शहर से विस्थापित होने लगे हैं वहीं प्रशासन चैन से सोया है. हालत यह है कि रोम जल रहा है व नीरो बांसुरी बजा रहे हैं.
पानी में डूबे चापाकलों का पानी पीकर शहर के लोग अपनी प्यास बुझा रहे हैं. मानो पूरा शहर बीमार हो गया है. जलजनित बीमारी के खौफ से दहशत के साये में जी रहे हैं शहर के निवासी. जल जमाव की समस्या ने शहर को दोराहे पर ला खड़ा किया है.
लोगों के घरों में बारिश का पानी घुसने से वे शहर से पलायन कर रहे हैं. पर शहर से पानी निकलने का नाम नहीं ले रहा है. कहने को तो यह जिला मुख्यालय है और यहां नगर परिषद से लेकर जिला प्रशासन के तमाम आला अधिकारी का कार्यालय है. पर जब बरसात का मौसम आता है तो इनकी खामोशी देखते ही बनती है. घोषणाओं की तो बौछार होती है पर धरातल पर जलजमाव हटने का नाम ही नहीं लेता. दो किमी का तय करते हैं सफर