अतिक्रमण की चपेट में कई तालाब, पर्यावरण हो रहा प्रभावित
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तालाब की कर दी घेराबंदी जाने का रास्ता भी बाधित
अतिक्रमण की चपेट में कई तालाब, पर्यावरण हो रहा प्रभावित मधुबनी : नगर परिषद प्रशासन के अनुसार शहर में कुल 23 तालाब सरकारी हैं. शहर में 23 तालाब कम नहीं होता. जल संरक्षण के नजरिये से यह काफी अहम था. लोग इन तालाबों में नहाते थे, घरेलू काम काज करते थे. पर बीते कुछ सालों […]
मधुबनी : नगर परिषद प्रशासन के अनुसार शहर में कुल 23 तालाब सरकारी हैं. शहर में 23 तालाब कम नहीं होता. जल संरक्षण के नजरिये से यह काफी अहम था. लोग इन तालाबों में नहाते थे, घरेलू काम काज करते थे. पर बीते कुछ सालों में इन तालाबों पर लोगों की ऐसी नजर पड़ी की तालाब का अस्तित्व ही समाप्त होते जा रहा है.
कहीं पर तालाब का अतिक्रमण कर आलीशान मकान बना दिया गया तो कहीं पर इस कदर कचरा फेंका गया कि पानी दूषित हो गया और अब तालाब का उपयोग जनजीवन के लिये नहीं हो रहा है. प्रभात खबर शहर के इन अधिकांश तालाबों का पड़ताल करने की पहल कर रही है.
इसमें हम अपने सुधि पाठकों को यह बताने की कोशिश करेंगे कि पूर्व में तालाब कितने रकबे में था, वर्तमान में स्थिति क्या है. लोगों की क्या राय है. तालाब अतिक्रमण के कारण शहर में ठंड के मौसम में भी जल स्तर नीचे चला जा रहा है. जिस कारण सैकड़ों लोगों के चापाकल का जल का स्तर भी नीचे चला गया है. तालाब का साल दर साल अतिक्रमणकारियों द्वारा अतिक्रमण किया जा रहा है. लेकिन प्रशासन मूकदर्शक बन बैठी है.
तालाब की कर दी गयी घेराबंदी: कीर्तन भवन रेाड स्थित धर्मशाला पोखर में जहां लोग स्नान व कई पारंपरिक त्योहार में उपयोग करते थे. लेकिन आज अतिक्रमकारियों के चपेट में है. तालाब के चारों ओर घर बना दिया गया है. तालाब में जाने के लिये कोई जगह बचा नहीं है. नप के संचिका के अनुसार इस तालाब का रकबा 1.21 एकड़ था. इसमें चारों ओर से कचरे फेंका जा रहा है. कहीं से भी पानी उपयोग लायक नहीं रहा.
इस संबंध में कीर्तन भवन रोड निवासी परमजीत सिंह ने बताया कि पहले इस तालाब में स्नान के साथ ही धार्मिक अनुष्ठान भी किया जाता था. लेकिन आज अतिक्रमणकारियों का शिकार बना हुआ है. जिससे पर्यावरण प्रभावित हो रहा है. महिला कॉलेज रोड निवासी रत्नेश श्रीवास्तव ने कहा कि बिहार सरकार के तालाबों का अतिक्रमण किया जा रहा है.
सरकार इसे अतिक्रमण मुक्त कर सौंदर्यीकरण कराये. जिससे शहर में जो पानी का स्तर नीचे जा रहा है. उसे नियंत्रित किया जा सके. जिससे जल संरक्षण के साथ पर्यावरण भी सुरक्षित हो सके. कीर्तन भवन रोड निवासी सत्य नारायण झा ने कहा कि पूवर्जो द्वारा तालाब का निर्माण कराया गया था.
लेकिन आज लोगों द्वारा तालाब का अतिक्रमण किया जा रहा है. तालाब के अतिक्रमण से आने वाले समय में पर्यावरण प्रभावित होगा. स्टेशन रोड निवासी राजू कुमार राज ने बताया कि गर्मी में शहरवासियों को पानी के लिये हाहाकार मचेगा. तालाबों का आये दिन जिस प्रकार से अतिक्रमण हो रहा है. और प्रशासन मूकदर्शक बन बैठी है. इसका खामियाजा आम लोगों को भुगतना पड़ेगा. जहां कुछ तालाब बचा है, वह आम लोगों के जागरूकता के कारण. उन्होंने प्रशासन से इस पर ठोस कार्रवाई करने की अपील की.
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