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नहीं मिल रही स्वास्थ्य सेवा, लिया जा रहा टैक्स

होल्डिंग टैक्स में लिया जाता है 15 प्रतिशत कर, सुविधा नदारद कभी शहर वासियों के स्वास्थ्य सेवा बहाल के लिए औषधालय की व्यवस्था थी, लेकिन एक दशक पूर्व इसका नामो निशान तक मिट गया. स्वास्थ्य सेवा के लिए आज भी नगर परिषद प्रशासन द्वारा शहर वासियों से स्वास्थ्य कर लिया जाता है. लेकिन इसके एवज […]

होल्डिंग टैक्स में लिया जाता है 15 प्रतिशत कर, सुविधा नदारद
कभी शहर वासियों के स्वास्थ्य सेवा बहाल के लिए औषधालय की व्यवस्था थी, लेकिन एक दशक पूर्व इसका नामो निशान तक मिट गया. स्वास्थ्य सेवा के लिए आज भी नगर परिषद प्रशासन द्वारा शहर वासियों से स्वास्थ्य कर लिया जाता है. लेकिन इसके एवज में उन्हें सुविधा मुहैया नहीं की जा रही है.
अगर नगर परिषद प्रशासन गंभीर होती तो आयुर्वेदिक पद्धति से यहां हो रहे इलाज के लिए लोगों को भटकना नहीं पड़ता. नगर परिषद प्रशासन विकास का दावा जितने भी कर ले, लेकिन अन्य सुविधा दिलाने में वह विफल ही साबित हो रही है.
मधुबनी : शहर वासियों की स्वास्थ्य की देखभाल के लिए ब्रिटिश काल में स्थापित नगर परिषद में औषद्यालय की व्यवस्था थी, लेकिन आज उस औषद्यालय का निशान तक नहीं मिलता. कहने को तो हम यह कह जाते है कि अंगरेजों ने हम पर जुल्म किया, लेकिन वे कुछ ऐसे काम कर गये, जिन्हें लोग आज भी याद करते हैं. शहर के सुचारु रूप से चलाने के लिए 1876 में नगर पालिका की स्थापना की गयी. शहर में स्वास्थ्य सफाई, शौचालय, शिक्षा व मकान के लिए होल्डिंग टैक्स शुरू की गयी. इसके एवज में लोगों को सारी सुविधाएं दी जाती थी. यहां की लोग कैसे ही स्वास्थ्य रहे भले ही वर्तमान नगर प्रशासन को हो या ना हो लेकिन अंगरेजों को उसकी काफी चिंता थी.
क्या था उद्देश्य
1876 ई में स्थापित नगर पालिका की स्थापना के साथ ही शहर में स्वास्थ्य सेवा प्रदान करने के लिए औषद्यालय की स्थापना हुई. इसका मुख्य उद्देश्य था कि शहर की लोगों को स्वस्थ्य रखा जाय. ब्रिटिश काल में बहुत ऐसी बीमारी थी जो महामारी का रूप ले लेती थी. जिससे सैकड़ों लोग मौत की नींद सो जाते थे. हैजा, मलेरिया, टीबी, चेचक सहित अन्य बीमारियों को रोकने के लिए औषद्यालय का स्थापना हुआ.
इंस्पेक्टर भी थे बहाल
लोगों की स्वास्थ्य की जानकारी लेने के लिए स्वास्थ्य इंस्पेक्टर की नियुक्ति की गयी थी. वे घर घर जाकर लोगों से स्वास्थ्य के बारे में जानकारी लेते थे. जिसकी जानकारी स्थानीय नगर प्रशासन को दी जाती थी. जिसके समुचित इलाज के लिए समुचित इलाज के लिए दवा एवं जड़ी बूटी की व्यवस्था थी.
स्वास्थ्य शेष के रूप में लगता है टैक्स
नगर परिषद द्वारा लिये जाने वाला होल्डिंग टैक्स में 15 प्रतिशत स्वास्थ्य शेष के रूप में लिया जाता है. वित्तीय वर्ष 14-15 में कुल वसूल किये गये होल्डिंग टैक्स 47 लाख 61 हजार का 15 प्रतिशत स्वास्थ्य शेष के रूप में कर लिया गया. यह रकम कुल 6.50 लाख की दिखाती है.
दोनों पद्धति से होता था इलाज
शहर में स्थापित औषद्यालय में आयुवेर्दिक व एलोपैथिक पद्धति से इलाज की व्यवस्था थी. इसमें डॉक्टर, वैद्य, नर्स, ड्रेसर, कंपाउंडर की नियुक्ति की गयी थी. वहीं, हर मर्ज की दवा उपलब्ध थी. इसे असाध्य रोगों का इलाज संभव था.
नहीं बचे अवशेष
कभी शहर वासियों को स्वास्थ्य सेवा बहाल करने के लिए स्थापित औषद्यालय का आज नामों निशान तक नहीं है. पहले यह औषद्यालय खंडहर में तब्दील हुई. आज उस जगह पर नगर परिषद कार्यालय का नया भवन बन गया जहां कार्यालय का काम संपादित होता है.

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