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मकान में लंबी दरार पड़ी तो, करायें विशेषज्ञ से जांच

मधुबनी/मुजफ्फरपुर : दो दिनों से भूकंप के झटके आ रहे हैं. इससे कई मकानों में दरार पड़ी है. लोगों ने मकान बनवाने में अपने जीवन की गाढ़ी कमाई लगा दी, लेकिन अब इनमें रहने से लोग सहम रहे हैं. बाद में भी इस मकान में रहेंगे या नहीं, बड़ा सवाल है. दो दिनों से भूकंप […]

मधुबनी/मुजफ्फरपुर : दो दिनों से भूकंप के झटके आ रहे हैं. इससे कई मकानों में दरार पड़ी है. लोगों ने मकान बनवाने में अपने जीवन की गाढ़ी कमाई लगा दी, लेकिन अब इनमें रहने से लोग सहम रहे हैं.
बाद में भी इस मकान में रहेंगे या नहीं, बड़ा सवाल है. दो दिनों से भूकंप का झटका ङोलते हुए कई मकानों में दरार स्पष्ट तौर पर देखा जा रहा है. लोगों को इस बात की चिंता है कि इस प्राकृतिक आपदा के टलने के बाद क्या मकान रहने लायक होगा? शहर के भवन निर्माण से जुड़े अभियंताओं ने इस संबंध में कई प्रकार की जानकारी दी है.
अभियंताओं का कहना है कि अगर मकान में दरार लंबा यानी नीचे से ऊपर या ऊपर से नीचे आया हैतो बेहद खतरनाक है. तत्काल लोगों को इस तरह मकान से बाहर निकल जाना चाहिए. इसे एक्सपर्ट से जांच कराने व रिपेयरिंग कराने के बाद ही मकान में जाना सुरक्षित होगा. दरार अगर रेशेदार हो, दरार अगर सांप जैसे घुमावदार हो तो इससे कोई खास असर नहीं पड़ता है. यानी वर्टिकल दरार से खास फर्क नहीं है.
शहर में 550 पुराने मकान
शहर में होल्डिंग सव्रेक्षण के अनुसार, 550 पुराने मकान हैं. नये मकान की संख्या करीब साढ़े बारह हजार है. यानी शहर में करीब 13 हजार मकान हैं. लेकिन इनमें कितने मकान मानक के अनुरूप बने हैं, यह बड़ा सवाल है.
लोगों ने केवल नक्शा पास कराया, लेकिन अपनी मरजी से ठेकेदार व मिस्त्री के माध्यम से निर्माण करा लिया. इसकी गुणवत्ता पर बड़ा प्रश्न चिह्न् खड़ा हो रहा है. हालांकि, बहुमंजिली इमारत बनाने से पहले लोगों ने मानक के अनुसार काम कराया या नहीं, इसका स्पष्ट तौर पर कहीं कोई लेखा-जोखा निगम के पास नहीं है.
यहां भूकंप काफी जबरदस्त आया है. दो दिनों से शहर का मकान भूकंप का झटका ङोल रहा है. इससे इसकी मजबूती पर काफी असर पड़ा है. पहले बने मकान को लोगों ने मिस्त्री व ठेकेदार से बनवा लिया था. 70 प्रतिशत ऐसे मकान हैं. इनका स्ट्रर कैसा है? इस पर गंभीरता से विश्लेषण की जरू रत है.
शहर के मकानों में भूकंप के बाद अगर (वर्टिकल) लंबवत दरार आ गयी है तो यह बेहद खतरनाक स्थिति है. क्षैतिज (होरिजोंटल) दरार है तो यह चिंता की बात नहीं है. वर्टिकल दरार वाले मकान में नहीं रहें. तकनीकी जानकारों की मदद से इसे ठीक करायें, अन्यथा खतरनाक साबित हो सकता है.
ई. ओम प्रकाश चौहान, निगम से रजिस्टर्ड
सरकारी भवन तो मानक के अनुसार बने हैं, लेकिन निजी भवनों के बारे में कहना कठिन है. कितने भवन निर्माण में बिल्डिंग बायलॉज के नियमों का पालन किया गया है, कहना बेहद कठिन है.
भूकंप के झटके के बाद अगर मकान में वर्टिकल दरार है तो यह स्थिति खतरनाक मानी गयी है. इस परिस्थिति में मकान से बाहर चले जायें. कई जगह भ्रमण कर स्थिति का जायजा लिया है. अमूमन पांच इंच के दीवार हैं. फॉल्स दीवार हैं. उनमें क्रैक आया है. कई जगह ज्वाइंट क्लीयर हो गया है. लेकिन क्रैक अगर रेशेदार हो, सांप जैसे घुमावदार हो तो खास चिंता की बात नहीं है.
ई. श्रीनिवास सिंह, कार्यपालक अभियंता, भवन निर्माण प्रमंडल

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