मधुबनी : बिजली का कनेक्शन लेने में अब झूठे पता व कागजात देकर पैसे भुगतान के समय विभाग को परेशान करना अब नहीं चलेगा. अब लोगों को कनेक्शन के लिये ऑन लाइन सारी जानकारी देनी होगी, तभी कनेक्शन मिल सकेगा. इसके लिए विभाग ने नयी पहल शुरू की है. बिजली विभाग ने ‘ सुविधा ‘ नामक एप जारी किया है.
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एप से मिलेगी बिजली कनेक्शन लेने की सुविधा
मधुबनी : बिजली का कनेक्शन लेने में अब झूठे पता व कागजात देकर पैसे भुगतान के समय विभाग को परेशान करना अब नहीं चलेगा. अब लोगों को कनेक्शन के लिये ऑन लाइन सारी जानकारी देनी होगी, तभी कनेक्शन मिल सकेगा. इसके लिए विभाग ने नयी पहल शुरू की है. बिजली विभाग ने ‘ सुविधा ‘ […]
जिससे एक ओर जहां विभाग को भी ग्राहकों को तलाशने में मशक्कत नहीं करना होगा तो आम लोगों को शहरी क्षेत्रों में बिजली के नया कनेक्शन लेने के लिये ग्राहकों को विभाग का चक्कर काटने से निजात मिल सकेगा. विभाग के कार्यपालक अभियंता अजय कुमार ने बताया कि 1 जनवरी से नॉर्थ बिहार पावर कंपनी घरेलू बिजली कनेक्शन के लिये सीधे आवेदन (ऑफलाईन)नहीं लेगा.
श्री कुमार ने बताया कि अब किसी भी प्रकार के घरेलू कनेक्शन के लिये उपभोक्ताओं को पावर कंपनी के द्वारा जारी एप पर ही अपना आवेदन करना होगा. इतना ही नहीं नया कनेक्शन के लिये अब उपभोक्ताओं को किसी प्रकार की राशि नहीं देनी होगी. इस एप के माध्यम से आवेदन करने पर लोगों को 1150 रुपये का रसीद कटाने की आवश्यकता भी नहीं होगी. यानि कि आवेदन अब मुफ्त में हो सकेगा.
सुविधा एप से ऑन लाईन देना होगा आवेदन. विभाग के कार्यपालक अभियंता ने बताया कि 1 जनवरी 20 से पावर कंपनी ने घरेलू विद्युत कनेक्शन के लिये नया सुविधा एप लाया है. इस एप को खोलने के लिये उपभोक्ताओं को गूगल पर जाकर इस एप को लोड कर उसमे जिस तरह का निर्देश दिया गया है उस के अनुसार ही अपना आवेदन देना है.
जब लोग कनेक्शन के लिये आवेदन दे देंगे उसके बाद विभाग का काम शुरू हो जायेगा. जानकारी के अनुसार किसी के द्वारा ऑन लाईन आवेदन करने के तीन दिन बाद विभाग के कनीय अभियंता आवेदक के दिये गये पता का निरीक्षण कर जानकारी लेंगे और यह सुनिश्चित कर लेंगे कि आवेदक का पता व नाम सही है.
गलत पता देकर विभाग को लगाते थे चूना . कनीय अभियंता द्वारा इसकी तहकीकात कर लेने के बाद ही किसी को कनेक्शन मिल सकेगा. सहायक अभियंता राकेश रंजन ने बताया कि पहले लोग कनेक्शन लेने के बाद उसमे जो पता दिया जाता था, कई बार यह मामला सामने आया कि दिया हुआ पता ही गलत था. फिर राजस्व की वसूली नहीं हो पाती थी.
जानकारी के अनुसार अब तक करीब चार हजार से 4500 लोगों का पता विभाग को नहीं मिल सका. जिस कारण विभाग का करीब दस लाख से अधिक का राजस्व का नुकसान हो चुका है.
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