पड़ताल. गायब हो गये 516 पिलर, अधिकारियों की बढ़ी चिंता
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भारत नेपाल सीमा का फिर होगा सीमांकन
पड़ताल. गायब हो गये 516 पिलर, अधिकारियों की बढ़ी चिंता बीते दिनों बैठक में उठा था मामला, दिसंबर में हो सकती है दोनों देशों के अधिकारियों के बीच बैठक मधुबनी जिले में है 150 किलोमीटर में भारत-नेपाल सीमा एसएसबी की दो वाहिनी के जिम्मे है सुरक्षा मधुबनी : भारत नेपाल सीमा का फिर से नये […]
बीते दिनों बैठक में उठा था मामला, दिसंबर में हो सकती है दोनों देशों के अधिकारियों के बीच बैठक
मधुबनी जिले में है 150 किलोमीटर में भारत-नेपाल सीमा
एसएसबी की दो वाहिनी के जिम्मे है सुरक्षा
मधुबनी : भारत नेपाल सीमा का फिर से नये सिरे से सीमांकन किये जाने की बात हो रही है. संभावना जतायी जा रही है कि दिसंबर माह के शुरू में ही इसको लेकर कार्य शुरू कर दिया जायेगा. जिला पदाधिकारी शीर्षत कपिल अशोक ने बताया है कि दिसंबर की शुरुआत में ही भारत सरकार की सर्वे टीम जिले में आने वाली है. फिर भारत नेपाल सीमा को लेकर दोनों देशों के बीच आधिकारिक वार्ता होगी और सीमांकन का काम शुरू कर दिया जायेगा.
दरअसल बीते एक दशक में नो मेंस लैंड से दोंनों देश के द्वारा लगाये गये पिलर में से 516 पिलर गायब हो गये हैं, जिसको लेकर सीमा पर गश्त करने एवं नो मैंस पर कई जगह लोगों द्वारा घर बनाये जाने व कब्जा किये जाने को लेकर भी समस्याएं सामने आ रही हैं.
सूत्रों की मानें तो मधुबनी जिला में भारत नेपाल सीमा के नो मेंस में लगाये गये करीब 516 से अधिक पिलर गायब हो चुके हैं. जबकि 213 पिलर भी पूरी तरह से क्षतिग्रस्त हो चुके हैं. जिसे ढूंढने की कोशिश तो जरूर की गयी, पर प्रशासन या एसएसबी के हाथ खाली ही रहे. पिलर गायब होने के कारण नो मेंस लेंड पर कई जगह पर घर बनाये जाने का काम भी शुरू किया गया. इनरबा, अकौन्हा में तो एसएसबी ने इस काम पर तत्काल रोक लगा दी थी. पर इसके बाद भी कई जगहों से पिलर एक के बाद एक कर गायब होते जा रहे हैं. यह भारत की चिंता को बढ़ा दी है. जयनगर स्थित एसएसबी की 48 वीं वाहिनी के समादेष्टा अनुज कुमार के अनुसार 48 वीं वाहिनी के रेंज में ही भारत नेपा का 65 किलोमीटर की दूरी में 555 पिलर लगाये गये थे. इसमें 120 क्षतिग्रस्त हैं जबकि 250 पिलर गायब हो चुके हैं.
इसके अलावे दूसरा रेंज राजनगर एसएसबी 18वीं वाहिनी के अधीन है. इस वाहिनी के अधीन भारत नेपाल सीमा 85.36 किलोमीटर में आता है. इससे कुल पिलरों की संख्या 684 है. जिसमें से 266 पिलर गायब हो चुके हैं. जबकि 93 पिलर क्षतिग्रस्त हैं. इसमें सबसे अधिक नारी कैंप के अधीन पिलर गायब हुए हैं. एएसएसबी की इस सीमा में कुल 50 पिलर गायब हो चुका है.
सात मुख्य पिलर भी गायब : जयनगर रेंज में गायब हुए 250 पिलर में सात मुख्य पिलर भी शामिल हैं. जबकि गायब हुए माईनर पिलर की संख्या 241 एवं 2 सहायक पिलर भी गायब हो चुके हैं.
चार जिलों को छूती है भारत नेपाल सीमा : केवल मधुबनी जिले की बात करें तो यह नेपाल के चार जिलों को छूते हुए गुजर रही है. जिसमें सप्तरी, धनुषा, सिरहा, और महोतरी शामिल है. इन चारों जिलों में मधुबनी जिले की सीमा 150.36 किलोमीटर में है.
चार प्रकार के हैं पिलर : एसएसबी जयनगर से मिली जानकारी के अनुसार भारत नेपाल सीमा के बीच चार प्रकार के पिलर लगाये गये हैं. जो इस प्रकार है.
मुख्य पिलर
माईनर पिलर
सहायक पिलर
सब पिलर
बीते दिनों बैठक में उठा था मामला, दिसंबर में हो सकती है दोनों देशों के अधिकारियों के बीच बैठक
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