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लक्ष्य से कम राजस्व की वसूली

विद्युत विभाग : उपभोक्ताओं को ससमय नहीं मिल रहे बिजली बिल का पड़ रहा असर स्पॉट बिलिंग होने से सुधार के आसार मधुबनी : नार्थ बिहार पावर डिस्ट्रीब्यूशन कंपनी जिले में हाथ पांव मारने के बावजूद राजस्व वसूली में लक्ष्य से पिछड़ रही है. आलम यह है कि पिछले महीने लक्ष्य 1045 लाख के विरुद्ध […]

विद्युत विभाग : उपभोक्ताओं को ससमय नहीं मिल रहे बिजली बिल का पड़ रहा असर
स्पॉट बिलिंग होने से सुधार के आसार
मधुबनी : नार्थ बिहार पावर डिस्ट्रीब्यूशन कंपनी जिले में हाथ पांव मारने के बावजूद राजस्व वसूली में लक्ष्य से पिछड़ रही है. आलम यह है कि पिछले महीने लक्ष्य 1045 लाख के विरुद्ध 712.75 लाख की ही राजस्व वसूली हो पायी है.
हालांकि स्पॉट बिलिंग की शुरुआत होने से राजस्व वसूली में सुधार होने के आसार नजर आ रहे हैं, लेकिन इसमें भी लंबा सफर तय करना है. माह दिसंबर में स्पॉट बिलिंग सिर्फ मधुबनी शहर का ही किया गया था, जनवरी माह में पूरे मधुबनी विद्युत अवर प्रमंडल व जयनगर शहर का किया गया. इस माह पूरे मधुबनी विद्युत प्रमंडल के एक लाख 59 हजार 345 उपभोक्ताओं का स्पॉट बिलिंग करने का लक्ष्य है.
किस अवर प्रमंडल में कितनी हुई वसूली
जनवरी माह में मधुबनी विद्युत अवर प्रमंडल में राजस्व वसूली का लक्ष्य 320 लाख के विरुद्ध 224.84 लाख की वसूली हुई. बेनीपट्टी में 150 लाख के विरुद्ध 142.16 लाख, जयनगर में 275 लाख के विरुद्ध 169.03 लाख ही वसूली हो पायी. मधुबनी प्रमंडल में राजस्व वसूली के कुल लक्ष्य 745 लाख के विरुद्ध 536.03 लाख की वसूली हो पायी है. वहीं, झंझारपुर विद्युत प्रमंडल के झंझारपुर अवर प्रमंडल में 150 लाख लक्ष्य के विरुद्ध 88.27 लाख व फुलपरास अवर प्रमंडल में 150 लाख के विरुद्ध 88.45लाख वसूले गये. यानी झंझारपुर प्रमंडल के कुल 300 लाख लक्ष्य के विरुद्ध 176.72 लाख ही वसूल हो पायी है.
क्यों हो रही है परेशानी
विद्युत राजस्व वसूली नहीं होने का सीधा कारण विद्युत उपभोक्ताओं को समय पर बिजली बिल नहीं मिलना है. सूत्रों की मानें तो प्रतिमाह महज तीस फीसदी उपभोक्ता ही अपना बिजली बिल जमा करते हैं. जनवरी माह में विलंब से ऑन स्पॉट बिलिंग शुरू करने से मधुबनी अवर प्रमंडल के 59,954 उपभोक्ताओं में महज 27 हजार 490 का ही आन स्पॉट बिलिंग की गयी. फरवरी में पूरे मधुबनी विद्युत प्रमंडल में स्पॉट बिलिंग किया जा रहा है.
क्या है स्पॉट बिलिंग
प्रत्येक मीटर रीडर को कंपनी मोबाइल की तरह एक डिवाइस देती है. उपभोक्ता के घर पहुंचकर मीटर रीडर उस डिवाइस में लगे कैमरे से मीटर की फोटो खींचता है. इससे उसका मीटर नंबर व अन्य जानकारी आ जाती है. इंटरनेट के माध्यम से कंपनी के सरवर से जुड़ जाता है. उपभोक्ताओं को तत्क्षण प्रिंटर के माध्यम से बिजली बिल थमा दी जाती है. इससे उपभोक्ता यह भी जान सकेंगे की मीटर रीडिंग सही है या नहीं.
क्या कहते हैं अधिकारी
विद्युत कंपनी के मधुबनी सहायक विद्युत अभियंता गौरव कुमार बताते हैं कि स्पॉट बिलिंग से राजस्व वसूली में सुधार हुआ है. उपभोक्ताओं को बिल नहीं मिलने की शिकायत जल्द दूर हो जायेगी.

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