मधुबनीः जिले के मान्यता प्राप्त निजी विद्यालयों में 25 प्रतिशत अभिवंचित व कमजोर वर्ग के बच्चों के लिये सात लाख 37 हजार 181 रुपये मिलेंगे. प्रति छात्र छात्र 4311 रुपये की दर से व्यय की स्वीकृति प्रदान की गयी है. जिले में वर्ग एक में कुल सीट के 25 प्रतिशत सीट पर समाज के कमजोर एवं अभिवंचित वर्ग के बच्चों को मान्यता प्राप्त निजी विद्यालयों में नामांकन कर शिक्षा प्रदान किया जाता है. स्वीकृत राशि की निकासी डीपीओ लेखा एवं योजना के द्वारा विद्यालय के प्राचार्य या प्रधानाध्यापक से प्राप्त प्री रिसिप्ट के आधार पर की जायेगी.
राशि की निकासी कर विद्यालयों को राशि प्रतिपूर्ति की जायेगी. विद्यालयों से पिछली राशि का उपयोगिता प्रमाण पत्र प्राप्त कर प्रस्वीकृत निजी विद्यालयों में कमजोर व अभिवंचित समूह के नामांकित बच्चों की संख्या के अनुपात में राशि विद्यालय प्रबंधन को बैंक खाते के माध्यम से प्रतिपूर्ति की जायेगी. विद्यालय द्वारा इसके लिये अलग से बैंक खाता संधारित किया जायेगा. जिले में वर्ष 2011 में 34 बच्चों का ही मान्यता प्राप्त निजी विद्यालय में हो सका. वर्ष 2012 में 67 बच्चों का नामांकन हुआ. वर्ष 2013 में 70 का नामांकन हुआ. इस तरह जिले में सिर्फ 171 कमजोर एवं अभिवंचित समूह के बच्चों का ही नामांकन हो सका. 4 हजार 311 रुपये की राशि प्रति बच्च दी गई है. कुल राशि 7 लाख 37 हजार 181 रुपये हैं.
वर्ष 2011, 12, 13 में मधुबनी जिले में भले ही सिर्फ 171 बच्चों का नामांकन हुआ पर अन्य जिलों की स्थिति अच्छी रही. पटना में 1379 बच्चों का नामांकन हुआ. जिसके लिये 59 लाख 44 हजार 869 रुपये की प्रतिपूर्ति की गई है. मुजफ्फरपुर में भी स्थिति संतोषजनक रही जहां तीन सालों में 846 का नामांकन हुआ और नामांकित बच्चों के लिये 36 लाख 47 हजार 106 रुपये दिये गये हैं. मधुबनी से सटे जिला दरभंगा का हाल भी मधुबनी से काफी अच्छा रहा. वहां कमजोर एवं अभिवंचित वर्ग के 620 बच्चों का मान्यता प्राप्त निजी विद्यालयों में तीन वर्षो के दौरान नामांकन हुआ और इनके लिये 26 लाख 72 हजार 820 रुपये प्रतिपूर्ति के रूप में मिले हैं. समस्तीपुर जिला में 416 बच्चों के नामांकन के लिये 17 लाख 93 हजार 376, पूर्वी चंपारण में 287 बच्चों के लिये 12 लाख 37 हजार 257 रुपये की प्रतिपूर्ति की गई है. पश्चिमी चंपारण में इन तीन सालों में 954 बच्चों का मान्यता प्राप्त निजी विद्यालयों में नामांकन हुआ जिनके लिये 41 लाख 12 हजार 694 रुपये दिये गये. समीप के सुपौल जिला में भी 341 नामांकन हुआ. कमजोर एवं अभिवंचित समूहों के बच्चों का मान्यता प्राप्त निजी विद्यालयों में नामांकन कराने में मधुबनी जिला का प्रदर्शन काफी खराब रहा. सिर्फ 171 बच्चों का तीन साल में नामांकन हुआ जबकि सूबे में 14 हजार 372 बच्चों का नामांकन हुआ जिसके लिये 6 करोड. 19 लाख 57 हजार 692 रुपये दिये गये हैं. मधुबनी को सिर्फ 7 लाख 37 हजार 181 रुपये ही मिले. अधिकांश जिले मधुबनी से आगे रहे.
ज्ञात हो कि शिक्षा के अधिकार के अंतर्गत मान्यता प्राप्त निजी विद्यालयों में 25 प्रतिशत कमजोर व अभिवंचित वर्ग के बच्चों का नामांकन कराया जाता है. पर मधुबनी जिले में काफी कम संख्या में अभिभावक अपने बच्चों का नामांकन कराते हैं. इसके अंतर्गत प्रति छात्र 4 हजार 311 रुपये सरकार देती है. बिहार सरकार के शिक्षा विभाग के संयुक्त सचिव सत्य नारायण का कहना है कि सूबे के 38 जिलों में वर्ष 2011, 12, 13 में कुल 14 हजार 372 बच्चों का 25 प्रतिशत कोटे के अधीन निजी विद्यालयों में नामांकन हुआ. इसके लिये 4311 रुपये प्रति छात्र की दर से 6 करोड. 19 लाख 57 हजार 692 रुपये के व्यय की स्वीकृति प्रदान की गयी है.