लोगों में बढ़ रहा आक्रोश
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व्यवसायी हत्याकांड को नहीं सुलझा सकी पुलिस
लोगों में बढ़ रहा आक्रोश झंझारपुर : अंधराठाढ़ी के व्यवसायी बेचन गुप्ता की हत्या, लूट के लिए हुई या अन्य किसी कारण से इसकी गुत्थी को सुलझाने में पुलिस के पसीने छूट रहे हैं. हत्या की घटना के करीब एक सप्ताह से भी ज्यादा हो गया, लेकिन पुलिस के लिए अबूझ पहेली बनी हुई है. […]
झंझारपुर : अंधराठाढ़ी के व्यवसायी बेचन गुप्ता की हत्या, लूट के लिए हुई या अन्य किसी कारण से इसकी गुत्थी को सुलझाने में पुलिस के पसीने छूट रहे हैं. हत्या की घटना के करीब एक सप्ताह से भी ज्यादा हो गया, लेकिन पुलिस के लिए अबूझ पहेली बनी हुई है. पुलिस अभी तक किसी भी निष्कर्ष पर पहुंचने में विफल रही है.
गौरतलब हो कि इससे पूर्व अनुमंडल के आरएस स्थित शिवपुरी मोहल्ला में भी जिस तरीके से लूट व गृहस्वामी की हत्या हुई. उसको भी सुलझाने में पुलिस विफल साबित हुई है. इस दौरान जिस तरीके से हत्या की गयी, इससे डकैती व लूट के लिए हत्या प्रतीत नहीं हो रही थी. पुलिस ने भी दबी जुबान से ही भले, लेकिन इस बात को स्वीकार कर लिया था कि हत्या लूटने के लिए नहीं की गयी थी.
दोनों घटना को पुलिस गंभीरता से जरूर ले रही है, लेकिन निष्कर्ष पर नहीं पहुंचने के कारण पुलिस अंधेरे में निशाना मार रही है. उधर, अनुमंडल क्षेत्र में लोगों के जुबां पर ये बात भी चल रही है कि बेचन की हत्या की गयी है और घटना को डकैती का रंग दिया गय है.
इस यज्ञ प्रश्न के उलझन को सुलझाने में पुलिस के पसीने छूट रहे हैं. पुलिस सूत्रों की माने तो अनुसंधान टीम इस घटना को सुलझाने के बहुत ही करीब पहुंच चुकी है. पुलिस अब तक चालक सहित कई लोगों से पूछताछ कर चुकी है. अनुसंधान की टीम किसी ठोस नतीजे पर पहुंचने से पूर्व पुख्ता जानकारी लेने में लगी है.
क्या है मामला
अनुमंडल के अंधरा बाजार के व्यवसायी बेचन गुप्ता ही हत्या डकैतों ने कर दी थी. घटना के दौरान सुआ का प्रयोग कर शरीर को गोदने का प्रयास किया गया. यह इस बात को पुख्ता करता है कि बेचन की हत्या आपसी रंजीश के कारण भी हो सकती है. बतादें कि डकैती की घटना को अंजाम देने के समय प्राय: अपराधी पूरे घर को घेरे रहते है. किसी को बाहर नहीं जाने देते हैं. ऐसे में घर की दो महिला का बाहर निकल जाना. कई सवाल खड़े करता है.
डकैतों द्वारा सिर्फ गृहस्वामी के एक घर की ही तलाशी लिया जाना. जबकि घटना के समय पुलिस भी नहीं पहुंची थी और न ही स्थानीय लोगों के घेराबंदी की कोई प्रयास हुआ था. ऐसे में अपराधियों ने आधी अधूरी डकैती क्यों किये. गृहस्वामी के पुत्र के कमरे में अपराधी सिर्फ सुआ लेने गये और कोई भी सामान को नहीं छुआ. छत पर सोये नौकर को बंदी क्यों नहीं बनाया गया. जबकि डाकाजनी के दौरान प्राय: घर के सभी सदस्यों को बंद करने का प्रयास अपराधी करते हैं. डाकाजनी के दौरान पुलिस को फोन पर सूचना नहीं दिया जाना. जबकि सभी संपन्न लोगों के पास थाना का फोन नंबर तो रहता ही है. दूसरी ओर शिवपुरी मोहल्ले में भी गृहस्वामी की हत्या पीट पीट कर कर दी गयी.
डकैतों द्वारा आधा घंटा तक घर में तांडव किया गया, लेकिन मोहल्ला में किसी को खबर नहीं हो पायी. हालांकि बाद में आरएस पिकेट प्रभारी को एसपी राजेश कुमार ने लाइन हाजिर कर दिया था. वहीं, इस घटना में भी अंधराठाढ़ी प्रभारी को पुलिस कप्तान में तत्काल ही निलंबित कर दिया. अंधराबाजार में हत्या में पुलिस पर आरोप लगा, वहीं शिवपुरी मोहल्ले में हुई डकैती में पुलिस की सिथिलता बरतने के लिए लाइन हाजिर किया गया.
क्या कहते हैं अधिकारी
डीएसपी आलोक रंजन ने कहा कि घटना काफी संवेदनशील एवं जन भावना से जुड़ा है. अनुसंधान की टीम हर पहलुओं पर नजर रखे हुए है. बिना किसी ठोस जानकारी व तथ्य के कुछ भी कहना उचित नहीं है. जल्द ही लोगों के सामने सच्चाई लाने का प्रयास किया जा रहा है.
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