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आवासीय प्रशिक्षण के लिये सात प्रखंड चयनित

मधुबनीः जिले के सात प्रखंडों में छात्र छात्राओं के विशेष आवासीय प्रशिक्षण केंद्र का चयन होगा. प्रस्ताव राज्य स्तरीय बैठक में पारित हो गया है. प्रखंडों के चयन की प्रक्रिया जारी है. वर्तमान में पांच प्रखंडों में आवासीय प्रशिक्षण दिया जा रहा है. बाबूबरही के मिडिल स्कूल छौड़ही, बासोपट्टी के मध्य विद्यालय सेलीबेली, जयनगर के […]

मधुबनीः जिले के सात प्रखंडों में छात्र छात्राओं के विशेष आवासीय प्रशिक्षण केंद्र का चयन होगा. प्रस्ताव राज्य स्तरीय बैठक में पारित हो गया है. प्रखंडों के चयन की प्रक्रिया जारी है. वर्तमान में पांच प्रखंडों में आवासीय प्रशिक्षण दिया जा रहा है.

बाबूबरही के मिडिल स्कूल छौड़ही, बासोपट्टी के मध्य विद्यालय सेलीबेली, जयनगर के मध्य विद्यालय कमलाबाड़ी, खुटौना के मध्य विद्यालय मालिन बेलहा और मधवापुर के मध्य विद्यालय बासुकी में विशेष आवासीय प्रशिक्षण केंद्र चलाया जा रहा है. प्रति केंद्र 50 बच्चे हैं. जिला और राज्य दोनों स्तर से विशेष आवासीय प्रशिक्षण केंद्र की मॉनीटरिंग की जा रही है.

बिहार शिक्षा परियोजना के राज्य निदेशक राहुल सिंह ने कहा है कि विशेष आवासीय प्रशिक्षण में राज्य में कई त्रुटियां उजागर हुई है. विशेष आवासीय प्रशिक्षण के लिये 11 से 14 आयु वर्ग के 7315 छात्र छात्राओं को प्रशिक्षित करने का लक्ष्य है. वहीं 8 से 10 साल के 2996 बच्चे बच्चियों को गैर आवासीय प्रशिक्षण देने का लक्ष्य है. 1144 छात्र छात्रओं का सीधा नामांकन करा दिया गया है. राज्य परियोजना निदेशक श्री सिंह ने विशेष आवासीय प्रशिक्षण की हालत पर चिंता व्यक्त की है और पारदर्शिता लाने का निर्देश दिया है. जिले में नि:शक्त छात्र छात्रओं के प्रशिक्षण शिविर में लापरवाही बरदाश्त नहीं की जायेगी और दोषी के विरुद्ध कार्रवाई होगी. झंझारपुर और लदनियां में नि:शक्त बच्चों के लिये चलाये जा रहे आवासीय प्रशिक्षण शिविर पर असंतोष व्यक्त करते हुए राज्य परियोजना निदेशक ने कहा है कि दृष्टि नि:शक्त बच्चों का प्रशिक्षण शुरू कराने में अनावश्यक विलंब किया जा रहा है. शिक्षाविदों ने दृष्टि नि:शक्त छात्र छात्रओं का प्रशिक्षण जिला मुख्यालय स्थित बीआरसी भवन में कराने की मांग की है. ताकि पारदर्शिता बनी रहे. विशेष आवासीय केंद्रों में राशि का दुरुपयोग होने पर विभागीय कार्रवाई होगी.

पोशाक के लिये मिले 33 करोड़

जिले में 3 लाख 14 हजार 176 बालिका और 3 लाख 18 हजार 651 बालिकाओं को पोशाक मद में 33 करोड़ व 9 लाख 26 हजार 700 रुपये वितरित किये गये हैं. कस्तूरबा गांधी आवासीय बालिका विद्यालयों में छात्रओं की संख्या कम रही. जिले में 21 कस्तूरबा आवासीय विद्यालय हैं जिसमें सिर्फ रहिका और कलुआही प्रखंड में संचालित नहीं है. सिर्फ 602 अनुसूचित जाति बालिका, तीन अनुसूचित जन जाति बालिका, 260 अल्पसंख्यक और 708 पिछड़ी व अति पिछड़ी जाति की छात्रओं का नामांकन हुआ. कस्तूरबा में अनियमितता के कारण बालिकाओं की संख्या घटने लगी है.

15 प्रखंडों का ही हैविटेशन सर्वे

बिस्फी, मधेपुर, जयनगर, अंधराठाढ़ी, हरलाखी, बासापेट्टी, झंझारपुर, लौकही, लखनौर, बाबूबरही सहित 15 प्रखंडों से हैविटेशन सर्वे प्राप्त हो गया है. शेष प्रखंडों से प्राप्त करने का निर्देश दिया गया है. तदर्थ विद्यालय समिति के सभी सदस्यों को आवासीय प्रशिक्षण मिलेगा. प्रशिक्षण सीआरसी भवन या मिडिल स्कूल में होगा. तदर्थ विद्यालय शिक्षा समिति के सदस्यों को उनके अधिकार और कर्तव्यों की जानकारी मिलेगी. शिक्षा का अधिकार अधिनियम के सभी मानकों का शत प्रतिशत अनुपालन सुनिश्चित करने के लिये सदस्यों को प्रशिक्षण किया जायेगा. इसमें वर्ष 2013-14 में विद्यालय विकास योजना के निर्माण पर अधिक बल दिया जा रहा है. भविष्य में विद्यालय द्वारा बनाये गये विद्यालय विकास योजना के अंतर्गत ही स्कूल के बजट का निर्माण होगा. मेरा स्कूल कैसा हो विषय पर आधारित एक घंटे वाली डाक्यूमेंट्री फिल्म सदस्यों को दिखाई जायेगी. ताकि वे फिल्म के अनुरूप वे अपने विद्यालयों को विकसित कर सकें.

दे रहे आरटीइ की जानकारी

शिक्षा का अधिकार यात्रा के अंतर्गत 30 कलाकार जिले के विभिन्न प्रखंडों में जाकर लोगों को आरटीइ की जानकारी देंगे. कलाकारों में महिलाएं भी शामिल हैं. कलाकार गीत के माध्यम से शिक्षा का अधिकार अधिनियम की जानकारी लोगों को दे रहे हैं. ताकि बच्चों को भी उनके अधिकार व कर्तव्य की जानकारी मिल सके. डीइओ अमरीका प्रसाद ने बताया कि बच्चों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा मुहैया कराना मुख्य मकसद विभाग का है.

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