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टीम ने किया एमडीएम कार्यालय का निरीक्षण
मधुबनी : पटना से आयी टीम ने सोमवार को मध्याह्न् भोजना कार्यालय का निरीक्षण किया. टीम में शामिल सहायक कार्यक्रम समन्वयक मो मुजतबा ने बताया कि रसोइयों सह सहायकों को समय से मानदेय की राशि उपलब्ध कराने का सरकार ने निर्देश दिया है. इसको लेकर निरीक्षण किया गया है. जिले में जितने रसोइया सह सहायक […]
मधुबनी : पटना से आयी टीम ने सोमवार को मध्याह्न् भोजना कार्यालय का निरीक्षण किया. टीम में शामिल सहायक कार्यक्रम समन्वयक मो मुजतबा ने बताया कि रसोइयों सह सहायकों को समय से मानदेय की राशि उपलब्ध कराने का सरकार ने निर्देश दिया है.
इसको लेकर निरीक्षण किया गया है. जिले में जितने रसोइया सह सहायक कार्यरत हैं उनका नाम एमएसआइ में इंट्री नहीं किया गया है. इसके कारण समय से मानदेय का भुगतान नहीं हो पा रहा है.
साधनसेवियों के साथ बैठक
मो मुजतबा ने मध्याह्न् भोजन के जिले के सभी प्रखंडों के साधन सेवियों के साथ बैठक की व उन्हें एमआइएस इंट्री के लिए कड़ी फटकार लगायी. जिले के अधिकांश प्रखंडों के एमडीएम साधन सेवियों को फटकार लगायी गयी.
उन्होंने कहा कि 13 नवंबर 2014 को ही सभी साधन सेवियों को सभी कार्यरत रसोइया सह सहायकों की एमआइएस इंट्री करने को कहा गया था, लेकिन छह माह बीत जाने के बाद भी यह काम नहीं हो सका है.
प्रतिवेदन समय से नहीं
जिला कार्यालय में समय से मध्याह्न् भोजन योजना में खर्च की गयी चावल की रिपोर्ट नहीं आ रही है. कहीं-कहीं गलत रिपोर्ट आने की भी आशंका बनी हुई है. डीएम गिरिवर दयाल सिंह ने सभी साधन सेवियों व डीपीओ एमडीएम को समय से मध्याह्न् भोजन योजना से संबंधित सभी रिपोर्ट भेजने का आदेश दिया था, लेकिन समय से प्रतिवेदन नहीं मिल रहा है.
पूर्व के एमडीएम पदाधिकारी संतोष कुमार व जनार्दन कुमार के समय में जिला मध्याह्न् भोजन की उपलब्धि के मामले में सूबे में टॉप फाइव में आता था, लेकिन विगत कुछ महीनों से जिले में एमडीएम के संचालन कोलेकर काफी हंगामा हुआ है. कई स्कूलों में तो अभिभावकों व छात्रों ने अनियमितता के विरोध में हंगामा भी किया था.
चावल का गुणवत्ता नहीं
जिले के कुछ स्कूलों में मध्याह्न् भोजन के नाम पर घटिया चावल मिलने की शिकायत मिली है. जबकि डीएम का सख्त आदेश है कि सिर्फ गुणवत्ता वाले चावल का ही उठाव किया जाये.
कई स्कूलों में घटिया चावल को लेकर हंगामा भी हुआ. एसएफसी के जिला प्रबंधक गुलाब हुसैन का आदेश है कि साधनसेवी सिर्फ गुणवत्ता वाले चावल का ही उठाव करें. सैंपल को लेकर रख लें व इसे तीन माह तक सुरक्षित रखें. फूड सुरक्षा अधिकारी को भी आदेश दिया गया है कि वे भी अपने पास सैंपल रखें. इसके बाद भी घटिया चावल का स्कूलों के एमडीएम में मिलना सवालिया निशान खड़ा कर रहा है.
कितने छात्र होंगे लाभान्वित
पूर्व में औसत छात्रों की संख्या काफी रहती थी. इसके आधार पर एमडीएम का लाभ दिया जाता था, लेकिन इस बीच मानवाधिकार कार्यकर्ताओं ने मांग की है कि फर्जी छात्रों का नाम स्कूलों से हटाया जाये व सही छात्रों के आधार पर ही मध्याह्न् भोजन का लाभ दिया जाये. इससे जहां चावल की चोरी रूकेगी. वहीं, सरकारी राजस्व का भी क्षति नहीं होगा. मानवाधिकार कार्यकर्ताओं ने मांग की है कि सही सही नामांकित छात्र-छात्रओं की सूची को सार्वजनिक किया जाये.
नहीं हो रहा चयन
जिले में साधन सेवियों के रिक्त पदों पर चयन नहीं होने से एक ही साधन सेवियों को दो-दो प्रखंड का प्रभार दे दिया गया है. इससे सभी स्कूलों का निरीक्षण नहीं हो पाता है. बीडीओ व एसडीओ के निरीक्षण के दौरान मध्याह्न् भोजन में धांधली का मामला प्रकाश में आता है. जिला समन्वयक का भी एक पद रिक्त है.
क्या कहते हैं अधिकारी
डीपीओ एमडीएम शैलेंद्र कुमार ने बताया कि जहां-जहां से शिकायत मिलती है. उसके समाधान करने का निर्देश साधन सेवियों को दिया गया है. संवेदकों को भी सही सही रिपोर्ट भेजने का आदेश दिया गया है. जो भी संवेदक या साधनसेवी अनियमितता में दोषी पाये जायेंगे उनके विरुद्ध कार्रवाई की जायेगी.उन्होंने कहा कि गरमी छुट्टी के कारण स्कूलों में अवकाश है. अभी पूर्व का ही चावल अवशेष है.
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