मधुबनी : आधुनिक युग के इस दौर में पूजा पाठ,धर्म कर्म से भी खासकर युवाओं का रूझान कम ही होता जा रहा है. इसी आधुनिकता के माध्यम से बेनीपट्टी के गम्हरिया गांव के लोगों ने पूजा पाठ को जोड़ दिया है. एक ऐसा तरीका ढूंढा है कि युवा पीढ़ी सीधे तौर पर पूजा पाठ व गांव स्थित सरस्वती मंदिर पर आ सकेगी. उनका मोबाइल से फोटो लेने का शौक भी पूरा होगा.
इसके लिए उन्हें बतौर इनाम भी दिया जायेगा. दरअसल गांव की पूजा कमेटी ने यह निर्णय लिया है कि आने वाले सरस्वती पूजा के दिन से अगले दो दिन तक मंदिर पर सेल्फी प्रतियोगिता आयोजित की जाये. इसमें प्रथम आने वाले प्रतिभागी को पुरस्कृत भी किया जायेगा. यानी कि गम्हरिया गांव में सेल्फी कंपीटीशन होने का एलान हो चुका है. यह संभवत: इस जिले का पहला सेल्फी कंपीटीशन होगा. इसके लिए गांव के 120 सदस्यों की टीम ने निर्णय लिया है.
समिति के सदस्य शिवनाथ कुमार व छोटू ने बताया है कि गांव में सरस्वती पूजा समिति के नाम से एक व्हाट्सअप ग्रुप बनाया गया है. इसमें गांव के ही 120 सदस्यों को जोड़ा गया है. इनमें से कई सदस्य आज देश व विदेश में विभिन्न पदों पर आसीन हैं. 13 सदस्यों की एक अलग कमेटी है जो सरस्वती पूजा को लेकर निर्णय करती है. उसे फिर 120 सदस्यों वाले ग्रुप पर शेयर किया जाता है. जिस पर सभी का विचार लिया जाता है. सेल्फी कंपीटीशन वाला निर्णय भी इसी आधार पर लिया गया है.
पूजा, तकनीक व युवाओं को जोड़ने की पहल. यह निर्णय पूजा समिति ने प्रयोग के तौर पर करने का निर्णय लिया है. समिति के इस निर्णय से सामाजिक गतिविधियों से दूर हो रहे व मोबाइल से चिपके रहनेवाले लोग भी बेसब्री से सरस्वती पूजा आने व खुद मंदिर जाने का इंतज़ार कर रहे हैं. शिवनाथ बताते हैं कि यह देखने में भले ही सेल्फी कंपीटीशन मात्र लगे, पर इसी के माध्यम से हमने पूजा की तकनीक व युवाओं को सीधे तौर पर जोड़ने की पहल की है.
आइये जानते हैं मंदिर के बारे में. जिला मुख्यालय से 27 किमी की दूरी पर बेनीपट्टी प्रखंड की मनपौर पंचायत के गम्हरिया गांव में अंकुरित सरस्वती माता का स्थान है. यह जिले का एकमात्र सरस्वती मंदिर है जहां पर मां शारदे की अंकुरित प्रतिमा है. काले रंग के दिव्य शिलाखंड पर ढ़ाई फुट की अंकुरित मां सरस्वती की मूर्ति है. मंदिर के संदर्भ में ग्रामीण बताते हैं कि 1948 में गम्हरिया गांव के डीह के निकट से मिट्टी खोदने के दौरान अंकुरित सरस्वती माता की मूर्ति मिली थी. ग्रामीण लोगों के सहयोग से उसकी प्राण-प्रतिष्ठा खुदाई स्थल के पास ही की गयी. इसके बाद कुछ वर्षों में मंदिर का भव्य रूप से निर्माण किया गया है. यह आज श्रद्धालुओं के लिए श्रद्धा का केंद्र है. यहां पड़ोसी देश नेपाल के भी श्रद्धालुओं का आना जाना होता है.
बीते 69 वर्षों से अंकुरित सरस्वती माता की पूजा धूमधाम से की जाती है. सरस्वती मंदिर में प्रत्येक दिन सुबह शाम पूजा, आरती एवं भव्य शृंगार होता है. बसंत पंचमी को सरस्वती पूजा के दिन अंकुरित सरस्वती माता को विधि-विधान से 56 प्रकार का भोग लगाया जाता है. आस्था का केंद्र बने इस मंदिर में आने वाले श्रद्धालु बताते हैं कि यहां मां सरस्वती से सच्चे मन से मांगने वाले कभी खाली हाथ नहीं लौटते.
सरस्वती पूजा की तकनीक से युवाओं को जोड़ने की है मंशा
22 व 23 जनवरी तक की सेल्फी को कर सकेंगे पोस्ट, 26 जनवरी को होगी विजेता की घोषणा
प्रतियोगिता में भाग लेने की शर्तें
सरस्वती मंदिर, गम्हरिया के संग सरस्वती पूजा के दिन व प्रातः यानी 22 व 23 जनवरी को ली गई सेल्फी फेसबुक पर पोस्ट करनी है.
सेल्फी पोस्ट को सरस्वती मंदिर गम्हरिया के फेसबुक www.fb.com/saraswatimandir.gamharia एकाउंट से टैग करना है.
25 जनवरी के 12 बजे रात तक जिसके पोस्ट पर सबसे अधिक लाइक मिलेंगे उसे 26 जनवरी को विजेता घोषित कर दिया जाएगा.
विजेता कोई एक होगा व प्रतियोगिता में कम से कम 21 प्रतिभागी का भाग लेना आवश्यक है.