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नाले की गंदगी के समीप बन रहा है मध्याह्न् भोजन

मधुबनी : राजकीय प्राथमिक विद्यालय गांधी चौक में नाला के समीप खुले आसमान के नीचे मध्याह्न् भोजन बन रहा है. इससे छात्र-छात्रओं में आक्रोश बढ़ता जा रहा है. अभिभावक उनके स्वास्थ्य को लेकर चिंतित हैं. नाला में बह रही गंदगी नाला काफी गंदा है. शौचालय का गंदा पानी नाली में बह रहा है. इसी के […]

मधुबनी : राजकीय प्राथमिक विद्यालय गांधी चौक में नाला के समीप खुले आसमान के नीचे मध्याह्न् भोजन बन रहा है. इससे छात्र-छात्रओं में आक्रोश बढ़ता जा रहा है. अभिभावक उनके स्वास्थ्य को लेकर चिंतित हैं.
नाला में बह रही गंदगी
नाला काफी गंदा है. शौचालय का गंदा पानी नाली में बह रहा है. इसी के समीप मध्याह्न् भोजन बन रहा है. नाला में गंदगी जमा होने के कारण छात्र छात्रओं के स्वास्थ्य पर प्रतिकूल असर पड़ रहा है. स्वच्छ भारत व स्वच्छ विद्यालय अभियान का मुंह चिढ़ा रहा है.
इस विद्यालय में मध्याह्न् भोजन की व्यवस्था. छात्रों ने कहा कि वे प्रधान मंत्री मोदी अंकल से इसकी शिकायत करेंगे. उनका कहना था कि खुले में मध्याह्न् भोजन बनने से अनहोनी की आशंका बनी रहती है. संकीर्ण गली में नाला किनारे मध्याह्न् भोजन खुले आसमान के नीचे बन रहा है. शहर के समाजसेवियोंका कहना है कि अगर प्रधानमंत्री भी यहां मध्यह्न् भोजन बनने की स्थिति को देख लें तो वे स्तब्ध रह जायेंगे. किचेन शेड भी नहीं है.
बिना पुस्तक के हो रही पढ़ाई
इस स्कूल में किताब के बिना छात्र छात्रओं की पढ़ाई बाधित है. सिर्फ कक्षा एक व तीन की पुस्तक मिली है. कक्षा दो,चार व पांच के छात्र छात्राएं बिना किताब के पढ़ाई करने को बाध्य हैं.
बेंच डेस्क नसीब नहीं
इस स्कूल के छात्र छात्रओं को बेंच डेस्क नसीब नहीं है. वे नीचे फर्श पर बैठकर पढ़ने को मजबूर हैं. जिला मुख्यालय में रहने के बाद भी इस स्कूल की बदहाली अभी तक दूर नहीं हो सकी है. जबकि जिला मुख्यालय में शिक्षा विभाग के सभी आला अधिकारी रहते हैं.
तीन शिक्षिका हैं कार्यरत
यहां छात्र छात्रओं को पढ़ाने के लिए तीन शिक्षिकाएं पदस्थापित हैं. नाला की गंदगी के समीप मध्याह्न् भोजन बनने से शिक्षिकाओं में भी काफी नाराजगी दिखी. शिक्षिकाओं ने डीएम से मांग की है कि इनके विद्यालय में किचेन शेड की व्यवस्था की जाये.
नहीं है बालिका शौचालय
इस स्कूल में सिर्फ एक शौचालय है. बालिका शौचालय अलग से नहीं है. कमरा भी विद्यालय में सिर्फ दो है. स्कूल में हमेशा ताला बंद कर रखना पड़ता है. आशंका बनी रहती है कि सूअर कहीं घुस कर मध्याह्न् भोजन के चूल्हे को न तोड़ दे. ज्ञात हो कि मधुबनी जोन पांच में आता है. यहां भूकंप की संभावना बनी रहती है. परिसर में जगह नहीं है कि छात्र छात्र गेट में ताला लगवाने के बाद निश्चिंत होकर पढ़ सकें. छात्र छात्रओं ने अविलंब किचेन शेड निर्माण की मांग की है जिससे कोई अनहोनी न हो सके. खुले में मध्याह्न् भोजन बनने से छात्र छात्राएं डरी सहमी रहती हैं.
क्या कहती हैं हेडमास्टर
हेडमास्टर गीता कुमारी का कहना है कि किचेन शेड नहीं रहने के कारण काफी परेशानी हो रही है. उन्होंने कहा कि नाला के किनारे व खुले आसमान के नीचे मध्याह्न् भोजन बनने से हमेशा चिंता बनी रहती है. उनका कहना है कि विद्यालय में साफ सफाई करवाती हैं, लेकिन नाला का वे क्या करें.

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