24.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

कई नियोजित फर्जी शिक्षकों की जा सकती है सेवा!

मधुबनी : हाइकोर्ट के आदेश पर हालांकि लगभग 50 शिक्षकों ने ही स्वेच्छा से त्यागपत्र दिया, लेकिन मामला अभी भी शांत नहीं हुआ है. कोर्ट के फटकार के बाद अपनी छवि स्वच्छ करने के लिए निगरानी विभाग ने शिक्षक शिक्षिकाओं के शैक्षणिक व प्रशैक्षणिक प्रमाण पत्रों की जांच तेज कर दी है. तीन फर्जी शिक्षकों […]

मधुबनी : हाइकोर्ट के आदेश पर हालांकि लगभग 50 शिक्षकों ने ही स्वेच्छा से त्यागपत्र दिया, लेकिन मामला अभी भी शांत नहीं हुआ है. कोर्ट के फटकार के बाद अपनी छवि स्वच्छ करने के लिए निगरानी विभाग ने शिक्षक शिक्षिकाओं के शैक्षणिक व प्रशैक्षणिक प्रमाण पत्रों की जांच तेज कर दी है.
तीन फर्जी शिक्षकों पर निगरानी ने प्राथमिकी दर्ज भी की है, लेकिन अभी तक प्राथमिक व मिडिल विद्यालयों में पदस्थापित फर्जी शिक्षक शिक्षिकाओं का मामला सामने नहीं आया है. जबकि कई प्राथमिक व मध्य विद्यालयों में नियोजित संदिग्ध शिक्षकों का मामला पूर्व में ही शिक्षा विभाग की नजर में आया था व इस पर विभाग ने कार्रवाई भी शुरू की थी.
इस सिलसिले में कई नियोजित शिक्षकों के विरुद्ध प्राथमिकी भी जिले के विभिन्न थाना में दर्ज करायी गयी थी. उल्लेखनीय है कि पूर्व में यहां के डीपीओ स्थापना के विरुद्ध कथित फर्जी शिक्षकों के वेतन भुगतान का आरोप भी लगाया गया था, जिसे आरडीडी शिक्षा ने भी काफी गंभीरता से लिया था.
नये डीपीओ का हुआ पदस्थापना
लगातार दो डीपीओ स्थापना के तबादले के बाद यहां नये डीपीओ स्थापना ने योगदान दिया है. अब देखना यह है कि इनके समय में फर्जी शिक्षकों के विरुद्ध क्या रुख अपनाया जाता है. अगर सूत्रों की मानें तो जिले में कई फर्जी शिक्षक व शिक्षिकाएं पदस्थापित हैं, लेकिन जब तक इनके प्रमाण पत्रों की जांच नहीं हो जाती इन पर कोई कार्रवाई नहीं हो सकती है.
नये डीपीओ स्थापना संजय कुमार इन चुनौतियों से जूझ पायेंगे कि नहीं यह तो आनेवाला समय ही बतायेगा पर इतना तो तय है कि प्रमाण पत्रों की जांच में डीपीओ स्थापना की अहम भूमिका होती है. निगरानी जांच के नोडल पदाधिकारी भी डीपीओ स्थापना ही होते हैं.
निगरानी की टीम कर रही जांच
निगरानी की टीम लगभग दो महीने से नियोजित शिक्षकों के शैक्षणिक व प्रशैक्षणिक प्रमाण पत्रों की जांच के काम में लगी हुई है, लेकिन टीम अभी तक सिर्फ तीन शिक्षकों के विरुद्ध ही प्राथमिकी दर्ज कर सकी है. डीएसपी स्तर के अधिकारी के नेतृत्व में इंस्पेक्टर स्तर के अधिकारी निगरानी की जांच कर रहे हैं. अभी तक जो तीन शिक्षक निगरानी विभाग के द्वारा धराये हैं वे माध्यमिक शिक्षा अभियान के हैं. प्रारंभिक शिक्षक अभी तक नहीं धराये हैं.
प्रधान सचिव ने दिया आदेश
प्रधान सचिव शिक्षा विभाग ने डीइओ व डीपीओ स्थापना को निगरानी टीम को जांच में पूरा सहयोग करने का आदेश दिया है. जांच कार्य में असहयोग करने वाले को दंडित भी किया जा सकता है.
नहीं थम रहा सिलसिला
फर्जी शिक्षक शिक्षिकाओं की जांच का सिलसिला रुकने का नाम नहीं ले रहा है. पिछले कई सालों से जांच की प्रक्रिया जारी है पर परिणाम निराशाजनक आ रहा है. अब देखना यह है कि निगरानी की टीम कितने फर्जी शिक्षकों पर प्राथमिकी दर्ज कर पाती है.
कोर्ट के आदेश का असर
सबसे अधिक प्रभावी हाइकोर्ट का आदेश हुआ. कोर्ट ने आदेश दिया था कि जो भी अवैध रूप से बहाल शिक्षक निर्धारित समय से त्यागपत्र दे देंगे उन्हें एक बार क्षमादान दिया जायेगा व उनके विरुद्ध कार्रवाई नहीं होगी. लगभग 50 शिक्षकों ने कोर्ट के आदेश का पालन किया व समय सीमा के अंदर त्यागपत्र दे दिया.
अब पकड़े जाने पर होगी कार्रवाई
कोर्ट का स्पष्ट आदेश है कि अब जो भी शिक्षक या शिक्षिका फर्जी प्रमाण पत्र के आधार पर सेवा में पायी गई तो उसके विरुद्ध प्राथमिकी तो दर्ज होगी ही साथ ही अबतक लिये गये कुल वेतन की वसूली भी की जायेगी. उनके विरुद्ध सख्त कानूनी कार्रवाई होगी बिहार में उन्हें कही भी नौकरी नहीं मिलेगी.
अभिलेखों की हो रही है खोज
नियोजन इकाई व डीपीओ स्थापना कार्यालय में शिक्षक नियोजन से संबंधित अभिलेखों की तलाश की जा रही है. अभिलेख उपलब्ध नहीं कराने वाले अधिकारियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई होगी. वैसे जिले के नियोजित शिक्षक जिन पर पूर्व में शिक्षा विभाग द्वारा अवैध नियोजन को लेकर कार्रवाई हुई थी उसको भी खंगाला जा रहा है. जरूरत पड़ी तो पूर्व में पदस्थापित जिले के शिक्षा विभाग के अधिकारियों से भी पूछताछ हो सकती है.
क्या कहते हैं अधिकारी
डीइओ अनिल कुमार वर्मा ने कहा कि अभी नियोजन विभाग मामले की जांच कर रही है. डीपीओ स्थापना संजय कुमार को इसका नोडल पदाधिकारी बनाया गया है. निगरानी विभाग की जांच पूरी होने का इंतजार है.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें