मधुबनी : नगर परिषद में संविदा पर कथित तौर पर गलत तरीके से कर्मियों के नियोजन मामले में जांच रिपोर्ट के बाद सशक्त स्थायी समिति की बैठक द्वारा इस मामले में किसी प्रकार के निर्देश देने से मुख्य पार्षद सुनैना देवी ने साफ इंकार कर दिया है. मुख्य पार्षद सुनैना देवी ने कार्यपालक पदाधिकारी को पत्र भेजते हुए कहा है कि यह हास्यास्पद ही है कि संविदा पर बहाल कर्मियों के मामले में जब जांच कमिटी ने जांच रिपोर्ट सौंपते हुए इसे पूरे तौर पर नियम के विरुद्ध कहा है तो इस पर किसी प्रकार की कार्रवाइ करने के बजाय कार्यपालक पदाधिकारी सशक्त स्थायी समिति से मंतव्य पूछ रहे हैं.
यह दुर्भाग्य ही है कि जांच रिपोर्ट के बाद कर्मियों से काम लिया जा रहा है या नहीं. वेतन भुगतान किया जा रहा है या नहीं या फिर ये कर्मी कार्यालय से निकाल दिये गये हैं. इस संबंध में नप के अधिकारी द्वारा किये गये कार्रवाई से अवगत तक वर्तमान सशक्त स्थायी समिति को नहीं कराया गया है और इस मामले में बैठक बुलाने की बात की जा रही है. यह सशक्त स्थायी समिति को गुमराह करना है. अब तक इन कर्मियों के बहाली, नियमित करने, वेतन भुगतान संबंधी संचिका तक उपलब्ध नहीं करायी गयी है. इस स्थिति में सशक्त स्थायी समिति किसी प्रकार के निर्णय करने की स्थिति में नहीं है.
यहां बता दें कि नगर परिषद में पूर्व के अधिकारी द्वारा कथित तौर पर गलत तरीके से नियम को दरकिनार कर संविदा पर कर्मियों की बहाली कर दी गयी. जब इसकी शिकायत नगर विकास एवं आवास विभाग से की गयी तो उसकी जांच करायी गयी. जांच कमिटी ने इस बहाली को नियम के विरुद्ध बताया था. जांच रिपोर्ट के बाद कार्यपालक पदाधिकारी आशुतोष आनंद चौधरी ने कहा था कि संविदा पर बहाल कर्मियों के मामले में सशक्त स्थायी समिति को निर्णय लेना है और इसके लिये बैठक बुलाने का आग्रह किया था.