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मूंग में हो सकता है तना छेदक का प्रकोप
मधुबनी : गरमा मूंग की फसल विगत दिनों आये बारिश व ओलाबृष्टि से प्रभावित हुआ है. पर इसके बाद बचे मूंग में सही से फल आये व फल में बीमारी का कोई प्रकोप नहीं हो यह आवश्यक है. इसके लिये किसानों को समय समय पर अपने खेतों के नियमित देखभाल के साथ साथ रासायनिक दवा […]
मधुबनी : गरमा मूंग की फसल विगत दिनों आये बारिश व ओलाबृष्टि से प्रभावित हुआ है. पर इसके बाद बचे मूंग में सही से फल आये व फल में बीमारी का कोई प्रकोप नहीं हो यह आवश्यक है. इसके लिये किसानों को समय समय पर अपने खेतों के नियमित देखभाल के साथ साथ रासायनिक दवा का छिड़काव करें.
यदि किसान अपने फसल की सही देखभाल नहीं करते हैं तो किसानों के मेहनत के साथ साथ हजारों का लागत भी खराब हो जायेगा. इसके लिये जिला कृषि विभाग के परामर्शी ने किसानों को कई सुझाव दिये हैं.
किसानों की मेहनत व पूंजी हो जायेगी चौपट
वर्तमान समय में मूंग के फसल में तना छेदक कीट का प्रकोप तेजी से फैल रहा है. ऐसे में किसानों का फसल कुछ दिनों में बर्बाद हो जायेगा. किसान अपनी पूंजी व मेहनत खो देंगे.
इसके साथ ही मूंग में फलन क्षमता कम होना भी आम बीमारी है. वहीं हरदा रोग भी मूंग के फसल को चौपट कर सकता है. जिला कृषि परामर्शी रंधीर भारद्वाज ने किसानों से अपने मूंग के फसल की नियमित देखभाल के साथ साथ कुछ अन्य सुझाव भी दिये हैं. इसमें फसल में पानी लगने पर खेत से पानी के निकासी की समुचित व्यवस्था करने की सलाह दी है.
श्री भारद्वाज ने किसानों से मूंग में अधिक फल लगने व तनाछेदक व फल छेदक कीट से बचाव के लिये दो एम एल हंटर या आधा एम एल बोफोर्स दवा के साथ साथ 2 एम एल अनन शक्ति दवा प्रति लीटर पानी में मिला कर छिड़काव करने की सलाह दी है. श्री भारद्वाज ने कहा है कि यदि कि सान अपने फसलों में इस दवा का छिड़काव करेंगे तो उनके फसल में बीमारी का प्रकोप कम हो जायेगा.
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