सावन की तीसरी सोमवारी को लेकर जिला के विभिन्न शिवभक्तों ने नदियों से जल भरकर निकले. रविवार की सुबह से ही भक्त नदियों के किनारे पहुंचना शुरू कर दिया.
पवित्र नदियों में स्नान किया व जल बोझ कर बोल बम के नारों के साथ टोली बनाकर निकल गये. जयनगर के कमला नदी में डुबकी लगाकर हजारों कांवरिया कपिलेश्वर स्थान को निकले. चिलचिलाती धूप व बादल की परवाह किये बिना कांवरिये टोली बनाकर बोलबम के नारों के साथ आगे बढ़ते गये. जगह जगह जगह विभिन्न संगठनों द्वारा शिविर लगाया गया जिसमें शिवभक्तों के लिये चाय, नाश्ता, भोजन व चिकित्सा सेवा की व्यवस्था की गई.
बिहार केमिस्ट एंड डिस्ट्रीव्यूटर फेडरेशन के सौजन्य से रहिका मुख्यालय में संयोजक संजय कुमार श्रीवास्तव के नेतृत्व में स्टॉल लगाया गया. इस दौरान जिलाध्यक्ष विजय कुमार राउत ने कहा कि सेवा ही सबसे बडा धर्म है. मौके पर सचिव जगदीश पूर्वे, डॉ ओम प्रकाश महतो, अरुण कुमार झा, प्रमोद कुमार, संगीत कुमार बबलू, रघुनंदन साह,सुरेंद्र कुमार पिंटू ने अपलना सहयोग दिया. वहीं शिव शिष्य परिवार की ओर से नि:शुल्क शिविर लगाया गया. शाखा प्रभारी गजेंद्र प्रसाद के नेतृत्व में दर्जनों लोग कांवरिया की सेवा में लगे रहे.
जिसमें भोजन के साथ साथ शरबत, नींबू पानी व चिकित्सा सुविधा की व्यवस्था की गई थी. वहीं डाक बम के लिये दूध व फल की व्यवस्था की गई थी. शिविर के संचालन में विजय कारक, महाबीर बाबा, दिनेश महतो, शंभु कुमार, कमलू ठाकुर, गजेंद्र प्रसाद, बेचन साह, रामेश्वर महतो, पवन ठाकुर, धर्मू ठाकुर व किशेर झा ने सहयोग दिया.
बोल बम के जयघोष से गूंजता रहा मार्ग
कलुआही/रहिका. सावन माह की तीसरे सोमवारी को कपलेश्वर नाथ महादेव के शिवलिंग पर जलाभिषेक केलिए करीब एक लाख कांवरियों ने जल बोझा है. रविवार अहले सुबह से जयनगर-दरभंगा मुख्य मार्ग एनएच-105 पर जयनगर स्थित पवित्र कमला नदी से जल लेकर कपलेश्वर स्थान की ओर कांवरियों की भारी भीड़ बोल बल के जयघोष करते जाने लगी. महिला बच्चे सहित सभी उम्र के कांवरिया बाबा भोलेनाथ की जयकार करते भक्ति गीत पर नाचते गाते जा रहे हैं. जगह-जगह कांवरियों की सेवा में भक्तगण को कठिन परिश्रम करते देखा गया. कांवरियों के लिए पीने की पानी, गरम पानी, भोजन, दवा आदि की व्यवस्था विभिन्न संगठन की ओर से किया गया है. जजर्र सड़क पर नुकीले पत्थर के टुकड़ों की परवाह किये बिना कांवरिया अपने धुन में बोल बम की नारा लगाते जा रहे थे.
जगह-जगह कांवरियों के मनोरंजन का भी इंतजाम हुआ था. सेलीबेली, नरार, नरार कोठी चौक, बरदेपुर, कलुआही, मुरेठ, लोहा, कपसिया, पोखरौनी सहित सभी जगह कांवरियों की सेवा में आम जनों ने बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया. कांवरियों की सेवा के नाम पर प्रशासनिक स्तर से महज खानापूरी की गयी थी.