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मिथिला पेंटिंग से दूर होगी नेपाल में गरीबी की समस्या

मधुबनी : जल्द ही मिथिला पेंटिंग पड़ोसी देश नेपाल मेंं भी मधुबनी की तरह बनेगी और बिकेगी भी. इसको लेकर नेपाल के प्रतिनिधि मधुबनी के गांवों मेंं जाकर पेंटिंग बनाने की कला, बाजार में बेचने सहित अन्य जानकारी हासिल कर रहे हैं. संभावना जतायी जा रही है कि यहां के कलाकार नेपाल जाकर वहां के […]

मधुबनी : जल्द ही मिथिला पेंटिंग पड़ोसी देश नेपाल मेंं भी मधुबनी की तरह बनेगी और बिकेगी भी. इसको लेकर नेपाल के प्रतिनिधि मधुबनी के गांवों मेंं जाकर पेंटिंग बनाने की कला, बाजार में बेचने सहित अन्य जानकारी हासिल कर रहे हैं. संभावना जतायी जा रही है कि यहां के कलाकार नेपाल जाकर वहां के लोगों को पेंटिंग बनाने की कला सिखायेंगे.
मिथिला पेंटिंग से वहीं जीविका समूह इस कला को बाजार उपलब्ध कराने की दिशा मेंं नेपाली प्रतिनिधि को मदद करेंगे. साथ ही समय-समय पर नेपाल से उत्पादक समूह के सदस्य भी यहां आकर इस कला को सीखेंगे. जीविका समूह से मिले नेपाल के गरीब निवारण कोष के सदस्य नेपाल मेंं जीविका की तरह ही नेपाल गरीबी निवारण कोष का गठन किया गया है.
इस संस्था की 10 सदस्यीय टीम बीते दिनों मधुबनी पहुंची. समूह के अधिकारी जीविका समूह से मिले. जीविका के माध्यम से मिथिला पेंटिंग की कलाकृति कर रहे सिद्धहस्त कलाकारों से जानकारी ली. इस दौरान नेपाल गरीबी निवारण कोष के सदस्य रांटी, राजनगर मेंं जीविका शिल्प संघ के सदस्यों से मिले. नेपाल से आये लोगों ने कलाकारों से मिथिला पेंटिंग के कागज से लेकर कूची, रंग, पेंटिंग मेंं काम आनेवाले सभी सामान के साथ पेंटिंग की बारीकी से जानकारी हासिल करने की कोशिश की. लोगों ने पेंटिंग की सराहना की.
नेपाल से आये लोगों को जीविका शिल्प समूह के कलाकार नर्मदा देवी, इंदिरा देवी, अधीरा देवी, सुधा देवी, सुषमा मिश्र, इना देवी, विमल देवी, उषा देवी, वंदना कर्ण सहित अन्य कलाकारों से जानकारी ली. गरीबी उन्मूलन मेंं मील का पत्थर साबित होगी पेंटिंगनेपाल से आये
प्रतिनिधिमंडल ने मिथिला पेंटिंग को गरीबी उन्मूलन के लिये मील का पत्थर कहा. सदस्यों ने कहा कि नेपाल मेंं यह कला लोगों की जीविका का साधन बन सकती है. यदि इस कला को वहां बेहतर तरीके से अपनाया जाय, तो गरीबी दूर हो सकती है. खास कर ग्रामीण क्षेत्रों मेंं यह कला खूब विकसित हो सकती है.
प्रतिनिधि मंडल के सतीश चंद्र झा, कार्यक्रम समन्वयक शालिक राम, आरती श्रेष्ठ, विजय वागले, डा. वाइ वी थापा सहित अन्य सदस्यों ने कहा कि इस कला को सीखने व अपनाने के लिए हर कोशिश की जायेगी. संभावना जतायी कि हो सकता है जल्द ही यहां के कलाकारों को बुलाया जायेगा.
वहां के कलाकारों को भी इस जिले के कलाकारों से बेहतर ट्रेनिंग लेने के लिए यहां लाया जायेगा. कहा कि भारत हमेशा से ही नेपाल को मदद करता रहा है. इस कला से नेपाल को एक नयी दिशा मिलेगी. जीविका की ओर से समीर कुमार, जिला समन्वयक ऋिचा गार्गी, वाइपी नुपूर, अरविंद कुमार, पद्माकर मिश्रा सहित अन्य लोग शामिल थे.

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