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शिक्षकों के वेतन मद की राशि की निकासी बिना विपत्र का मामला सामने आया

मधुबनी : शिक्षा महकमा में अनियमितता के एक से बढ़कर एक मामले सामने आ रहे हैं. बीते दिनों जहां संस्कृत शिक्षकों के वेतन मद की राशि की निकासी बिना विपत्र दिये ही कर लिये जाने का मामला सामने आया था वहीं अब ताजा मामला शिक्षा विभाग के योजना एवं लेखा व्यय संभाग से नियम के […]

मधुबनी : शिक्षा महकमा में अनियमितता के एक से बढ़कर एक मामले सामने आ रहे हैं. बीते दिनों जहां संस्कृत शिक्षकों के वेतन मद की राशि की निकासी बिना विपत्र दिये ही कर लिये जाने का मामला सामने आया था वहीं अब ताजा मामला शिक्षा विभाग के योजना एवं लेखा व्यय संभाग से नियम के विरुद्ध राशि निकासी किये जाने का सामने आया है. शिक्षा उपनिदेशक अशोक कुमार ने इस मामले को गंभीर माना है और प्रभारी डीईओ सह तत्कालीन डीपीओ योजना एवं लेखा संजय कुमार से दोबारा 26 अप्रैल को दोबारा होने वाली सुनवाई में अपना पक्ष रखने का आदेश दिया है.

आरडीडी द्वारा जारी निर्देश में बताया गया है कि छह फरवरी को योजना एवं लेखा के डीपीओ का प्रभार मो. शकील ने तत्कालीन डीपीओ संजय कुमार से ले लिया. लेकिन कार्यालय मद व्यय की राशि डेढ़ लाख रुपये सेल्फ चेक के माध्यम से निकासी इनके द्वारा कर ली गयी. वहीं संस्कृत शिक्षकों के वेतन मद की राशि इनके वेतन विपत्र पर नहीं किया गया. इस 13 करोड़ 40 लाख रुपये की निकासी डीइओ के निजी विपत्र पर किया गया. इन्होंने इसे वित्तीय अनियमितता माना है.

दोबारा दिया उपस्थित होने का समय : संस्कृत शिक्षकों के वेतन के राशि के विचलन को लेकर आरडीडी के यहां गुरुवार को अपना पक्ष रखने का आदेश डीईओ संजय कुमार को दिया गया था। लेकिन ये नहीं पहुंचे. आरडीडी ने सुनवाई के लिए 26 अप्रैल की दुबारा तिथि निर्धारित किया है. इन्होंने अपने आदेश में लिपिक रिजवान अहमद व रंजन कुमार को भी उपस्थित होकर पक्ष रखने को कहा है. इन्होंने डीएम से डीपीओ स्थापना के विपत्र संख्या 30, टोकन नंबर 03/5305 की छायाप्रति कोषागार पदाधिकारी को जमा करने को निर्देशित करने का आग्रह किया है. वहीं डीपीओ योजना एवं लेखा मो. शकील को सुनवाई की तिथि से पहले डेढ़ लाख रुपये की हुई निकासी के संबंध में प्रतिवेदन देने का आदेश दिया है.
कहते हैं डीपीओ
डीपीओ योजना एवं लेखा मो. शकील ने बताया कि वे छह फरवरी को
प्रभार ग्रहण किये थे. इसके बाद की तिथि 16 फरवरी को कार्यालय मद की राशि की निकासी हुई है. उच्चाधिकारी के निर्देश के आलोक में प्रतिवेदन सौंपा जायेगा.
अधिकारी बोले
आरडीडी अशोक कुमार ने बताया
कि मामला काफी गंभीर है. इस
मामले में सुनवाई की तिथि
दोबारा रखा गयी है. सभी संबंधित
से भी प्रतिवेदन मांगा गया है,
ताकि जांच कर विभागीय कार्रवाई की जा सके.
मामला योजना एवं लेखा व्यय से कार्यालय मद की राशि निकासी का
आरडीडी ने विभिन्न मदों की राशि की निकासी के तरीके को माना गंभीर
लिपिक ने कहा, दबाव में कराया गया साइन
26 अप्रैल को दोबारा सुनवाई की तिथि निर्धारित
बताया जा रहा है कि इस गड़बड़ी के मामले में लिपिक ने लिखित रूप में अपना स्पष्टीकरण विभाग के आला अधिकारियों को सौंपा है. जानकारी के अनुसार संस्कृत शिक्षकों के वेतन भुगतान के मामले में इसके लिए अधिकृत लिपिक आनंद कुमार झा थे. लेकिन कुछ ही दिन पहले यह संचिका इनसे लेकर मो. रिजवान को दिया गया. वहीं जब कोषागार में 31 मार्च को देर शाम में विपत्र को जमा कराया गया तो मो. रिजवान ने निजी विपत्र पर हस्ताक्षर से इंकार कर दिया.
ऐसी हालत में रंजन कुमार का हस्ताक्षर कराकर विपत्र को जमा किया गया और राशि की निकासी की गयी. लिपिक रंजन कुमार ने अपना जान फंसता देख आरडीडी के यहां लिखित रूप से आवेदन दिया है. जिसमें इन्होंने नियंत्री पदाधिकारी के आदेश के दबाव में आकर उनके द्वारा विपत्र संबंधी आपत्ति का निराकरण करने की बात कही है.

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